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'बिकिनी गर्ल' अर्चना गौतम के राजनीति में आने से लोगों को दिक्कत क्यों है?

अर्चना को ट्रोल करते हुए लोग बहुत नीचे गिर गए हैं.

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बाईं तरफ़ अर्चना गौतम और दाईं तरह अर्चना गौतम के साथ प्रियंका गांधी (तस्वीर :इंस्टाग्राम)
15 जनवरी 2022 (Updated: 15 जनवरी 2022, 08:27 IST)
Updated: 15 जनवरी 2022 08:27 IST
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बचपन में फैंसी ड्रेस कॉम्पटिशन में हिस्सा लेती थी. वहां हर किरदार अपने सोशल रोल के हिसाब से कपड़े पहन कर आता था. वकील हुआ तो काला ब्लेजर, डॉक्टर हुआ तो सफेद! सोशल रोल्स में कपड़ों की कंडीशनिंग बचपन से सिखाई जाती है. औरतों के लिए तो ये कंडीशनिंग कैरेक्टर सूचक चिह्न की तरह होती है. साड़ी है तो संस्कारी, जींस या शॉर्ट्स हैं तो बोल्ड! किसी के कपड़ों से उसका कैरेक्टर डिफ़ाइन हो या ना हो, उसके काम से जरूर होता है.
ये सब हम आपको इसलिए बता रहे हैं क्योंकि इन दिनों एक्ट्रेस कम मॉडल अर्चना गौतम अपने पहनावे के लिए ट्विटर पर खूब जज की जा रही हैं. ये जजमेंट्स तब शुरू हुए जब पिछली 13 जनवरी को कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों (UP elections 2022) के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की. कांग्रेस की इस सूची में 125 उम्मीदावारों में 40 फीसदी महिला उम्मीदवार हैं. इनमें से एक नाम अर्चना गौतम का भी है. उन्हें कांग्रेस की तरफ से हस्तिनापुर सीट से चुनाव लड़ने का टिकट मिला है. कौन हैं अर्चना गौतम? पेशे से अर्चना एक ऐक्ट्रेस और मॉडल रही हैं.  साल 2014 में अर्चना ने 'मिस यूपी' का टाइटल जीता. फिर साल 2018 में 'मिस बिकिनी इंडिया' और 'मिस इंडिया यूनिवर्स' का खिताब जीता.  इन टाइटल को जीतने के बाद उन्होंने 'मिस कॉस्मोस वर्ल्ड 2018' में इंडिया को रिप्रजेंट किया. अर्चना ने 2015 में अपना बॉलीवुड डेब्यू किया. वे ‘ग्रेट ग्रैन्ड मस्ती’ , ‘हसीना पार्कर’ , ‘बारात कंपनी’ और ‘वाराणसी जंक्शन’ जैसी फिल्मों का हिस्सा रह चुकी हैं. इसके अलावा उन्होंने कुछ तमिल और तेलुगु फिल्में भी की हैं. उन्होंने मेरठ के IIMT से BJMC यानी जर्नलिज़्म का कोर्स किया है. उसके बाद उन्होंने ग्लैमर इंडस्ट्री की तरफ़ रुख किया और अब हस्तिनापुर से कांग्रेस की कैंडिडेट बनकर चुनाव लड़ने जा रही हैं.
पत्रकार के ट्वीट की आलोचना अर्चना के पॉलिटिकल डेब्यू की खबर आते ही सोशल मीडिया पर उनकी ट्रोलिंग शुरू हो गई. उनके पहनावे से उन्हें जज किया जाने लगा. इनमें से जर्नलिस्ट स्वाति पाठक का ट्वीट सबसे अधिक चर्चा का विषय बन रहा है. ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा.
"प्रियंका गांधी ने तेलुगु अभिनेत्री और मिस बिकिनी 2018, अर्चना गौतम को हस्तिनापुर सीट दी. "
हालांकि ट्वीट में सीधे - सीधे कुछ नहीं लिखा गया है. लेकिन ट्वीट में अर्चना गौतम के जिस वीडियो का इस्तेमाल किया गया, लोगों ने उसके ऊपर आपत्ति जताई. लोगों ने कहा कि अर्चना के ऐक्टिंग या मॉडलिंग प्रोफेशन के ग्लैमरस वीडियो को पोस्ट कर उनकी राजनीतिक एंट्री पर रिएक्शन देना एक बायस्ड सोच को सामने लाता है. वो सोच ये है कि इन प्रोफेशन में शामिल औरतें राजनीति नहीं कर सकतीं.
स्वाति पाठक के ट्वीट को कोट पर कई लोगों ने रिएक्शन दिए. कांग्रेस के मुखपत्र 'नेशनल हेराल्ड' की कंसल्टिंग एडिटर संजुक्ता बसु ने ट्वीट करते हुए कहा,
"यह बेहद प्रेरणादायक और प्रसंशनीय है कि कांग्रेस पार्टी ने मॉडल और अभिनेत्री अर्चना गौतम को टिकट दिया. रूढ़ियों को तोड़ने के लिए प्रियंका गांधी को प्रणाम.  RW (राइट विंग ) के लोग अर्चना की स्लट शेमिंग कर रहे हैं.  विडंबना यह है कि सबसे गलत टिप्पणी  अपर कास्ट महिला पत्रकार की थी. "
स्वतंत्र पत्रकार रोहिणी सिंह ने लिखा,
"अर्चना के लिए यह अच्छा है कि वह वह सब कुछ कर रही हैं जो वह करना चाहती हैं. चाहे मिस बिकिनी जीतना हो या चुनाव में खड़ा होना हो. सच कहूं तो अर्चना गौतम सार्वजनिक जीवन में आतंकवाद की आरोपी प्रज्ञा से कहीं बेहतर हैं.  एक महिला के रूप में हमें अन्य महिलाओं को सशक्त बनाना चाहिए. रैन्डम वीडियो से उन्हें नीचा ना दिखाएं." 

