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किडनी पर असर डाल सकता है सर्दी में होने वाला गले का दर्द!

इलाज आसान है, इसलिए लापरवाही ना करें.

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ठंड के मौसम में खांसना, छींकना, सर्दी-ज़ुकाम के केसेस ज़्यादा होते हैं
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16 दिसंबर 2021 (Updated: 16 दिसंबर 2021, 15:18 IST)
Updated: 16 दिसंबर 2021 15:18 IST
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(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

आदित्य 28 साल के हैं. दिल्ली में रहते हैं. ठंड के मौसम में उन्हें हर साल ही सर्दी, खांसी, ज़ुकाम होता था. चूंकिा ऐसा कई लोगों के साथ है, इसलिए वो ज़्यादा ध्यान नहीं देते थे. घर पर दवा खाकर आराम मिल जाता था, इसलिए उन्होंने कभी डॉक्टर को नहीं दिखाया. पिछली सर्दियों में उनका गला फिर ख़राब हुआ. पर उसके साथ-साथ और लक्षण भी दिखने लगे. जैसे बुखार, सिरदर्द, शरीर में दर्द, कुछ भी खाने या पीने में दर्द होना. हर बार की तरह इस बार भी उन्होंने  सोचा कि ये गले का दर्द कुछ ठंडा खाने-पीने से हुआ होगा. पर इस बार उन्हें अपनी दवाइयों और नुस्खों से आराम नहीं मिला. डॉक्टर को दिखाया. पता चला उन्हें स्ट्रेप थ्रोट है. यानी गले में होने वाला इन्फेक्शन जो ठंड में बहुत कॉमन होता है.
डॉक्टर ने आदित्य को ये भी बताया कि अगर वो इलाज में और देर करते तो इसका असर उनकी किडनी पर पड़ता. ये सुनकर वो डर गए. क्योंकि गले में दर्द, ख़राश, इन्हें हम बहुत लाइटली लेते हैं. ख़ासतौर पर ठंड के मौसम में. ठंड में तो सर्दी-ज़ुकाम होता ही है, ये सोचकर डॉक्टर को नहीं दिखाते. इसलिए आदित्य चाहते हैं कि हम स्ट्रेप थ्रोट पर एक एपिसोड बनाएं. ये क्या होता है, क्यों होता है, ठंड में मौसम में इतना आम क्यों है, इसके लक्षण, बचाव और इलाज के बारे में डॉक्टर से बात करके बताएं. तो सबसे पहले समझ लेते हैं स्ट्रेप थ्रोट क्या है और इसे गला खराब है समझकर इग्नोर क्यों नहीं करना चाहिए. स्ट्रेप थ्रोट क्या होता है? ये हमें बताया डॉक्टर मुहम्मद तारिक कमाल ने.
Tariq
डॉक्टर तारिक कमाल, एमबीबीएस, एमडी, रीवा


-एक बैक्टीरिया होता है जिसका नाम है ग्रुप ए स्ट्रेप्टोकॉकस.
-इस बैक्टीरिया से गले में होने वाले इन्फेक्शन को स्ट्रेप थ्रोट कहा जाता है.
-स्ट्रेप थ्रोट गले का होने वाला आम इन्फेक्शन है. ठंड के मौसम में स्ट्रेप थ्रोट की दिक्कत ज़्यादा क्यों होती है? -ठंड के मौसम में खांसना, छींकना, सर्दी-ज़ुकाम के केसेस ज़्यादा होते हैं.
-ठंडी हवा के कारण ऐसा होता है, इसलिए ये गले से फैलने वाला इन्फेक्शन है.
-ये इन्फेक्शन खांसी, सर्दी, छींक से फैलता है.
-या कॉमन सामान इस्तेमाल करने से फैलता है, जैसे तौलिया या ब्रश.
-ठंड के मौसम में स्ट्रेप थ्रोट के केसेस बढ़ जाते हैं.
-स्ट्रेप थ्रोट ठंड में ज़्यादा होने का एक और कारण है.
-ठंड के मौसम में हम ज़्यादातर बंद कमरों या बंद जगहों पर रहते हैं.
What is strep throat? Everything you need to know about strep throat, its symptoms, and how it differs to Covid | The Scotsman इस बैक्टीरिया से गले में होने वाले इन्फेक्शन को स्ट्रेप थ्रोट कहा जाता है


