झारखंड का पलामू जिला. यहां एक शादीशुदा महिला को एक शादीशुदा पुरुष से प्रेम हो गया. वो अपना घर छोड़कर उसके साथ रहने लगी. ससुराल वालों ने उसे खोजकर उसका सिर मूंड दिया, इसके बाद चेहरे पर कालिख पोतकर उसे पूरे गांव में घुमाया गया. जबकि, प्रेम करने और अपना घर छोड़कर अलग रहने में उसके बराबर ही ज़िम्मेदार उसके प्रेमी को पकड़कर किसी ने उससे सवाल भी नहीं पूछा.
इंडिया टुडे से जुड़े सत्येंद्र कुमार की रिपोर्ट के मुताबिक, करीब एक महीने पहले महिला अपना घर छोड़कर प्रेमी के साथ दूसरे गांव में रहने लगी थी. दोनों मजदूरी करते थे.
4 अप्रैल को महिला के ससुराल के कुछ लोगों ने उसे देखा. इन लोगों ने महिला के पति को इस बात की सूचना दी. इसके बाद उसके पति और ननद उसे लेकर गांव पहुंचे. यहां महिलाओं ने उसके साथ मारपीट की. इसके बाद उसका सिर मूंड दिया गया और चेहरे पर कालिख पोती गई. आखिर में उसे उसके प्रेमी के पास भेज दिया गया.
घटना चैनपुर थाना इलाके के सेमरा पंचायत में आने वाले एक गांव की है. चैनपुर थाना प्रभारी उदय कुमार के मुताबिक, इस मामले में महिला के पति समेत 12 लोगों के खिलाफ FIR की गई है. मामले की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने पीड़िता और उसके प्रेमी को पुलिस प्रोटेक्शन में रखा है.

ऐसी घटनाओं से पटे होते हैं रोज़ के अखबार
ये इस तरह की पहली घटना नहीं है. समाज के किसी दकियानूसी नियम के खिलाफ जाने पर, या फिर प्रेम विवाह करने पर या फिर दहेज न देने पर महिलाओं के साथ इस तरह की ज्यादती की खबरों से हम अक्सर दो चार होते हैं. इसके कुछ उदाहरण देखिएः
– ओडिशा का संबलपुर इलाका. यहां इस साल 7 फरवरी को एक महिला का पूरे समाज के सामने सिर मूंडा गया. इस महिला की अपने ससुराल वालों के साथ लड़ाई हुई थी. लड़ाई क्यों? क्योंकि उसकी दो ननदें और सास उसे ताने दे रहे थे कि वो दहेज लेकर नहीं आई. उस पर एक ननद चिल्ला रही थी तो विक्टिम ने अपने हाथ से उसका मुंह बंद करने की कोशिश की. इस दौरान हाथापाई हो गई. गांव की सामाजिक पंचायत ने महिला पर 6000 रुपये का जुर्माना लगाया और सिर मूंडने की सज़ा सुनाई. साथ ही धमकी दी कि अगर मामले की शिकायत पुलिस में की तो पूरे परिवार का बहिष्कार कर दिया जाएगा.
– बिहार का वैशाली. यहां 28 जून, 2019 को एक महिला और उसकी 19 साल की बेटी का सिर मूंडकर उन्हें पूरे गांव में घुमाया गया. वजह? स्थानीय पार्षद अपने साथियों के साथ उनके घर में घुस गया था, लड़की के रेप के मकसद से. लड़की की मां उसके बचाव में आई. दोनों ने जमकर आरोपियों का विरोध किया. इसके बाद पार्षद मोहम्मद खुर्शीद ने दोनों पर सेक्स रैकेट चलाने का आरोप लगाया, उनके घर के बाहर ही कथित पंचायत बुलाई और नाई बुलाकर दोनों का सिर मुंडवा दिया और गांव में उनकी रैली निकाली.
– बिहार का दरभंगा. यहां एक लड़का और एक लड़की को प्रेम हुआ. उन्हें मालूम था कि घरवाले रिश्ते को नहीं अपनाएंगे. तो वो 12 नवंबर, 2020 को घर से भाग गए. दो दिन बाद यानी 14 नवंबर को लड़की के परिवार वालों ने लड़के के घर पर धावा बोला. लड़के की मां के साथ मारपीट की. उनका सिर मूंडकर उन्हें गांव में घुमाया गया.

ऐसे मामलों में सज़ा क्या होती है?
ये समझने के लिए हमने बात की एडवोकेट प्रांजल से. प्रांजल दिल्ली हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करते हैं. उन्होंने बताया कि अलग-अलग केस में IPC की धाराएं लगती हैं. इस तरह के ज्यादातर केसेस में 319 से 325 के बीच की धाराएं लगती हैं. इसमें अगर विक्टिम को हल्की चोट है तो आरोपियों को अधिकतम एक साल तक की सज़ा होगी. हालांकि, अगर गंभीर चोट है, शरीर का कोई हिस्सा ज्यादा जख्मी होता है तो अलग धाराएं लगती हैं और आरोपियों को 10 साल तक की सज़ा भी हो सकती है.
प्रांजल ने बताया कि ऐसे मामलों में पेशेंट्स के साथ होने वाली मानसिक प्रताड़ना को लेकर IPC में सज़ा का कोई प्रावधान नहीं है. उन्होंने बताया कि इसके लिए विक्टिम चाहे तो कॉम्पेंसेशन मांग सकता है.
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