 

 
लोगों का छिछलापन
जहां कुछ लोग अर्चना गौतम के फोटो और वीडियो को गलत रेफरेंस में शेयर करने के विरोध में आए. वहीं ट्विटर का एक बड़ा हिस्सा उन्हें ट्रोल करने में लगा हुआ है. एक ट्विटर यूज़र ने लिखा,
"लड़की हूं !! अपनी खूबसूरती से ला सकती हूं. उत्तर प्रदेश: तेलुगु एक्ट्रेस और मिस बिकिनी 2018, अर्चना गौतम को प्रियंका गांधी ने दी हस्तिनापुर सीट... उसका मज़ाक मत बनाओ, हो सकता है कल वो यूपी की  सीएम बन जाए"
इसी तरह एक यूजर ने ट्वीट किया, राजनीति का ड्रेसकोड क्या है? कोई पार्टी किसे और किस आधार पर टिकट देती है, ये उस पार्टी का अपना फैसला है. लेकिन एक महिला उम्मीदवार को उसकी सुंदरता, प्रोफेशन, या कपड़ों की चॉइस के लिए ट्रोल करना, इस बात की तरफ़ इशारा करता है कि एक बिकिनी पहनने वाली, ग्लैमरस लड़की पॉलिटिकल करियर के लिए कितनी मिसफिट है. ऐसी ही एक ट्रोलिंग तब भी हुई थी जब क्रोएशियाई (crotia) की पहली महिला राष्ट्रपति कोलिंदा ग्रैबर की बिकनी पहनी तस्वीरें सोशल हुई थी.
ऐसा पहली बार तो नहीं कि ब्यूटी पीजेन्ट या एक्ट्रेस रह चुकी कोई महिला पहली बार राजनीति का हिस्सा बन रही हो. तात्कालिक बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी इसका जीवंत उदाहरण हैं. कोई किस तरह के कपड़ों में किस तरह की तस्वीरें खिंचवाता है यह उसका व्यक्तिगत फैसला है. लेकिन प्रोफेशन, लुक, जेंडर या ड्रेसिंग को एक अलग करियर चॉइस से जोड़कर देखना और इसके लिए किसी की काबिलियत साबित होने से पहले ही उसे ट्रोल करना सही नहीं है.

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