-बंद जगहों में रहने के कारण, बाहर ज़्यादा न निकलने के कारण लोग पास-पास रहते हैं.
-इसलिए ये खांसने, छींकने से ज़्यादा तेज़ी से फैलता है. लक्षण -गले में दर्द
-टोंसिल का बड़ा हो जाना
-तेज़ बुखार
-उल्टी सा लगना
-कुछ भी खाने-पीने में गले में दर्द होना
-सिर दर्द
-गले के साइड में मौजूद लिम्फ़ नोड्स का बड़ा हो जाना
-शरीर में दाने निकल आना
-शरीर में दर्द
-कभी-कभी अगर इसका ठीक से इलाज न किया जाए या ध्यान न दिया जाए तो आगे चलकर ये रूमैटिक हार्ट डिजीज या किडनी की प्रॉब्लम भी बन सकती है.
-इसलिए सही समय पर इलाज होना ज़रूरी है. डायग्नोसिस -इसके लिए 2 तरह के टेस्ट होते हैं.
-एक को कहते हैं रैपिड थ्रोट स्वाब टेस्ट.
Strep Throat or Sore Throat? Best Ways You Can Tell – Cleveland Clinic ये खांसने, छींकने से ज़्यादा तेज़ी से फैलता है


-जिसमें डॉक्टर ही अपने क्लिनिक में गले से स्वाब लेकर टेस्ट करके देखते हैं.
-तब पुख्ता होता है कि ये स्ट्रेप थ्रोट ही है.
-दूसरा टेस्ट है थ्रोट कल्चर.
-जिससे पता चलता है कि जो इन्फेक्शन है वो स्ट्रेप थ्रोट ही है, न कि कोई वायरल सोर थ्रोट. बचाव -सबसे ज़्यादा ज़रूरी है पर्सनल हाइजीन.
-साफ़-सफ़ाई का ध्यान रखें.
-समय-समय पर हाथ धोते रहें.
-अगर स्ट्रेप थ्रोट के लक्षण हैं तो जब तक एंटीबायोटिक के 48 घंटों का कोर्स पूरा न हो जाए, तब तक दूसरे लोगों से दूर रहें.
-अपने खाने के बर्तन दूसरों के साथ शेयर न करें.
-ठीक होने के बाद टूथब्रश ज़रूर बदल दें.
-खांसते, छींकते हुए रूमाल का इस्तेमाल करें.
Strep Throat or Sore Throat? Best Ways You Can Tell | Westside Head & Neck कभी-कभी अगर इसका ठीक से इलाज न किया जाए या ध्यान न दिया जाए तो आगे चलकर ये रूमैटिक हार्ट डिजीज या किडनी की प्रॉब्लम भी हो सकती है


-या अपने स्लीव पर छींके या खांसें, न कि हाथों पर. इलाज -स्ट्रेप थ्रोट का इलाज बहुत आसान है.
-जब भी लक्षण दिखें तो डॉक्टर को दिखाएं. जैसे अगर बुखार 102 से ज़्यादा हो, खाने-पीने में दर्द हो, गले में टोंसिल बढ़े हुए दिख रहे हों या टोंसिल पर सफ़ेद स्पॉट दिख रहे हों.
-जो एंटीबायोटिक दी जाती हैं वो कम से कम 10 से 14 दिन चलती हैं.
-इसलिए पूरा इलाज लेना ज़रूरी है.
-ट्रीटमेंट अधूरा छोड़ने पर दिल से जुड़ी प्रॉब्लम्स हो सकती हैं.
-इसलिए डॉक्टर जो एंटीबायोटिक दें, उसका पूरा कोर्स करें.
आपने डॉक्टर साहब की बातें सुनीं. एक बात तो साफ़ हो गई होगी. अगर आपको स्ट्रेप थ्रोट का इन्फेक्शन है और डॉक्टर ने आपको एंटीबायोटिक दी हैं, तो उसका पूरा कोर्स करना बेहद ज़रूरी है. अक्सर क्या होता है कि आपने 2-4 दिन दवा खाई, गला बेहतर लगने लगा, आपने दवा खाना छोड़ दी. पूरा कोर्स था 14 दिन का. ऐसा हरगिज़ न करें. क्योंकि अगली बार वो दवा असर नहीं करेगी, साथ ही हेल्थ पर असर पड़ता है वो अलग. इसलिए ध्यान रखिए.

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