पुलित्जर अवॉर्ड्स 2022 की घोषणा हो चुकी है. भारतीय पत्रकार दानिश सिद्द़ीकी के साथ तीन और भारतीय पत्रकारों को सम्मानित किया गया है. यहां रॉयटर्स के लिए काम करने वाले अमित दवे, अदनान आबादी और सना इरशाद मट्टू को कोविड के दौरान उनके द्वारा खींची गई फोटोज़ के लिए ये सम्मान मिला है.
Pulitzer Prize का क्या मतलब है पत्रकारिता में?
पुलित्जर पत्रकारिता का सबसे बड़ा अवॉर्ड माना जाता है. इस फील्ड में बेहतरीन काम करने वालों को पुलित्जर अवॉर्ड दिया जाता. इस अवॉर्ड की शुरुआत हंगरी के रहने वाले न्यूज़ पेपर पब्लिशर जोसेफ पुलित्जर के नाम पर हुई थी. 112 साल पहले जोसेफ ने कोलंबिया यूनिवर्सिटी में लगभग साढ़े छह करोड़ रुपए डोनेट किए थे. जिसके बाद से पुलित्जर अवॉर्ड को शुरू किया गया. पुलित्जर कुल 22 कैटेगिरीज़ में अवॉर्ड देता है. इसके फीचर फोटोग्राफी कैटेगिरी में सना, अदनान, अमित और दानिश को अवॉर्ड मिला है. चारों को भारत में कोविड के दौरान ली गई तस्वीरों के लिए सम्मानित किया गया है. 10 जून, 2021 में सना ने कश्मीर के अनंतनाग जिला में लिद्दरवाट में टीकाकरण अभियान के दौरान फोटो ली थी. फोटो में हेल्थ केयर वर्कर एक चरवाहे को कोविशील्ड का डोज दे रहे हैं. ये फोटो सना ने रॉयटर्स के लिए खींची थी.

कौन है सना इरशाद मट्टू?
सना श्रीनगर की रहने वाली हैं. उन्होंने कश्मीर के सेंट्रल यूनिवर्सिटी से कन्वर्जेंट जर्नलिज्म में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है. सना की खींची हुई तस्वीरें अल जज़ीरा, द नेशन, टाइम, टीआरटी वर्ल्ड, कारवां मैगजीन और साउथ चीन मॉर्निंग पोस्ट वेबसाइट्स और मैग्ज़ीन्स में छप चुकी हैं. उन्होंने कुछ समय कश्मीरवाला के साथ काम किया और फिर फ्रीलांस काम करने लगीं. साल 2019 में अल जज़ीरा ने आर्टिकल 370 खत्म होने के बाद कश्मीर में पत्रकारों पर लगने वाली रोक और परेशानियों के ऊपर एक कहानी दिखाई थी. सना को इस कहानी में फीचर भी किया गया था. साल 2021 में सना मैग्नम फाउंडेशन की ‘फोटोग्राफी एंड सोशल जस्टिस फेलो’ बन गई थीं. पिछले दो साल से सना रॉयटर्स के लिए काम कर रही हैं.
पुरस्कार लेने के बाद सना ने कहा,
“मैं यह पुरस्कार दानिश साहब के साथ ले रही हूं. वो इस दुनिया में नहीं हैं, हम सब उन्हें बहुत मिस कर रहे हैं. अगर वह हमारे बीच होते, तो शायद हम ज्यादा खुश होते.”
मट्टू तीसरी कश्मीरी है जिन्होंने पुलित्जर प्राइज जीता है. इससे पहले एसोसिएटेड प्रेस के फोटो जर्नलिस्ट मुख्तार खान, डार यासीन और चन्नी आनंद ने अगस्त 2019 में पुलित्जर प्राइज जीता था.

पुलित्जर परिचय में सना के लिए क्या कहा गया?
सना इरशाद मट्टू कश्मीर में फोटो जर्नलिस्ट और डॉक्यूमेंट्री फोटोग्राफर हैं. उनका काम नेशनल और इंटरनेशनल मीडिया में चर्चित है. उनका काम लाइव रिपोर्टिंग से लेकर इंवेस्टिगेटिंग और डिटेल रिपोर्टिंग के लिए जाना जाता है. कई बार उन्होंने अपनी फोटो के जरिये कश्मीर में सैनिकों और आतंकियों के बिच पिसे हुए लोगों की प्रॉब्लम्स को दिखाया है.
ये खबर हमारे साथ इंटर्नशिप कर रहीं मनीषा ने लिखी है.
पुलिट्ज़र पुरस्कार: दानिश सिद्दीकी समेत किन 4 भारतीयों ने जीता पत्रकारिता का ‘सबसे बड़ा’ अवार्ड?