अगर आपने ये गलतियां कीं तो स्किन पर पड़ सकते हैं लाल, खुजली वाले धब्बे
सोरायसिस नाम की ये बीमारी काफ़ी आम है.
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सोरायसिस. ये नाम सुना है आपने? स्किन की एक बहुत ही आम परेशानी है. हो सकता है आप नाम से न पहचान पाएं. पर आपने देखा होगा कई लोगों की स्किन पर चकत्ते पड़ जाते हैं. ये लाल रंग के होते हैं. इन पर सफ़ेद पपड़ी जैसी होती है. एकदम ड्राई. इनमें खुजली बहुत होती है. ये बहुत कॉमन है. किसी को भी हो सकता है. अरे आपको रश्मि देसाई याद हैं? उतरन सीरियल में तपस्या का रोल करती थीं. बिग बॉस सीज़न 13 में भी आईं थीं. उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया कि वह सोरायसिस से जूझ रही हैं. ये भी बताया कि इसकी वजह से उनको क्या-क्या तकलीफ़ हो रही है. अब सोरायसिस क्या होता है और क्यों होता है, पहले तो ये जान लेते हैं.
ये बताया हमें डॉक्टर अप्रतिम गोयल ने. स्किन की डॉक्टर हैं, क्यूटिस स्किन स्टूडियो मुंबई में.
डॉक्टर अप्रतिम गोयल, स्किन डॉक्टर, क्यूटिस स्किन स्टूडियो, मुंबई
क्या होता है सोरायसिस?
-सोरायसिस स्किन की एक कंडीशन है, जिसमें स्किन पर लाल छोटे-छोटे धब्बे हो जाते हैं
-उसमें से स्किन झड़ती रहती है, जैसे आपके सिर से डैंड्रफ गिरता है
-इसमें खुजली भी होती है
-सोरायसिस एक जेनेटिक कंडीशन है, मतलब पीढ़ी दर पीढ़ी ये बीमारी हो सकती है.
-साथ ही ये एक ऑटोइम्यून कंडीशन भी है
-ऑटोइम्यून कंडीशन का मतलब ये कि आपकी बॉडी के अपने सेल्स ही इस बीमारी को बनाते हैं. वो आपके शरीर के ही खिलाफ़ काम करने लगते हैं
सोरायसिस कुछ यूं दिखता है
कारण:
-हमारी स्किन में लेयर होती हैं. इस बीमारी में वो लेयर बढ़ती रहती हैं और झड़ती रहती हैं
-नीचे नई स्किन बनती है तो ऊपर की स्किन झड़ जाती है. आमतौर पर इसमें 30 से 35 दिन लगते हैं. जैसे बाल झड़ते हैं, वैसे स्किन भी झड़ जाती है
-बस आप इसे देख नहीं पाते क्योंकि स्किन के सेल्स बालों के मुक़ाबले बहुत छोटे होते हैं
-सोरायसिस में यही प्रोसेस थोड़ा फ़ास्ट हो जाता है
-28 या 30 दिन के बजाय, ये स्किन 7 दिन के अंदर ऊपर आ जाती है
-इसलिए वो इतनी जल्दी झड़ नहीं पाती और स्किन पर जमा हो जाती है
-सोरायसिस असल में डेड स्किन सेल्स होते हैं, जो स्किन के ऊपर आकर जमा हो जाते हैं
लक्षण:
-ये कोहनी, घुटने या सिर पर शुरू होता है
स्कैल्प सोरायसिस यूं दिखता है
-सोरायसिस सारी ज़िंदगी सिर्फ़ सिर के बालों के नीचे हो सकती है. इसे स्कैल्प सोरायसिस कहते हैं
-या ये सिर्फ़ हाथ और पंजों में ही हो सकती है, जिसे palmar-plantar सोरायसिस कहा जाता है
-ये कॉम्प्लीकेटेड कंडीशन इसलिए भी है क्योंकि इसमें बहुत सारे और भी फैक्टर हैं
-इसलिए सोरायसिस का कोई पक्का, 100 प्रतिशत ठीक करने का तरीका नहीं है
-कुछ दवाइयों के साइड इफेक्ट्स से भी सोरायसिस हो सकती है
-बच्चों में इन्फेक्शन के टाइम भी ये सामने आ सकती है
-अगर आप बहुत ज्यादा स्ट्रेस लेते हैं, तो भी ये बीमारी आपको घेर सकती है
-सोरायसिस ठंड के मौसम में ज़्यादा बढ़ जाती है
-ठंड के मौसम में स्किन पर पैचेज़ बढ़ने लगते हैं
-गर्मियों में ये पैचेज़ लगभग गायब हो जाते हैं
चलिए सोरायसिस क्यों होती है, ये तो पता चल गया. पर क्या इससे बचा जा सकता है? और अगर हो गया, तो इसका इलाज क्या है?
ये बताया डॉक्टर ज़ेबा छपरा ने. स्किन की डॉक्टर हैं. मुंबई में.
डॉक्टर ज़ेबा छपरा, क्यूटिस स्किन स्टूडियो, मुंबई
इलाज:
-सोरायसिस एक ऑटोइम्यून और क्रोनिक कंडीशन है
-यानी ऐसा नहीं है कि आप एक साल ट्रीटमेंट लो और ये हमेशा के लिए ख़त्म हो जाए
-जैसे डायबिटीज़ और थायरॉइड की बीमारी को हम सिर्फ़ कंट्रोल कर सकते हैं, वैसे ही सोरायसिस को भी सिर्फ कंट्रोल किया जा सकता है
-यदि आपको सोरायसिस हो तो ठंड के मौसम में ज़्यादा ध्यान दें
-स्किन को बार-बार मॉइस्चराइज़ करें
-आप तेल से भी मसाज कर सकते हैं, ध्यान रखें कि आपकी त्वचा रूखी न रहे
-अगर आपका वज़न ज़्यादा है तो वज़न कम करना चाहिए
-बैलेंस्ड खाना खाएं
-स्मोकिंग और ड्रिंकिंग से परहेज़ करें
-यदि सोरायसिस माइल्ड हो तो आप ओवर द काउंटर क्रीम इस्तेमाल कर सकते हैं
सोरायसिस के लिए ओवर द काउंटर क्रीम्स उपलब्ध हैं
-क्रीम, जिसमें सैलिसिलिक एसिड या कोल टार हो. इसे इस्तेमाल करने से पैचेज़ जल्दी ठीक हो जाते हैं
-स्टेरॉयड बेस्ड क्रीम भी आप लगा सकते हैं, जिससे लाल रंग के पैचेज़ जल्दी ठीक हो जाएं
-इनसे सोरायसिस न कंट्रोल हो तो तो स्किन डॉक्टर के पास ज़रूर जाएं, जो आपको गोलियों और इंजेक्शन के बारे में बता सकते हैं
-इंजेक्शन जैसे कि बाइअलॉजिक्लस सोरायसिस को काफ़ी अच्छे से और जल्दी ट्रीट करते हैं. लेकिन इन्हें डॉक्टर की गाइडेंस में ही लेना चाहिए
तो परेशान मत होइए. सोरायसिस से निपटा जा सकता है. इसलिए लक्षणों पर नज़र बनाकर रखिए. जितनी जल्दी पता चलेगा, उतनी जल्दी इलाज शुरू हो सकता है
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