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'पुत्र प्राप्ति' के लिए सेक्स का समय और पोजीशन बताने वाले बाबा साइंस क्यों नहीं पढ़ते?

साइंस बताएगा कि गर्भ में बेटा कैसे आता है.

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यूट्यूब पर कई सारे वीडियो ऐसे पड़े हैं, जिनमें 'पुत्र प्राप्ति' के तरीकों को बाकायदा बताया गया है. (प्रतीकात्मक तस्वीरें)
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21 जून 2021 (Updated: 21 जून 2021, 15:50 IST)
Updated: 21 जून 2021 15:50 IST
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कल या परसों की बात है. मैं यूट्यूब पर कुछ देख रही थी. अचानक से एक वीडियो पर मेरी नज़र पड़ी. जिसके थंब इमेज में लिखा था- पुत्र प्राप्ति के लिए ये तरीके अपनाएं, फल मिलेगा. मैंने उसे प्ले किया. फिर उसी तरह के कई सारे वीडियो मुझे एक के बाद एक दिखाई देने लगे. इन सारे वीडियो में अलग-अलग तरह के कई सारे उपाय बताए गए थे, और 100 फीसदी इस बात का दावा किया गया था कि आप अगर इन्हें अपनाएंगे तो आप लड़के को ही जन्म देंगे. हद तो तब हो गई जब एक वीडियो के टाइटल में मुझे ये लिखा दिखा कि गर्भधारण करने के बाद भी कई सारे उपाय अपनाकर आप अपने बच्चे का लिंग निर्धारित कर सकते हैं. मेरा सिर चकरा गया. इन सारे वीडियो में लाखों-लाख व्यूज़ भी थे. मतलब इससे पता चलता है कि किस कदर हमारे यहां आज भी लोग लड़के के पैदा होने की चाहत रखते हैं. खैर, ये सब देखने के बाद, हमने सोचा कि क्यों न आज का शो इसी मुद्दे पर किया जाए. हम आपको इन्हीं कुछ वायरल दावों के बारे में बताएंगे, और ये भी बताएंगे कि इनमें सच्चाई कितनी है.

यूट्यूब में इन वीडियो की भरमार है

एक छोटा से प्रैक्टिकल करिए. अपने-अपने फोन में यूट्यूब खोलिए और सर्च बार में जाकर लिखिए- पुत्र प्राप्ति के उपाय. क्या दिखा? ज़ाहिर है इससे जुड़े वीडियो की लंबी सी लिस्ट आपके सामने खुल गई होगी. अब ऐसा ही फेसबुक पर भी करिए, वहां भी लंबी सी लिस्ट आपको मिल जाएगी. हमने यूट्यूब में एक वीडियो प्ले किया. जिसमें दावा किया गया था कि इंटरकोर्स के तुरंत बाद अगर औरतें सीधे हाथ के बल पर करवट लेकर लेटेंगी, तो लड़का होगा. और अगर उल्टे हाथ के बल पर करवट लेकर लेटेंगी तो लड़की होगी. और बाकायदा लिखा गया था कि ये साइंटिफिक रिसर्च पर आधारित है.


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यूट्यूब पर सर्च करने में ऐसा दिखेगा आपको.

इसी तरह का एक और वीडियो हमने देखा. जिसमें खुद को एस्ट्रोलॉजर बता रहे एक व्यक्ति ने दावा किया कि महिलाओं के पीरियड्स आने के बाद के दसवें, 12वें, 14वें और 16वें दिन में अगर गर्भधारण की कोशिश की जाए, तो बेटा होगा. और अगर विषम दिन माने ऑड डेज़ पर ट्राई किया जाए तो लड़की होगी. इसे गर्भधारण का सम-विषम समावेश नियम कहा गया. इतना सुनने के बाद एक दूसरे वीडियो को हमने प्ले किया. जिसमें बताया गया कि किस पोजीशन में फिज़िकल होने पर बेटा होगा. वीडियो में जो कहा गया, वो हम शब्दश आपके सामने रख रहे हैं-

"जब पुत्र प्राप्ति के लिए गर्भ धारण करनो हो, तो हमेशा पत्नी को पति की बाई तरफ माने लेफ्ट साइड होना चाहिए. पति को दाईं तरफ, माने राइट साइड होना चाहिए. गर्भ धारण के लिए संबंध बनाने से पहले कम से कम आधे घंटे आपको इस तरह लेटे रहना है."

