बैठे-बिठाए अचानक हार्ट फेल कैसे हो जाता है?
हार्ट फ़ेल का मतलब है कि दिल ने धड़कना बंद कर दिया है.
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(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
हमें सेहत पर मेल आया महेश का. कानपुर के रहने वाले हैं. वो बताते हैं कि पिछले महीने हार्ट फ़ेल होने से उनके चाचा की डेथ हो गई. उनकी उम्र 55 साल थी. महेश का परिवार शॉक में है. उनका कहना है कि हार्ट फ़ेल से ठीक पहले उनके चाचा जी की तबियत एकदम ठीक थी. उन्होंने कोई ऐसे लक्षण महसूस नहीं हो रहे थे. न दिल में दर्द हुआ. वो रात में खाना खाकर लेटे और सुबह उठे नहीं. हालांकि उनके चाचा को हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज की शिकायत ज़रूर थी. महेश चाहते हैं हम हार्ट फ़ेल के टॉपिक पर बात करें. डॉक्टर्स से पूछकर लोगों को जानकारी दें कि अचानक, बैठे-बिठाए हार्ट फ़ेल कैसे हो जाता है.
वैसे आपकी जानकारी के लिए एक चीज़ बता दें. हार्ट फ़ेल होना और हार्ट फेलियर, दो अलग चीज़ें हैं. लोग अक्सर इनमें कनफ्यूज़ हो जाते हैं. साल 2019 में टाइम्स ऑफ़ इंडिया में एक ख़बर छपी थी. उसके मुताबिक, दुनियाभर में 2.6 करोड़ हार्ट फेलियर के मरीज़ हैं, जिनमें से 40 प्रतिशत इंडियंस हैं. सबसे पहले ये समझ लेते हैं कि हार्ट फ़ेल होने का क्या मतलब है और ये हार्ट फेलियर से कैसे अलग है. हार्ट फ़ेल होने का क्या मतलब होता है? ये हमें बताया डॉक्टर विशाल रस्तोगी ने.
डॉक्टर विशाल रस्तोगी, एडिशनल डायरेक्टर, इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी एंड हार्ट फेलियर प्रोग्राम
-हार्ट फ़ेल का मतलब है कि दिल ने धड़कना बंद कर दिया है.
-ये अचानक होता है.
-इसके बाद पेशेंट की मौत निश्चित होती है.
-ये बहुत ही गंभीर है. कारण -हार्ट फ़ेल का मुख्य कारण दिल की नसों में ब्लॉकेज या हार्ट अटैक होता है.
-कई अन्य कारण भी होते हैं.
-जैसे दिल की धड़कन तेज़ हो जाना.
-जिसे एरिथमिया कहा जाता है.
-ये ज़्यादातर उन मरीजों में होता है जिनमें नसों की ब्लॉकेज होती है.
-या दिल कमज़ोर हो चुका होता है.
-दिल कमज़ोर होने का मतलब डाइलेटेड कार्डियोमायोपैथी है.
-हार्ट फेलियर और हार्ट फ़ेल में फ़र्क होता है.
हार्ट फ़ेल का मुख्य कारण दिल की नसों में ब्लॉकेज या हार्ट अटैक होता है
-हार्ट फ़ेल होने का मतलब है हृदय आघात, हार्ट अटैक या दिल का तुरंत रुक जाना.
-हार्ट फेलियर का मतलब है एक ऐसी बीमारी जिसमें दिल अपना काम ठीक से नहीं कर पा रहा.
-उसकी वजह से मरीज़ को सांस फूलना, पैरों में सूजन या कमज़ोरी महसूस होना जैसे लक्षण होते हैं. बचाव -हार्ट फ़ेल से बचने के लिए ज़रूरी है कि खान-पान और स्वास्थ का ध्यान रखें.
-इसके लिए रोज़ एक्सरसाइज करें.
-40 मिनट के लिए रोज़ चलना.
-तली हुई चीज़ें अवॉइड करें.
-बहुत ज़्यादा शुगर न खाएं.
-नमक उचित मात्रा में लेना चाहिए (दिनभर में 5 ग्राम).
-इनके अलावा कुछ रिस्क फैक्टर्स हैं जैसे हाई ब्लड प्रेशर , डायबिटीज, स्मोकिंग.
-इन्हें कंट्रोल में रखें.
हार्ट फ़ेल से बचने के लिए ज़रूरी है कि खान-पान और स्वास्थ का ध्यान रखें
-अगर किसी को ब्लड प्रेशर या शुगर है तो इसका पता बिना चेक किए नहीं चलता.
-ये बीमारियां लंबे समय तक चलती हैं.
-धीरे-धीरे शरीर को नुकसान पहुंचाती हैं.
-ब्लड प्रेशर, शुगर नियमित रूप से चेक करें.
-अगर ये ज़्यादा हैं तो इनका इलाज करें.
-दवाइयों को रेग्युलर तौर पर लें.
-स्वास्थ्य का ध्यान रखें.
-अगर तंबाकू, खैनी का इस्तेमाल करते हैं या सिगरेट पीते हैं तो छोड़ दें.
-स्मोकिंग पैसिव भी ख़तरनाक है.
-यानी अगर आसपास कोई स्मोक कर रहा है तो वो भी ख़तरनाक है.
हार्ट फ़ेल होने का मतलब है ह्रदय आघात, हार्ट अटैक या दिल का तुरंत रुक जाना
-जिन लोगों को दिल की बीमारियां हैं, ब्लॉकेज हैं वो तो स्मोकिंग से बहुत दूर रहें.
-शराब भी अधिक मात्रा में ख़तरनाक है. इलाज -अगर दिल की बीमारियां हैं या ब्लॉकेज की दिक्कत है तो कार्डियोलॉजिस्ट की सलाह से इलाज करवाएं.
-जीवन में नियम फॉलो करें, सही खाना और दवाइयां लें.
-हार्ट फ़ेल होने पर मृत्यु निश्चित है.
-ऐसे में अगर तुरंत मेडिकल हेल्प नहीं मिलती है तो जीवन को ख़तरा है.
-बचाव ही इलाज है.
-बचने के लिए खुद को हेल्दी रखें.
हार्ट फ़ेल अचानक होता है. इसके बाद इंसान बच नहीं पाता. जैसे आपने डॉक्टर साहब की बाते सुनीं. बचाव ही इसका इलाज हैं. इसलिए जो टिप्स उन्होंने बताई हैं, उनका ध्यान रखें. अगर आपको शुगर या बीपी की प्रॉब्लम हैं, तो उसे चेक करवाते रहें और नियमित तौर पर दवाइयां खाते रहें.