सैमसंग. मोबाइल, लैपटॉप, स्मार्ट-वॉच बनाने वाला टेक जायंट. एक नए प्रोडक्ट के लिए सैमसंग ने नया ऐड कैम्पेन शुरू किया – ‘नाइट आउल’. ऐड में एक महिला को रात के 2 बजे अकेले उठ कर पूरे शहर में जॉगिंग करते हुए दिखाया गया है. वुमन राइट्स ग्रुप और रनिंन्ग ग्रुप्स ने इस ऐड को अनरियलिस्टिक बताया. सोशल मीडिया पर भी ऐड की ख़ूब आलोचना हो रही है. अब सैमसंग की तरफ़ से ‘सॉरी, मेरा वो मतलब नहीं था’ वाला एक माफ़ीनामा जारी किया गया है.
Samsung के नए ऐड में क्या है?
विज्ञापन. इश्तेहार. ऐडवर्टीज़मेंट. तीन भाषाएं, मतलब वही. किसी प्रोडक्ट का प्रचार-प्रसार. लिट्रल मतलब बताएं तो ‘वि’ से ‘विशेष’ और ‘ज्ञापन’ मतलब ‘ज्ञान कराना’ या सूचना देना. लेकिन समय बीता तो मामला बस सूचना देने या जागरूकता बढ़ाने से आगे बढ़ गया. कॉम्पटीशन का चक्कर बाबू भईया! ‘आउट ऑफ़ द बॉक्स’ का ज़माना है, तो ऐड-एजेंसियां भी फुल-पावर क्रिएटिविटी झोंकने लगी हैं. ऐड को कितना इम्पैक्टफुल बनाया जा सकता है, इसके लिए ब्रेन-स्टॉर्मिंग सेशन्स होते हैं. काउंटर ओपिनियन्स लिए जाते हैं. लेकिन कभी-कभी इस सबके बावजूद कम्पनियां बेसिक चीज़ों को मिस कर देती हैं. लेकिन, जनता की नज़र से तो कुछ मिस नहीं होता.
इसी पब्लिक-स्क्रूटिनी के हत्थे चढ़ गया सैमसंग का नया ऐड. Galaxy Watch 4, Galaxy Buds 2 और Galaxy S-22 के लिए सैमसंग ने नया ऐड बनाया. टाइटल दिया ‘नाइट आउल’. ऐड में एक महिला को दिखाया जाता है, जो संभवतः अभी उठी है या सो नहीं पा रही है. बिस्तर पर बैठे-बैठे महिला टाइम देखती है. रात के 2 बज रहे हैं. एकदम शुरू में ही ये स्थापित कर दिया जाता है कि पूरा शहर शांत है, सो रहा है. इसके बाद महिला कपड़े बदलती है और निकल जाती है दौड़ने. सैमसंग की घड़ी और ईयर-बड्स पहन कर. दूर से एक उल्लू का शॉट दिखाया जाता है, जो महिला के साथ ही उड़ने लगता है. इसके बाद महिला पूरे शहर में दौड़ती है, जहां रास्ते में उसे कई लोग मिलते और दिखते हैं. बैग्राउंड में ‘द वाइट स्ट्राइप्स’ बैंड का गाना ‘सेवन नेशन आर्मी’ चल रहा होता है. और, 1 मिनट 8 सेकेंड्स के इस ऐड के आख़िर में लिख कर आता है – ‘योर गैलेक्सी. योर वे.’ (मतलब – आपकी दुनिया, आपकी मर्ज़ी. हालांकि, यहां ‘गैलेक्सी’ लिखने का मकसद प्रोडक्ट-प्रमोशन है)
ऐड भी देख ही लीजिए –
तो इसमें दिक्कत क्या है?
मार्च के आख़िरी हफ़्ते में शुरू हुए इस ऐड पर बहुत सारी प्रतिक्रियाएं (पढ़ें आपत्तियां) आई हैं. विमेन सेफ़्टी ग्रुप ‘रिक्लेम द स्ट्रीट्स’ ने इस ऐड को ‘टोन डेफ’ बताया है. टोन डेफ बोले तो नज़रअंदाज़ करने वाला. दरअसल, इसी साल की जनवरी में आयरलैंड से जॉगिंग करती एक लड़की की हत्या की ख़बर आई थी. इस मामले के बारे में भी ब्रीफ़ में जान लीजिए.

ऐशलिंग मर्फी. उम्र 23 साल. पेशे से आयरिश प्राइमरी स्कूल टीचर और क्लासिकल म्यूज़िशियन. 12 जनवरी की दोपहर ऐशलिंग आयरलैंड के टुल्लामोर में जॉगिंग करने निकलीं. ग्रैंड कनाल के किनारे टहलते हुए उनपर हमला किया गया और उनकी हत्या कर दी गई. इस मामले में 18 जनवरी को जोज़ेफ़ पुस्का नाम के एक 31 साल के स्लोवाक शख्स को गिरफ़्तार भी किया गया. कोर्ट में मामला चल रहा है और एजेंसियां जांच कर रही हैं.
इस केस ने पूरी दुनिया में महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा पर नई बहस शुरू कर दी. हैशटैग चला – #shewasonarun. बहस शुरू हुई तो इंटरनेट पर कई महिलाओं ने शेयर किया कि अकेले दौड़ने या घूमने में वे कितना असुरक्षित महसूस करती हैं. ख़ासकर रात में.