इसी वीडियो में इंटरकोर्स की पोजीशन को लेकर और भी न जाने क्या क्या ज्ञान दिया गया. जो कि हमारे तो पल्ले नहीं पड़ा. लड़के के जन्म के लिए वायरल तीन दावों की जानकारी तो हमने आपको दे दी. अब बढ़ते हैं चौथे दावे की तरफ. एक अन्य वीडियो में खुद को धर्म का जानकार बताने वाले एक व्यक्ति ने दावा किया कि नारियल का बीज भी बेटे के जन्म को निर्धारित करने के लिए बहुत अहम है. वीडियो में कहा गया-

"नारियल के बीज को गाय के दूध के साथ गर्भधारण करने के पहले निगल लें, इससे पुत्र रत्न की प्राप्ति होगी. गर्भावस्था के दूसरे महीने भी नारियल का बीज निगलें और तीसरे महीने भी. यही कामना के साथ कि बेटा पैदा हो."

इसके अलावा कुछ वीडियो में खुद को पंडित बताने वाले व्यक्तियों ने अलग-अलग तरह के मंत्र भी सुझाए. कहा कि इन मंत्रों का सुबह-शाम जाप करने पर बेटा होगा. किसी ने कोई बीज खाने का सुझाव दिया, तो किसी ने एक ग्लास पानी से जुड़ा कोई उपाय बताया. मतलब इतने सारे टोटके बताए, कि हम एक-एक को गिना भी नहीं सकते. हमने फेसबुक पर भी देखा. वहां भी ऑड और ईवन तारीखों वाला फॉर्मुला काफी वायरल है. एक पोस्ट में लिखा है-

"यदि पुत्र की इच्छा करनी हो तो पत्नी को ऋतुकाल की 4,6,8,10 और 12वीं रात में से किसी एक रात को शुभ मुहूर्त पसंद करके समागम करना चाहिए. यदि पुत्री की इच्छा हो तो ऋतुकाल की 5,7 या 9वीं रात में से किसी एक रात को समागम करना चाहिए."


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फेसबुक पर वायरल पोस्ट.

ऋतुकाल मतलब औरतों के पीरियड के पहले दिन से लेकर 16वें दिन तक का समय. और समागम मतलब सेक्स.

जब 'ऑडनारी'  ने की दावा करने वालों से बात

इन उपायों का दावा करने वाले लोग खुद को तथाकथित पंडित और एस्ट्रोलॉजर बताते हैं. हमने सोचा कि थोड़ा और गहराई से इस मुद्दे को खोजा जाए. इसलिए हमारी एक साथी ने अपनी पहचान बदलते हुए कुछ तथाकथित पंडितों और एस्ट्रोलॉजर्स को कॉल किया, इनमें से बहुतों का खुद का यूट्यूब चैनल है, जिनमें 'पुत्र रत्न प्राप्ति के उपाय' वाले वीडियो की भरमार है.

पहले तथाकथित पंडित से हुई बातचीत-

हमारी साथी- मेरी शादी को 10 साल हो गए हैं. अब जाकर मैं गर्भधारण कर सकी हूं.

पंडित जी- आपको शुभकामनाएं.

हमारी साथी- धन्यवाद पंडित जी. लेकिन डॉक्टर्स ऐसा कह रहे हैं कि एक ही बार मैं प्रेगनेंट हो सकती हूं. इसके बाद मुझे दिक्कत होगी, अगर आगे मैं प्रेग्नेंसी प्लान करूंगी तो. मैं चाहती हूं कि मुझे बेटा हो. क्या कोई उपाय आप बता सकते हैं?

पंडित जी- अपने यहां पर तो ऐसा है, एक तो गोपाल सतनाम या संतान गोपाल स्तोत्र का आप पाठ कर सकती हैं तो बहुत अच्छी बात है. नहीं कर सकती हैं तो इसे सुनिए आप. रोज़ सुबह-शाम दो बारी सुनिए. भगवान की, गीता जी का पाठ करें.

हमारी साथी- आपकी आवाज़ साफ नहीं आ रही है पंडित जी.

पंडित जी- एक तो संतान गोपाल स्तोत्र का पाठ करें. गोपाल सतनाम का पाठ करें. एक सुदर्शन कवच होता है. ये तीनों ही गर्भ की रक्षा के लिए होते हैं. अगर आप इनका पाठ कर सकते हैं तो सर्वश्रेष्ठ है, नहीं कर सकते हैं तो ज्यादा से ज्यादा सुनें इन्हें. सुबह और शाम तो ज़रूर सुनें. अच्छी पुस्तकों का, धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन करें. ये सर्वश्रेष्ठ उपाय हैं.

