अगर आपको ये परेशानी है तो आपके कूल्हे ख़तरे में हो सकते हैं!
हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी से आपके कूल्हों का इलाज किया जा सकता है.
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यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.
प्रदीप कानपुर के रहने वाले हैं. उम्र सत्तावन साल है. अर्थराइटिस के मरीज़ हैं . बहुत परेशान हैं. क्यों? काफ़ी समय से उनको कमर और कूल्हों में बहुत ज़्यादा दर्द है. शुरुआत में तो उन्होंने दर्द पर इतना ध्यान नहीं दिया. पर समय के साथ दर्द बढ़ता गया. अब हाल ये है कि उन्हें चलने में बहुत दर्द होता है. रात में वो करवट लेकर सो नहीं पाते. अकड़न महसूस होती है. डॉक्टर को दिखाया तो पता चला उनके कूल्हों के जॉइंट यानी जोड़ घिस गए. इस कारण उनको बैठने से लेकर चलने में तकलीफ़ होती है. फ़िलहाल वो लाठी की मदद से चल पा रहे हैं. डॉक्टर ने उन्हें जल्द से जल्द हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी करवाने की सलाह दी है. पर उनकी आसपास के लोग उन्हें ऐसी सर्जरी करवाने से मना कर रहे हैं. उनका कहना है कि इसके बाद वो और नहीं चल पाएंगे. उनकी मुसीबत बढ़ जाएगी. प्रदीप चाहते हैं हम इस सर्जरी के बारे में उन्हें सही जानकारी दें. ये सर्जरी कैसे की जाती है, इसका कोई नुकसान तो नहीं है, कितना ख़र्चा होता है. ये सब डॉक्टर से पूछे ताकि उन्हें और उनके जैसे बाकी लोगों को मदद मिल सके. तो चलिए, सबसे पहले जानते हैं हिप रिप्लेसमेंट क्या होती है, इसकी ज़रुरत क्यों पड़ती है और ये कैसे की जाती है?
क्या होती है हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी?
ये हमें बताया डॉक्टर गुरिंदर बेदी ने.
डॉक्टर गुरिंदर बेदी, डायरेक्टर, फ़ोर्टिस हॉस्पिटल, नई दिल्ली
-हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी या टोटल हिप रिप्लेसमेंट में हिप जॉइंट का बॉल और सॉकेट दोनों बदल देते हैं
-ये काफ़ी आम ऑपरेशन हैं
-इसकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत उन लोगों को पड़ती है जिनका कोई फ्रैक्चर हो गया हो हिप जॉइंट में
-या हिप जॉइंट की कोई बीमारी हो गई हो
-हिंदुस्तान में हिप जॉइंट की सबसे आम बीमारी है एवैस्कुलर नेकरोसिस (Avascular Necrosis). इसमें हड्डी के अंदर खून का दौरान ख़त्म हो जाता है
-हड्डी अपने आप गल सी जाती है
-उसका स्ट्रक्चर कमज़ोर हो जाता है वो घिस जाती है
-एक कारण टीबी भी हो सकता है
-या आपके अंदर कोई इन्फेक्शन हो और ये इन्फेक्शन हिप के अंदर चला जाए
-इससे हिप जॉइंट का लचीलापन ख़त्म हो जाता है
-उम्र के साथ अर्थराइटिस होने पर भी ऐसा होता है
-ये अर्थराइटिस हिप के अंदर भी बन सकता है
कैसे की जाती है हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी?
