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ये सुपरफूड क्या है जिसके हर तरफ इतने चर्चे हैं?

क्या सुपरफूड विदेशी कॉन्सेप्ट है? क्या ये बहुत महंगे होते हैं?

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सुपरफूड कोई अंतरिक्ष से आई चीज़ नहीं है, ये हमारे आसपास ही मिल जाते हैं. फोटो- पिक्साबे
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6 दिसंबर 2021 (Updated: 6 दिसंबर 2021, 14:44 IST)
Updated: 6 दिसंबर 2021 14:44 IST
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इस तरह की हेडलाइन्स इंटरनेट पर खूब मिलती हैं. लेकिन ये सुपरफूड्स होते क्या हैं? इनमें ऐसा क्या खास होता है जो आमतौर पर खाए जाने वाले दाल, भात, रोटी, सब्ज़ी और फलों में नहीं होता? ये कोई गोली-दवाई तो नहीं? क्या ये बहुत महंगे होते हैं? ये कुछ सवाल हैं जो सुपरफूड सुनते ही हमारे दिमाग में आते हैं. अब सवाल आए तो जवाब जानना भी जरूरी है. तो इसके लिए हमने बात की गुड़गांव के फोर्टिस अस्पताल की हेड क्लिनिकल न्यूट्रिशनिस्ट दीप्ति खटूजा से. उन्होंने बताया,
"सुपरफूड खाने की उन चीज़ों को कहा जाता है जिनमें भरपूर मात्रा में न्यूट्रिशन पाया जाता है. वो विटामिन्स और मिनरल्स जो हमारी इम्युनिटी को बढ़ाते हैं, हमें इंफेक्शंस से बचाते हैं."
Nutritionist Deepti Khatooja न्यूट्रिशनिस्ट दीप्ति खटूजा.
वो कहती हैं कि ऐसा माना जाता है कि सुपरफूड्स बाहर के देशों में होते हैं. महंगे होते हैं लेकिन ऐसा नहीं है. भारत में बहुत सी ऐसी चीज़ें मिलती हैं जो पौष्टिक तत्वों से भरपूर हैं और आसानी से मिल भी जाती हैं. उनका कहना है कि इंग्लिश नाम होने का मतलब ये बिल्कुल नहीं है कि सुपरफूड्स विदेशी ही होते हैं. उन्होंने हमें कुछ इंडियन सुपरफूड्स के बारे में भी बताया. क्या हैं इंडियन सुपरफूड्स? # मोरिंगा यानी ड्रमस्टिक. इसे भारत के अलग-अलग इलाकों में सहजन, मुनगा और शेंगा के नाम से जाते हैं. इसमें फाइबर के साथ-साथ भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं. आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम इसमें होते हैं. साथ ही ये कॉलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने में मदद करता है. साउथ इंडियन खाने में आपने इसे सांबार में खाया होगा. उसके अलावा इसकी पत्तियों को पराठे बनाने में इस्तेमाल कर सकते हैं. मध्य भारत के कई इलाके में इसकी पत्तियों की भाजी खाई जाती है, वहीं ड्रमस्टिक को दाल या सब्ज़ी में डालकर पकाया जाता है.
Moringa ड्रमस्टिक को देश के अलग-अलग हिस्से में शेंगा, सहजन, मुनगा, मोरिंगा के नाम से जाना जाता है.

# कुट्टू का आटा. इसे आमतौर पर व्रत का आटा भी कहा जाता है. ये मिनरल्स और प्रोटीन्स से भरपूर होता है. इसे केवल व्रत तक सीमित न करते हुए, डेली बेसिस पर इसका इस्तेमाल किया जा सकता है. जिन लोगों को ग्लूटन इंटॉलरेंस होती है वो इसे अच्छे से खा सकते हैं.
# मीठी तुलसी के बीज. मीठी तुलसी को सब्जा भी कहते हैं. ये तुलसी की कैटेगिरी का ही एक पौधा होता है. हर्ब्स में इसकी गिनती होती है. ये ओमेगा 3 फैटी एसिड से भरपूर होता है. इसको पीस करके इसे सूप में या ग्रेवी में इस्तेमाल कर सकते हैं.
Basil Seed मीठी तुलसी के बीज में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स मिलते हैं. फोटो- पिक्साबे

#अंकुरित गेहूं. इसमें आयरन, जिंक, मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स होते हैं. इसे ऐसे ही खाया जा सकता है. या फिर इसे खीर आदि में मिलाकर भी खाया जा सकता है. ये एक फाइबर रिच फूड है जिसे आप अपनी डायट में शामिल कर सकते हैं.
ये तो वो सुपरफूड्स थे जिनके बारे में न्यूट्रिशनिस्ट दीप्ति खटूजा ने हमें बताए. इनके अलावा मखाना, आंवला, हल्दी आदि की गिनती भी सुपरफूड्स में होती है. ये आसानी से मिल भी जाते हैं और इन्हें पकाने का कोई भारी झंझट भी नहीं होता है. न्यूट्रिशनिस्ट दीप्ति कहती हैं कि सुपरफूड्स तो ज़रूरी हैं ही, साथ ही ये भी ज़रूरी है कि आप संतुलित आहार लें और दिन में कम से कम आधा घंटा एक्सरसाइज़ करें.

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