हमारी साथी- तो इन सबसे क्या मुझे पुत्र रत्न की प्राप्ति होगी? बेटा होगा?

पंडित जी- जी अवश्य होगी. संतान गोपाल सर्वश्रेष्ठ है इसके लिए.

इसके बाद हमने दूसरे व्यक्ति को कॉल किया. बातचीत ये रही-

हमारी साथी- पंडित जी, थोड़ा आपसे सुझाव चाहिए थे.

पंडित जी- क्या सुझाव चाहिए, बताइए.

हमारी साथी- मेरी शादी को 6-7 महीने हो गए हैं और अब हम लोग परिवार पूरा करने का सोच रहे हैं. तो गर्भधारण की हमारी योजना है. मेरी जेठानी की पहले से दो बेटियां हैं, मैं चाहती हूं कि मुझे बेटा हो.

पंडित जी- उसके लिए 500 रुपए फीस लगती है प्रॉपर जानकारी के लिए. 500 रुपए फीस दीजिए. उसके बाद अपने दोनों हाथ की फोटो सेंड करिए. मैं आपको प्रॉपर गाइडेंस कर दूंगा.

हमारी साथी- ऐसे कोई बिना पैसे का उपाय आप नहीं बता सकते हैं?

पंडित जी- नहीं-नहीं. ऐसा है न कि इस तरह से फेक उपाय होता है. रियल उपाय के लिए तो आपके हाथ की फोटो वगैरह चाहिए. तभी पता चलता है.

हमारी साथी- मेरे हाथ की फोटो केवल, या मेरे पति के हाथ की भी?

पंडित जी- दोनों की भेज दो, या फिर अपने ही दोनों हाथ की भेज दो.

हमारी साथी- उसके बाद आप क्या देखेंगे? क्या होगा? मुझे पूछना था ताकि मैं अपने पति को बता सकूं.

पंडित जी- उसमें ऐसा है न कि इस महने आप लोगों को ट्राई करना चाहिए या एक महीने बाद करना चाहिए. क्या समस्या है? कोई दवाई की ज़रूरत तो नहीं पड़ेगी. ये प्रॉपर जानकारी आपको मिलेगी.

हमारी साथी- ऐसी कोई दवाई वगैरह भी आती है क्या?

पंडित जी- हां दवाई भी आती है.

हमारी साथी- मतलब अगर मैं ये सब आपको भेजूंगी, तो आप सटीक उपाय बता देंगे.

पंडित जी- जी, जी...

हमारी साथी- आपसे मिलने आना होगा या फोन पर ही आप बताएंगे?

पंडित जी- फोन पर ही बता देंगे आपको सारी जानकारी.

हमारी साथी- ठीक है मैं एक बार अपने पति से बोलूंगी. लेकिन मैंने आपके यूट्यूब में कुछ-कुछ देखा था. वहीं से आपका नंबर मिला था. आपका चैनल भी है न?

पंडित जी- विधि तो सभी प्रकार की उसमें डाले होते हैं. लेकिन सभी की कुंडली के अंदर एक ही प्रकार की दशा नहीं होती. अलग-अलग दशा होती हैं. अलग-अलग दोष होता है. किसी का पैतृक दोष है, जिससे लड़की-लड़की होती है, लड़का नहीं होता है. तो बहुत सारी चीज़ होती है. ये सब देखने के बाद आगे बढ़ना होता है. ये देखना होता है कि लड़का होने का योग है या नहीं. कई बार दवाई फेल हो जाती है, तो इसलिए प्रॉपर तरीके से आगे बढ़ना होता है. प्रॉपर टाइम पर करना होता है, तब जाकर लड़का होता है. और पुरुष ग्रहों की संज्ञा में गर्भधारण किया जाता है, तभी जाकर फल मिलता है. अन्यथा लड़की होने के योग प्रबल होते हैं. दूसरी बात आजकल क्या है कि संतति चक्र में बहुत सारे घृणित ग्रह होते हैं, पूजा-पाठ, नियम वगैरह हमारे जीवन में नहीं होता है. तो आजकल बहुत घर में लड़की-लड़की होती है. तो ये सभी चीज़ों को लेकर सही तरीके से चलेंगे, तभी रिज़ल्ट आएगा. फेक तरीके से चलने पर कोई लाभ होगा. न ही मैं इस प्रकार के उपाय बताता हूं.

हमारी साथी- जी-जी पंडित जी. मैं समझ रही हूं. मतलब अगर कोई दोष निकला कुंडली देखने के बाद, तो उसका भी हम उपाय कर सकते हैं.

