Alia Bhatt ने Hero के ऐड में women drivers पर बात की, लोग किलस गए
कुछ ट्रोलवीरों ने लड़की चला रही है को एंटी मेन मान लिया.
Advertisement
"अरे दीदी, पैर से मत रोको, गाड़ी में ब्रेक भी होता है""अरे साइड दे दो चाची, पार्क में जाकर सीखो गाड़ी चलाना""लड़की चला रही है, एक्सीडेंट तो होना ही था""जाम लग गया, पक्का लड़की ने गाड़ी फंसाई होगी""कॉन्फिडेंस देख रहे हो दीदी का, गाड़ी संभल नहीं रही और आ गई चलाने""लड़की चला रही थी, इसलिए मैं हॉस्पिटल में हूं"
ये कुछ स्टेटमेंट हैं जो मैंने बहुत बार अपने आस पास के लोगों को कहते हुए सुना है. बड़े कैजुअली. जब मैंने स्कूटी चलाना सीखा, तो स्कूल में मेरे दोस्त मज़ाक में कहते पता भी है तुम्हें कि स्कूटी में ब्रेक नाम की भी एक चीज़ होती है या तुम भी बाकियों की तरह पैर से ही रोकती हो. पति-पत्नी वाले छुटभैया जोक्स की ही तरह लड़कियां और उनका गाड़ी चलाना भारतीय जोक इतिहास का अभिन्न हिस्सा है. और इसी की तस्दीक ट्विटर के खलीहरवीर कर रहे हैं. मैं बात कर रही हूं लड़कियों की ड्राइविंग और उसे लेकर बनने वाले जोक्स की. और इसपर बात करने की ज़रूरत क्यों पड़ी? क्यूंकि कल हीरो मोटो कॉर्प का एक ऐड आया. ऐड में आलिया भट्ट को फीचर किया गया था. टाइटल था - 'लड़की चला रही है'
ऐसा क्या है ऐड में कि लोग किलस गए ? ऐड शुरू होता है एक जाम के सीन से. जाम देखते ही एक अंकल कहते हैं, "पक्का लड़की चला रही होगी". इत्ता सुनते ही आलिया भट्ट स्कूटी से उतर कर आती हैं और सरकास्टिकली अंकल जी को जवाब देकर कहती हैं, "थैंक्यू अंकल. एटलीस्ट आपने नोटिस किया, लड़की ही चला रही है" फिर इसके बाद रैप सॉन्ग बजता है. एंड में आलिया जैम क्लियर करवाती है, और अंकल जी मुस्कुराकर कहते हैं, "अच्छा है, लड़की चला रही है" क्या है वो ऐड आप भी देखिए :
From business to show business, stadiums to podiums, boardrooms to courtrooms, women are driving us ahead. Field koi bhi ho #LadkiChalaRahiHai, fuelled by the all-new Hero Pleasure⁺ XTEC. Why Should Boys Have All The Fun?#HeroPleasurePlus #AliaBhatt #HeroPleasurePlusXTEC pic.twitter.com/CZYGlqONga — Hero Pleasure (@HeroPleasure) January 10, 2022इस ऐड के ज़रिये हीरो ने लड़कियों के ड्राइविंग से जुड़े मिथ तोड़ने की कोशिश की. लेकिन मुझे लगता है लोगों ने इसे उल्टा ही ले लिया. इसलिए कि इस ऐड के जवाब में लोग लग गए वीडियो ठेलने. ऐसे वीडियो, जिसमें लड़की गाड़ी चला रही है और उसका एक्सीडेंट हो जाता है.कुछ ट्रोलवीरों ने लड़की चला रही है को एंटी मेन ले लिया. उन्हें लगता है जैसे ये ऐड उन्हें टारगेट करने के लिए बनाया है. मतलब मैं मानती हूं कि नौकरियां कम हैं. लड़कियां भी गाड़ी चलाएंगी तो कम्पटीशन बढ़ेगा, आपको नौकरी मिलने के अवसर कम होंगे. और फिर कहीं ड्राइविंग में भी उन्हें रिजर्वेशन ना मिलने लगे आपको इसका भी डर होगा. है न? सोशल मीडिया पर क्यों महिला ड्राइवर्स को कोसा जा रहा ?
जैसे अमिता त्रिपाठी जी को लगता है, कि "ये एक फेमिनिस्ट कैंपेन है जो आदमियों को डिफेम करने के लिए बनाया गया है. ये फेमिनिस्ट कैंपेन औरतों को विक्टिम बता रहा है, विक्टम कार्ड खेलना बंद करो"अमिता जी, पुरुषों के खिलाफ होना और पुरुष सत्तात्मक समाज के खिलाफ होना दो अलग-अलग चीज़ें हैं. औरतों को यहां विक्टिम नहीं बनाया गया है, औरतों की ड्राइविंग को लेकर समाज में जो धारणा प्रचलित है उसके खिलाफ मैसेज देने की कोशिश की गई है.
अशर जी का कहना है, " लड़कियां बस कैंची की तरह अपनी ज़ुबान चला सकती हैं और कुछ नहीं"अशर जी, आंख कान खोलकर दुनिया देखिए. दुनिया भर में लड़कियां घर से लेकर दुनिया चला रही है. आप अपने ख्यालों में जी रहे हैं.
