तालिबान को महिलाओं के नहाने से क्या दिक्कत है?
क्या होते हैं हमाम जो बंद करवाए जा रहे हैं?
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अगस्त, 2021 से अफ़ग़ानिस्तान तालिबान के कब्ज़े में है. तालिबान इस्लामिक कानूनों को मानता है और बीते पांच महीनों में वो एक-एक करके इन कानूनों को अफ़ग़ानिस्तान में लागू कर रहा है. औरतों की नौकरी और बच्चियों के स्कूल जाने पर रोक पहले ही लगा दी गई थी. महिलाओं के पोस्टर्स पर पेंट लगाने से लेकर फीमेल मेनिक्विन्स के सिर काटने तक के वीडियोज़ हम देख चुके हैं. अब तालिबान ने एक और फ़रमान जारी किया है. तालिबान ने कहा है कि औरतें सार्वजनिक स्नानागारों यानी हमाम का इस्तेमाल नहीं कर सकती हैं.
ये फ़रमान निकाला है तालिबान के Promotion of virtue and prevention of vice यानी नैतिकता प्रसार और दुराचार उन्मूलन मंत्रालय ने. सत्ता में आते ही तालिबान ने महिला मंत्रालय को बंद कर दिया और उसकी जगह नैतिकता प्रसार और दुराचार उन्मूलन मंत्रालय चालू किया. द गार्डियन की एक रिपोर्ट
के मुताबिक़, मंत्रालय ने कहा है कि बल्ख़ और हेरात प्रांतों में हमाम में महिलाओं का जाना वर्जित होगा. अफ़ग़ानी महिलाओं को अब घर के स्नानघर में ही नहाना होगा और इस दौरान भी उन्हें हिजाब पहनकर रखना होगा. हेरात में स्थानीय अधिकारियों ने पहले ही औरतों के कॉमन स्नानघरों को अस्थाई रूप से बंद कर दिया था. फिर अब ये आधिकारिक आदेश आ गया.
तालिबान के 1996-2001 के शासन के दौरान भी महिलाओं को सार्वजनिक हमामों का इस्तेमाल करने से रोक दिया गया था. अमेरिकी हस्तक्षेप के बाद कई पुराने स्नानागारों को दोबारा शुरू किया गया.
हमाम क्या होते हैं?
हमाम मतलब स्टीम और हॉट-वॉटर बाथ. जहां सार्वजनिक तौर पर लोग आ कर गर्म पानी से नहाते हैं. हमाम का इतिहास रोमन और बाइज़ेंटीन साम्राज्य जितना पुराना है. मिडल ईस्ट की प्राचीन संस्कृति में हमाम को प्रार्थना की तैयारी की एक जगह माना जाता था. 1400 के ख़त्म होने तक हमाम बहुत लोकप्रिय हो गए और मस्जिदों और मदीनों के बग़ल में बनाए जाने लगे. लोग प्रार्थना से पहले और रोज़मर्रा के तनाव को दूर करने के लिए यहां आने लगे.ज़ोया अख़्तर ने एक फ़िल्म बनाई थी - 'दिल धड़कने दो.' उसमें एक सीन में शेफाली शाह और प्रियंका चोपड़ा एक तरह के हमाम में बैठ कर बात कर रही हैं. अगर आपको वह सीन याद हो तो, आप समझ गए हमाम कैसे होते हैं.
फ़िल्म 'दिल धड़कने दो' का एक सीन (तुर्की हमाम)
अफ़ग़ानिस्तान जैसे देशों में कड़ाके की ठंड पड़ती है. वहां, कई परिवारों के लिए गर्म पानी से नहाने का एकमात्र ज़रिया यह हमाम ही होते हैं. लेकिन इन्हें अब महिलाओं के लिए बंद कर दिया गया है. महिलाएं इस्लामिक क़ानून के तहत पर्सनल हाईजीन मेन्टेन करने केलिए इन कॉमन स्नानघरों का इस्तेमाल करती रही हैं.
खामा प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक़, नैतिकता और दुराचार उन्मूलन मंत्रालय के प्रमुख ने कहा कि उलेमाओं से बातचीत के बाद यह फैसला लिया गया है. इस रिपोर्ट में भी कहा गया कि कम उम्र के लड़कों को भी सामान्य स्नान घरों में जाने से प्रतिबंधित कर दिया गया है. इसके अलावा, बॉडी मसाज को लेकर भी प्रतिबंध लगाया गया है.
और क्या-क्या हो रहा है अफ़ग़ानिस्तान में
- 27 दिसंबर, 2021 को इसी मंत्रालय ने निर्देश निकाला था कि अफ़ग़ानिस्तान की महिलाएं 45 मील यानी 72 किलोमीटर से ज़्यादा का सफर अकेले नहीं कर सकतीं. साथ में कोई पुरुष संबंधी न होने पर कोई सवारी गाड़ी उन्हें बैठाएगी नहीं. इसके साथ ही इस मंत्रालय ने यात्रा के दौरान बस या गाड़ियों में बजने वाले गानों पर भी प्रतिबंध लगा दिया.- हाल ही में एक वीडियो सामने आया था. इसमें चरमपंथियों ने दुकानों पर लगे महिला मॉडल्स के पुतलों (mannequins) को ग़ैर-इस्लामी बताकर उनका सिर क़लम कर दिया था. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर ख़ूब वायरल हुआ था और तालिबानी शासन की ख़ूब थू-थू हुई थी.
तालिबान शासित अफ़ग़ानिस्तान में एक 'मानवीय संकट' आ गया है. लाखों लोग भूखमरी का सामना कर रहे हैं और ठंड के महीनों के दौरान गर्म करने के लिए लकड़ी या कोयले का खर्च उठाने में असमर्थ हैं. ज़्यादातर घरों में पानी की सीधी पहुंच तक नहीं है.VIDEO: Taliban order Afghan shop owners to behead shop mannequins.
The Taliban have ordered shop owners in western Afghanistan to cut the heads off mannequins, insisting figures representing the human form violate Islamic law pic.twitter.com/id2gIF3Jfk
— AFP News Agency (@AFP) January 6, 2022