पंडित जी- जी-जी, बिल्कुल-बिल्कुल.

एक-दो जगह और हमने कॉल किया. दिक्कत सुनने के बाद हर किसी ने दावा किया कि उनके पास ऐसे उपाय हैं जिनसे बेटे का ही जन्म होगा. लगभग हर किसी ने महिला और उसके पति की कुंडली मंगवाई. कहा कि कुंडली को देखकर ये पता लगाया जाएगा कि किस्मत में बेटे का योग है या नहीं. अगर योग नहीं है, तो कई सारे उपाय करके बेटे का जन्म करवाया जाएगा. अगर कुंडली में कोई दोष है, जिसके चलते बेटा नहीं हो सकता, तो उस दोष को मिटाने के लिए कोई पूजा-पाठ करवाई जाएगी. इन पंडितों ने अपनी फीस भी बताई. और ज़ाहिर है अगर इन्होंने कोई उपाय सुझाए और तथाकथित पूजा-पाठ करवाई, तो उसके लिए भी मोटी रकम वसूली जाएगी.

इन उपायों की सच्चाई क्या है?

इन सारे उपायों और टोटकों की सच्चाई जानना भी ज़रूरी है. साथ ही ये जानना भी इम्पॉर्टेंट है कि किसी बच्चे के जेंडर के पीछे क्या फैक्टर ज़िम्मेदार होता है. ये जानने के लिए हमने बात की डॉक्टर ऋतिकां सिंघल से. ये नियोनेटोलॉजिस्ट और पीडियाट्रिशियन हैं. सुनिए उन्होंने क्या कहा-

"एक इंसान मेल है या फीमेल, ये कैसे माना जाता है. इनका एक क्रोमोज़ोम पैटर्न होता है. जब ये बात आती है कि एक आदमी है या औरत है, तो अंश में XX क्रोमोज़ोम आया है, या XY क्रोमोज़ोम आया है, इससे ही हम पता लगा सकते हैं. अंडा, जो औरत का अंश है, और आदमी का अंश जब मिला, उसमें अगर दोनों X क्रोमोज़ोम आ गए, तो बच्चा लड़की होगा. जब आदमी और औरत का अंश मिले, और क्रोमोज़ोम X और Y आए, तब बच्चा लड़का होगा. जो औरत है, उसमें एक ही अंश होता है X. आदमी के अंश में X भी हो सकता है और Y भी. माने आदमी के अंश पर निर्भर करता है बच्चे का जेंडर. आप खुद ये समझिए कि ऐसा कैसे मुमकिन है कि बच्चा ठहरने के बाद किसी उपाय से आपको लड़का हो जाए. एक बार जब बच्चा बन गया, गर्भधारण हो गया है, उसके बाद कुछ भी खाने-पीने से ये X और Y बदल कैसे जाएगा? और अगर गर्भधारण करने के पहले की बात करें, तो लोग कई तरह के उपाय बताते हैं लड़के के जन्म के लिए. आप सोचिए कि ये उपाय करने से आपके शरीर में जितने अंश हैं, उन्हें कैसे पता चलेगा कि हम शरीर से आदमी के X क्रोमोज़ोम वाले स्पर्म न निकालें, केवल Y के निकालें. निकलते बराबर हैं. आधे Y के होते हैं आधे X के."


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डॉक्टर ऋतिका सिंघल (नियोनेटोलॉजिस्ट एंड पीडियाट्रिशियन)

हमने गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर लवलीना नादिर से भी बात की. सुनिए उन्होंने क्या कहा-

"जो लोग अलग-अलग तरीके की अफवाहों में विश्वास करते एक बेटे की चाह में, उनका कोई भी साइंटिफिक आधार नहीं होता. बच्चे का जेंडर, मतलब कि बेटा होगा या बेटी, उसके फर्टिलाइज़ेशन के टाइम पर ही डिसाइड हो जाता है. हमारे शरीर में क्रोमोज़ोम्स के 43 पेयर्स हैं- X और Y. अगर दो क्रोमोज़ोम्स XX हैं, तो लड़की होती है. और अगर XY होता है, तो लड़का होता है. और ये उसी वक्त डिसाइड हो जाता है, जब फर्टिलाइज़ेशन होता है. उसके बाद किसी भी दवा से, किसी भी तरीके से बच्चे का जेंडर नहीं बदला जा सकता. इसमें कोई भी साइंटिफिक एविडेंस नहीं है."