इसी मामले के रेफरेंस में इंटरनेट पर महिला सुरक्षा ग्रुप्स और रनिंग ग्रुप्स सैमसंग को असंवेदनशील बता रहे हैं.
वीमेन्स रनिंग पत्रिका और पॉडकास्ट एस्थर न्यूमैन की संपादक का कहना है कि यह विज्ञापन सच्चाई नहीं दिखाता है. उन्होंने न्यूज़ संगठन रेडियो-1 न्यूज़बीट को बताया,
“महिलाएं रात के समय नहीं दौड़ती हैं क्योंकि हमें डर लगता है. यह ऐड बहुत चौंकाने वाला है. मैं किसी भी महिला को नहीं जानती, जो रात 2 बजे दौड़ती हो.”
मुस्लिम महिलाओं के रनिंग ग्रुप ‘असरा रनिंग क्लब’ की संस्थापक और चीफ़ सहरा-ईशा मुहम्मद-जोन्स ने कहा,
“ये ऐड इस समय में महिला सुरक्षा की स्थिति से बिल्कुल ही अलग है. कोई भी महिला जो दौड़ती है, वो पहले ही सुरक्षित नहीं है. लेकिन अगर आप मेरी तरह एक ब्लैक मुस्लिम महिला हैं, तो स्थिति और भी असुरक्षित है. ये विज्ञापन देख कर लगा कि आदर्श दुनिया में क्या होगा.”
मुहम्मद-जोन्स ने कहा कि ये विज्ञापन महिला सुरक्षा पर एक सार्थक चर्चा कर सकता था, लेकिन चूक गया.
“ये विज्ञापन देखना महिलाओं के लिए एक ट्रिगर के जैसा हो सकता है, लेकिन फिर वे हकीकत से मुंह नहीं मोड़ सकतीं.”
सोशल मीडिया पर भी यूज़र्स ने सैमसंग की ख़ूब आलोचना की. एक यूज़र ने लिखा,
“अरे सैमसंग! मूर्खता के स्केल पर आप अपने ऐड को कितने नंबर देंगे?”
Hey @samsung how realistic do you think your advert of a woman running at 2am is on a scale of one to are you mad?
This couldn’t be further from the experience of pretty much all women, especially wearing headphones! Assuming the only women involved in the making was the actress— Jack of all Tirades. (@InCockKneeToe) April 21, 2022
लेखिका मोली गुडफेलो ने ऐड की वास्तविकता पर सवाल उठाए लेकिन ये स्वीकार किया कि यह कम से कम “आकांक्षी” तो हैं ही.
Bet hey what is advertising if not to be aspirational I guess
— Mollie Goodfellow (@hansmollman) April 23, 2022
ब्रिटेन के ऑफिस फॉर नेशनल स्टैटिस्टिक्स के हालिया आंकड़ों के मुताबिक़, सैम्पल की आधी महिलाओं से ज़्यादा ने बताया है कि अंधेरे में टहलने-घूमने में वे असुरक्षित महसूस करती हैं.
सैमसंग ने कहा, ‘गलती से मिस्टेक हो गया’
सैमसंग ने सालों से ख़ुद को एक ऐसी कंपनी के रूप में स्थापित करने की कोशिश की है, जो कॉमन नॉलेज और नॉर्म्स को चैलेंज करती हो. जैसे वो ऐड जिसमें एक शुतुरमुर्ग’ को वी. आर. गॉगल्स की मदद से उड़ने का अनुभव लेते हुए दिखाया गया है. अपने ऐड्स के लिए इस्तेमाल किए गए बैग्राउंड म्यूज़िक के लिए भी सैमसंग ने ख़ूब तारीफ़ लूटी है, लेकिन इस बार सैमसंग थोड़ा ने ब्लंडर कर दिया. अच्छी बात ये है कि सैमसंग ने ये बात मान भी ली.
सैमसंग ने रेडियो 1 न्यूज़बीट को बताया कि उनका इरादा महिलाओं की सुरक्षा पर चल रहे विमर्श के प्रति असंवेदनशील होना कभी नहीं था.
“हम इसके लिए माफ़ी चाहते हैं. ‘नाइट आउल’ कैम्पेन एक सकारात्मक संदेश को ध्यान में रखकर बनाया गया था – किसी भी समय एक्सरसाइज़ करने की आज़ादी.”
देखिए ये तो रही एक ऐड की बात. ऐसे ही उत्तर प्रदेश के 2022 विधानसभा चुनाव से पहले भी बनारस से एक वीडियो आया था. वीडियो में एक महिला रात में चल रही होती हैं और कैप्शन में लिखा था कि UP में महिलाएं सुरक्षित हैं. ये ‘ऐड’ हो या सैमसंग वाला, दोनों ही हक़ीक़त से दूर हैं. हां, हमें बेशक उस लेवल पर जाना है जहां एक महिला रात, दिन, दोपहर, जब चाहे, जहां चाहे, जा सके. उसे एक बार भी ये सोचना न पड़े कि कोई उसे बुरी नज़र से देखेगा, उसके साथ बदसलूकी करेगा या उसकी स्वतंत्रता में हनन पैदा करेगा. लेकिन अभी हमें इस यूटोपिया तक पहुंचने के लिए बहुत समय और मेहनत करनी पड़ेगी.
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