डॉनल्ड ट्रंप. अमेरिका के राष्ट्रपति. पिछली 8 जनवरी को उनका ट्विटर अकाउंट संस्पेंड कर दिया गया. क्यों? क्योंकि उनके ऊपर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के सहारे दंगाइयों को उकसाने के आरोप लगे. उन दंगाइयों को, जिन्होंने 6 जनवरी को अमेरिकी लोकतंत्र के सबसे बड़े प्रतीक व्हाइट हाउस के कैपिटॉल हिल पर धावा बोल दिया. इन दंगाइयों ने वहां हिंसा की. जवाबी कार्रवाई में चार की मौत हो गई. ये दंगाई हिंसा के ठीक पहले ट्रंप द्वारा बुलाई गई रैली में शामिल हुए थे, खुद को ट्रंप समर्थक बता रहे थे.
इस पूरी हिंसा के दौरान ट्रंप एक तरफ तो अपने इन समर्थकों से कैपिटॉल हिल में हिंसा ना करने की बात कहते रहे, जबकि दूसरी तरफ इन दंगाइयों को देशभक्त भी बताते रहे. यही नहीं, हिंसा के दौरान ट्रंप ने ट्वीट करते हुए इन दंगाइयों को बहुत स्पेशल बताया. हिंसा के बाद भी ट्रंप का यह रुख जारी रहा. उन्होंने ट्विटर पर अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में धांधली होने का अपना खोखला दावा दोहराना जारी रखा. वे दंगाइयों को भी धन्यवाद देते रहे. यह सब देखते हुए ट्रंप का ट्विटर अकाउंट स्थाई तौर पर सस्पेंड कर दिया गया.
इस फैसले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई भारतीय मूल की विजया गड्डे (Vijaya Gadde) ने. 45 साल की गड्डे माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर की कानूनी नीति की हेड हैं. साथ ही वे ट्विटर की पब्लिक पॉलिसी, ट्रस्ट एंड सेफ्टी पॉलिसी को भी हेड करती हैं.
ट्रंप का ट्विटर अकाउंट सस्पेंड करने के बाद उन्होंने ट्वीट किया-
“और अधिक हिंसा के खतरे को देखते हुए डॉनल्ड ट्रंप के अकाउंट को ट्विटर से स्थाई तौर पर सस्पेंड कर दिया गया है.”
The account of @realDonaldTrump has been permanently suspended from Twitter due to the risk of further violence. We've also published our policy enforcement analysis – you can read more about our decision here: https://t.co/fhjXkxdEcw
— Vijaya Gadde (@vijaya) January 8, 2021
विजया गड्डे की कहानी
विजया गड्डे का जन्म हैदराबाद में हुआ. जन्म के बाद वे अपने माता पिता के साथ अमेरिका चली गईं. उनका बचपन अमेरिका के टेक्सस और न्यू जर्सी राज्यों में बीता. यहीं उनकी पढ़ाई हुई. गड्डे ने न्यूयॉर्क यूनीवर्सिटी स्कूल ऑफ लॉ से ज्यूरिस डॉक्टर की डिग्री और कॉर्नेल यूनीवर्सिटी से इंडस्ट्रियल एंड लेबर रिलेशन में बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री हासिल की.
गड्डे की ट्विटर प्रोफाइल देखने पर पता चलता है कि ट्विटर में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभालने से पहले वे ज्यूनिपर नेटवर्क्स में काम करती थीं. ज्यूनिपर नेटवर्क्स अमेरिका की एक मल्टीनेशनल कंपनी है. गड्डे यहां पर लीगल डिपार्टमेंट की सीनियर डॉयरेक्टर थीं.