-ये ऑपरेशन मुश्किल ऑपरेशन बिलकुल भी नहीं है
-पर इसे करने के लिए काफ़ी सटीक होना पड़ता है ताकि नतीजा अच्छा हो
इस सर्जरी की सबसे ज़्यादा ज़रुरत उन लोगों को पड़ती है जिनका कोई फ्रैक्चर हो गया हो हिप जॉइंट में
-ऑपरेशन हिप के आगे या पीछे दोनों हो सकता है
-वहां की मांसपेशियां उठाई जाती हैं
-हिप को अपनी जगह से हटाया जाता है
-पुरानी हड्डी को काट दिया जाता है
-उसकी जगह एक कप लगाया जाता है
-दो तरीके के कप आते हैं. एक सीमेंट के साथ आता है और एक बिना सीमेंट के
-इन कप को अंदर बिठा दिया जाता है, हड्डी के अंदर
-जहां हिप जॉइंट की बॉल होती है वहां एक डंडीनुमा चीज़ लगाई जाती है जिसपर एक गोला लगा होता है
-इस ऑपरेशन में एक से डेढ़ घंटे का समय लगता है
-ये सेफ़ ऑपरेशन है. चाहे तो पेशेंट को उसी दिन खड़ा कर सकते हैं या अगले दिन भी कर सकते हैं
-क्योंकि जो पार्ट हिप में डाला जाता है वो लगभग उसी समय अपनी जगह पर बैठ जाता है
-शुरुआत में चलने में थोड़ी मुश्किल होती है
-धीरे-धीरे चलना नॉर्मल हो जाता है. पता भी नहीं चलता कि सर्जरी हुई है. पर ये समय के साथ होता है
साइड इफ़ेक्ट
-इस सर्जरी में ज़्यादा कोई कॉम्प्लीकेशन नहीं होती
-इसके कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं हैं
-पर अगर नकली जॉइंट लगाया गया है तो हो सकता है असर उतना न हो जितना आपकी आशा है
-फिर भी तकरीबन 15 से 25 साल आप आराम से चल सकते हैं अगर कोई और दिक्कत न हो
-एक कॉम्प्लीकेशन जो हो सकती है वो है डिसलोकेशन. यानी जोड़ अपने आप ही बाहर आ जाता है
ये सेफ़ ऑपरेशन है. चाहे तो पेशेंट को उसी दिन खड़ा कर सकते हैं या अगले दिन भी कर सकते हैं
-शुरुआत में कुछ एहतियात बरतने पड़ते हैं, उसके बाद जॉइंट अपने आप सेटल हो जाता है
-इन्फेक्शन का चांस ऑपरेशन के फ़ौरन बाद हो सकता है
-पैरों में क्लॉट आ सकते हैं
-कई बार दोनों पैरों की लंबाई में फ़र्क आ सकता है
हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी पर एक छोटा सा कोर्स आपका हो गया. अब आते हैं अगले सवाल पर. हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी करवाने से पहले और बाद में डॉक्टर्स पेशेंट को क्या टिप्स देते हैं. साथ ही जानते हैं इसमें मोटा-माटी कितना ख़र्चा आता है.
टिप्स
-इस ऑपरेशन में कोई ख़ास तैयारी करने की ज़रुरत नहीं होती
-किसी भी हॉस्पिटल में ये ऑपरेशन अच्छी तरह हो सकता है
-ज़्यादातर ऑर्थोपेडिक सर्जन ये ऑपरेशन कर पाते हैं
-थोड़ी स्पेशलिस्ट ट्रेनिंग की ज़रुरत ज़रूर पड़ सकती है
-ऑपरेशन से पहले अपनी सेहत पर ध्यान दें ताकि ऑपरेशन के दौरान कोई प्रॉब्लम न हो
-जैसे शुगर या हार्ट की बीमारी
तकरीबन 15 से 25 साल आप आराम से चल सकते हैं अगर कोई और दिक्कत न हो
-अगर हीमोग्लोबिन बढ़ा सकें या आयरन के सप्लीमेंट ले सकें तो बढ़िया रहता है
-हड्डियों की मजबूती बढ़ाने के लिए कुछ दवाइयां ले लें
-ये सब बाद में फ़ायदेमंद रहेगा
ख़र्चा
-इसका ख़र्चा दो चीज़ों पर निर्भर करता है
-पहली. जो पार्ट लग रहे हैं उनकी क्वालिटी कैसी है. वो सीमेंट वाला है, बिना सीमेंट वाला है, मेटल का है, या सिरेमिक वाला है. इसपर निर्भर करता है
-तकरीबन 2 से 3 लाख का ख़र्चा हो सकता है
उम्मीद है जिन लोगों को हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी की ज़रुरत है, ये जानकारी उनके काम आएगी.
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