Lovleena

दोनों ही डॉक्टर्स ने इन वायरल दावों को सिरे से खारिज किया है. बताया है कि बच्चे के जेंडर के लिए अगर केवल और केवल क्रोमोज़ोम्स ही ज़िम्मेदार होते हैं. इन्हें आसान भाषा में एक बार फिर हम बता देते हैं-

सेक्स के दौरान आदमी का सीमन (वीर्य) औरत की वजाइना के रास्ते अंदर जाता है, उसकी सिर्फ़ एक बूंद थैली के अंदर जा पाती है, एक बूंद में हज़ारों स्पर्म (शुक्राणु) होते हैं. स्पर्म दो तरह के होते हैं. पहले X क्रोमोज़ोम वाले. दूसरे Y क्रोमोज़ोम वाले. जब X क्रोमोज़ोम वाला स्पर्म औरत के अंडे से मिलता है तो लड़की बनती है. जब Y क्रोमोज़ोम वाला स्पर्म औरत के अंडे से मिलता है तो लड़का बनता है. अगर पुरुष के स्पर्म में X क्रोमोज़ोम ज़्यादा होते हैं तो लड़की होने के चांस बढ़ जाते हैं. अगर पुरुष के स्पर्म में Y क्रोमोज़ोम ज़्यादा होते हैं तो लड़के होने के चांस बढ़ जाते हैं.


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स्पर्म के क्रोमोज़ोम पर निर्भर करता है कि बच्चे का जेंडर क्या होगा.

मतलब गर्भधारण के पहले औरत कुछ भी खाए, कोई भी टोटके अपनाए, बच्चे का लिंग उन सबसे निर्धारित नहीं होगा. ये न तो गर्भधारण के पहले होगा और न ही बाद में. सबकुछ निर्भर करता है कि पुरुष के स्पर्म के क्रोमोज़ोम्स पर. इसलिए लड़के की चाह में औरत की हेल्थ के साथ खिलवाड़ करना और लड़की पैदा होने पर उस पर दोष मढ़ना बंद कर दीजिए. क्योंकि टेक्निकली ये किसी के हाथ में नहीं होता है. भले ही पुरुष के स्पर्म के क्रोमोज़ोम्स बच्चे का जेंडर तय करने के लिए ज़िम्मेदार हों, लेकिन फिर भी पुरुष के हाथ में ये नहीं होता है कि वो कौन-से स्पर्म को महिला के अंडे तक पहुंचाए.

क्यों लोग बेटा चाहते हैं?

हमारे देश में आज भी ज्यादातर लोग बेटे की चाहत रखते हैं. क्यों, क्योंकि उन्हें लगता है कि बेटा बुढ़ापे का सहारा है, बेटी तो विदा होकर चली जाएगी, दूसरा बेटी की शादी में दहेज लगेगा, तीसरा बेटा ही है जो सो-कॉल्ड वंश को आगे बढ़ाएगा. हम ऐसा सोचने वालों से कुछ कहना चाहते हैं. पहला- आज के समय में काम के सिलसिले में लड़का हो चाहे लड़की, उन्हें अपने घर से दूर ही रहना पड़ता है. न बेटे मां-बाप के साथ रह पा रहे हैं और न ही बेटियां, ऐसे में पहला तर्क तो खत्म होता दिखता है. दूसरा- दहेज वाला मुद्दा. तो जान लीजिए कि दहेज लेना और देना, दोनों ही क्राइम है. इसलिए इसे न लें और न दें, तो ये दिक्कत भी खत्म हो जाएगी. तीसरा- रही वंश की बात. तो जो DNA एक बेटे को अपने पैरेंट्स से मिलता है, वही बेटी को भी मिलता है. इसलिए वंश वाला फैक्टर भी छोड़ दीजिए न, क्यों उसे पकड़कर रखे हैं.

लगातार ही बेटा-बेटी एक समान, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, जैसे नारे दिए जा रहे हैं. फिर भी भेदभाव हो ही रहा है. कई लोग आज भी ऐसे हैं जो जन्म से पहले ही अपने बच्चे का जेंडर पता लगवाकर उसे मार देना चाहते हैं. तो ये भी जान लीजिए कि गर्भ से पहले बच्चे के लिंग की जांच करवाना कानूनन अपराध है. आपको जेल हो सकती है. ज्यादा डिटेल में जानने के लिए हमने इस मुद्दे पर पहले ही एक शो बनाया है, जिसका लिंक आपको डिस्क्रिप्शन में मिल जाएगा, उसे देख लीजिएगा. एक और फैक्टर है.


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