साथ ही साथ गड्डे न्यूयॉर्क यूनीवर्सिटी लॉ स्कूल की बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की सदस्य हैं. वे मर्सी कॉर्प्स नाम की संस्था के बोर्ड में भी शामिल हैं. यह संस्था दुनियाभर में मानवतावादी काम करती है. विजया गड्डे एंजेल्स नाम के एक इनीशिएटिव की को-फाउंडर भी हैं. यह इनीशिएटिव अलग-अलग बैकग्राउंड से आए लोगों को अपने नए आइडियाज को पूरा करने में हेल्प करता है.
मर्सी कॉर्प्स पर गड्डे की प्रोफाइल देखने पर उनके जीवन के दूसरे रंगों का भी पता चलता है. इस प्रोफाइल के मुताबिक गड्डे अपने फ्री टाइम में फिक्शन लिटरेचर पढ़ती हैं, अपने बच्चे के साथ खेलती हैं. उन्हें कुकिंग, हाइकिंग और ट्रेवलिंग भी पसंद है.
Jack Dorsey के बहुत करीब हैं Vijaya Gadde
ट्विटर में विजया गड्डे का कद बहुत बड़ा है. पॉलिटिको में अक्टूबर 2020 में छपे एक आर्टिकल के मुताबिक गड्डे ट्विटर के बाहर ज्यादा लोगों से मिलती जुलती नहीं हैं. लेकिन कंपनी के अंदर ट्विटर के सीईओ जैक डोर्सी से उनके अच्छे संबंध हैं. कंपनी को लेकर बड़े फैसलों में वे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. कंपनी के हेडक्वॉर्टर्स में उनके केबिन भी एक दूसरे के बगल में ही हैं. किसी बड़ी प्रेस मीट में डोर्सी के साथ गड्डे जरूर नजर आती हैं.

यही नहीं 2019 में जब जैक डोर्सी डॉनल्ड ट्रंप से मिले थे, तब विजया गड्डे उनके साथ ही गईं थीं. इसी तरह भारत में दलाई लामा के साथ भी उन्होंने मुलाकात की. इस समय भी डोर्सी साथ में ही थे.
ट्विटर के एक पूर्व कर्मचारी के मुताबिक, “जब भी कोई बड़ा फैसला लेना होता है तो डोर्सी आदेश देते हैं. विजया नंबर दो की तरह काम करती हैं. उनकी भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है.”
अपने लिबरल नजरिए के लिए जानी जाती हैं
पॉलिटिको के आर्टिकल के अनुसार विजया गड्डे अपने उदारवादी नजरिए के लिए जानी जाती हैं. ट्विटर पर कोई यूजर क्या पोस्ट कर सकता है और क्या नहीं, इसका निर्धारण करने में उन्होंने एक बड़ी भूमिका निभाई है. गड्डे ने ट्विटर पर मौजूद दुनियाभर के धुर-दक्षिणपंथी और एक्सट्रीम समूहों पर रोक लगाई है. फिर चाहे वे कनाडा का प्राउड ब्वॉयज हो या फिर ग्रीस का गोल्डन डॉन. वे अपने फैसलों को अच्छे से डिफेंड करना भी जानती हैं.
अपने इस नजरिए की वजह से गड्डे अक्सर कंजरवेटिव समूहों के निशाने पर रहती हैं. हालांकि, वे चुपचाप अपना काम करती रहती हैं. ट्विटर में वे करीब 350 लोगों की टीम को संभालती हैं. यहां ना केवल वे कोविड 19 से संबधित फेक न्यूज को रोकती हैं, बल्कि दुनियाभर की सरकारों द्वारा सोशल मीडिया पर असहमति के स्वर को दबाने के प्रयासों से भी लड़ती हैं.
हाल ही में ट्विटर ने लेबल फीचर को लागू करना शुरू किया है. इस फीचर के तहत ट्विटर अलग-अलग तरह की भ्रामक और फेक जानकारियों पर लेबल लगाता है, ताकि यूजर सतर्क हो जाएं. गड्डे ने इस फीचर को लागू करने में प्रमुख भूमिका निभाई है.
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