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कभी था ICC एलीट पैनल का अंपायर... अब लाहौर में बेच रहा जूते-कपड़े!

IPL के बैन ने बिगाड़ दिया असद रऊफ का करियर.

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Asad Rauf
असद रऊफ (फोटो: ट्विटर)
24 जून 2022 (Updated: 28 जून 2022, 12:12 IST)
Updated: 28 जून 2022 12:12 IST
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असद रऊफ. पाकिस्तान से निकले दिग्गज अंपायर्स में से एक. रऊफ ने अपने करियर में 170 इंटरनेशनल मैच में अंपायरिंग की. लेकिन फिर IPL के दौरान उन पर करप्शन के चार्ज़ लगे और इसके बाद से उनका करियर धीरे-धीरे खत्म हो गया. ICC एलीट पैनल में शामिल रहे रऊफ ने अंपायरिंग छूटने के बाद क्रिकेट से ही तौबा कर ली. रऊफ आजकल लाहौर के एक बाजार में कपड़े और जूते बेचते हैं.

एक पाकिस्तानी टीवी चैनल से बातचीत करते हुए रऊफ ने कहा कि उनपर झूठा इल्ज़ाम लगाया गया था. साल 2000 से 2013 तक असद रऊफ ने इंटरनेशनल लेवल पर अंपायरिंग की थी. उन्होंने 49 टेस्ट, 98 वनडे और 23 T20 मैच में अंपायरिंग की थी. पाकिस्तानी न्यूज़ चैनल पाक टीवी को दिए इंटरव्यू में 66 साल के रऊफ से जब पूछा गया कि क्या वो अब भी क्रिकेट देखते हैं? जवाब में उन्होंने कहा,

‘नहीं, मैंने सारी उम्र जब खुद ही खिला दिया तो अब देखना किसको है.’

उन्होंने आगे कहा, 

‘मैंने 2013 के बाद क्रिकेट से बिल्कुल ही दूरी बना ली है, क्योंकि मैं जो काम छोड़ता हूं उसको छोड़ ही देता हूं.’

बता दें कि BCCI ने असद रउफ को साल 2016 में पांच साल के लिए बैन कर दिया था. उन पर करप्शन के चार्ज थे. रऊफ पर IPL2013 के दौरान सट्टेबाजों से महंगे तोहफे स्वीकार करने और IPL मैच पर सट्टा लगाने का आरोप भी लगा था. इससे पहले साल 2012 में रऊफ पर मुंबई की एक मॉडल ने यौन शोषण का आरोप लगाया था. मॉडल ने पुलिस के पास शिकायत में कहा था कि रऊफ ने शादी का वादा करते हुए छह महीने तक उनका यौन शोषण किया. इस मामले के सामने आने के बाद उन्हें IPL से बाहर कर दिया गया था. इस पर रऊफ ने इंटरव्यू में कहा,

‘लड़की वाला मामला जब आया था, तो मैं तो उसके अगले साल भी IPL करवाने गया था.’

हालांकि इन सबके बाद भी रऊफ ने स्वीकार किया कि उन्होंने IPL में खूब मज़े किए. रऊफ ने कहा,

 ‘इन सब मामलों को छोड़ दें, तो मैंने अपना सबसे अच्छा समय IPL में ही बिताया है.’

मौजूदा समय में असद रऊफ लाहौर के एक बाजार में अपनी कपड़ों और जूतों की दुकान चलाते हैं. इस बारे में उन्होंने कहा,

‘ये मेरा काम नहीं है, ये मेरे स्टाफ की रोज़ी लगी हुयी है, ये मैं उनके लिए करता हूं.’

उन्होंने आगे कहा,

‘मेरी आदत है, जिस काम को शुरू करता हूं उसकी पीक पे जाता हूं. मैंने क्रिकेट खेली है तो उसकी भी पीक पे मैं गया हूं. और फिर मैंने अंपायरिंग शुरू की, तो मैंने सोचा इसकी भी पीक पे ही जाना चाहिए.’

अंपायरिंग से पहले रउफ ने साल 1977 से लेकर 1991 तक पाकिस्तानी घरेलू क्रिकेट में हिस्सा लिया. इसके बाद साल 1998 में वह एक फर्स्ट क्लास अंपायर बन गए. साल 2000 में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने उन्हें पाकिस्तान और श्रीलंका के बीच खेले गए ODI मैच में अंपायरिंग का मौका दिया. इसके बाद साल 2004 में उन्हें इंटरनेशनल पैनल ऑफ अंपायर में शामिल कर लिया गया. 
 

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