CBSE का स्टूडेंट नाम के ट्विटर हैंडल ने लिखा, " बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ। वो सब तो ठीक है, बेटी को ब्रेक मारना सिखाओ. मरते मरते बचा हूं "CBSE के स्टूडेंट आप पहले असली आईडी से आइए. वहां से अपनी आपबीती सुनाइए. बाकी आप थोड़े प्रोग्रेसिव लगे मुझे, एटलीस्ट आप लड़कियों को गाड़ी सीखने देने के तो पक्षधर हैं.
Men are humans too नाम के ट्विटर हैंडल ने लिखा, " मैं अपनी गाड़ी को उन कार से दूर रखता हूं जिसे महिला चला रही होती हैं. वो खुद को रियर कैमरा में देखने में बिजी रहती हैं या फोन पर लगे रहती हैं या फिर चिट चैट करने में. सीरियसली लड़के लड़कियों से अच्छी ड्राइविंग करते हैं. #TruthisTruth"ब्रो, फीमेल ड्राइवर है इसलिए रियर व्यू मिरर में अपनी शक्ल देखती है. कई मेल्स तो रियर व्यू मिरर का इस्तेमाल पीछे बैठे लोगों को देखने के लिए ही इस्तेमाल करते हैं. ये तो हालिया ऐड पर आए कुछ कमेंट थे. अब आपको कुछ मीम दिखाती हूं जो लड़कियों की ड्राइविंग पर बने हैं.
सबसे पहले ये देखिए. लड़की गाडी चला रही है और कैप्शन में लिखा है, " मुझे नहीं पता मैं क्या कर रही हूं"
कार एक्सीडेंट की इस फोटो के साथ लिखा है, "कभी किसी लड़की को गाड़ी चलाने मत दीजिए"
इस फोटो के साथ लिखा है, "हर पति का रिएक्शन ऐसा ही होता है जब पत्नी गाड़ी चला रही होती है"और जैसा कैप्शन है, तस्वीर ही सब कुछ कह रही है. ये सिर्फ कुछ मीम हैं जो मुझे गूगल सर्च करने पर मिले. इंटरनेट इसे हज़ारों मीम से पटा पड़ा है जिसमें फीमेल ड्राइविंग का मज़ाक उड़ाया जा रहा है. लड़कियां बुरी ड्राइवर होती हैं. इस लाइन को ऐसे इस्टैब्लिश किया गया कि ज़्यादातर लोग आज इसे फैक्ट मानने लगे हैं. चार लोगों में बैठकर अगर आप इस टॉपिक पर बात करेंगे तो तीन यही कहेंगे कि औरतें बुरी ड्राइवर होती है. उनकी ड्राइविंग बस उन्हें ही समझ आती है. फैक्ट्स क्या कहते हैं ?
ये हमारा ही दिमाग है कि जब पुरुष रैश ड्राइविंग करता है, तो हम कभी ये नहीं कहते कि पुरुष है, इसलिए खराब गाड़ी चला रहा है. जबकि महिला बुरी ड्राइविंग करती है, तो झट से कह देते हैं कि महिला है, इसलिए बुरी ड्राइविंग कर रही है. कितनी ही रिपोर्ट्स सामने आती हैं जो बताती हैं कि औरतों के मुकाबले पुरुषों के ज़्यादा एक्सीडेंट होते हैं, औरतों के मुकाबले पुरुष ज़्यादा रैश ड्राइविंग करते हैं. ड्रिंक एंड ड्राइव केसेस में भी पुरुष आगे हैं.
अब आते हैं स्टेटिस्टिक्स पर. ‘बैंक बाज़ार’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक: -ओवरस्पीडिंग में पुरुष औरतों से 12 फीसद आगे हैं.-हार्ड ब्रेक लगाने में पुरुष औरतों से 11 फीसद आगे हैं.-सरकारी डाटा के अनुसार, पुरुषों के मुकाबले औरतें कम एक्सीडेंट का हिस्सा हैं.-पुरुषों के मुकाबले औरतें ज्यादा हेलमेट और सीटबेल्ट लगाए हुए मिलती हैं.-इसके अलावा रैश ड्राइविंग और शराब पीकर गाड़ी चलाने का काम पुरुष ज्यादा करते देखे जाते हैं. लेकिन इन रिपोर्ट्स के सामने आने के बाद भी नैरेटिव क्यों नहीं बदला? क्यूंकि जब एक पुरुष का एक्सीडेंट होता है तो वो उस इंडिविजुअल का एक्सीडेंट होता है. जब एक लड़की का एक्सीडेंट होता है, तब वो औरत जात की गलती होती है. मैं ये नहीं कह रही की औरतें बुरी ड्राइविंग नहीं करती या औरतें बुरी डाइवर्स नहीं हो सकती, बिलकुल हो सकती हैं. बेशक कई लड़कियां बुरी ड्राइवर्स होती होंगी। पर वो स्किल की कमी की वजह से है. उसके जेंडर के नहीं.लड़की है इसलिए बुरी ड्राइवर है कहना और ऐसा मान लेना गलत है. आपकी क्या राय है इस मसले पर मुझे कमेंट में बताइये.