The Lallantop
Advertisement

दौड़ते और एक्सरसाइज़ करते वक्त चक्कर क्यों आता है? क्या इससे जान भी जा सकती है?

जिम करते वक्त चक्कर आ रहे तो हल्के में नहीं लेना चाहिए...

Advertisement
feeling dizzy while working out
एक्सरसाइज़ से पहले या पूरे दिन शरीर में हाइड्रेशन की कमी के कारण भी चक्कर आ सकता है (सांकेतिक फोटो)
pic
आयूष कुमार
17 अगस्त 2023 (Updated: 17 अगस्त 2023, 05:32 PM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

रणदीप 28 साल के हैं. पिछले एक साल में उनका वज़न लगभग 15 किलो बढ़ गया (Weight gain). हाल-फ़िलहाल में उन्होंने वज़न घटाने की ठानी. इसके लिए उन्होंने खूब डाइटिंग शुरू कर दी. ज़ोर-शोर से एक्सरसाइज करना शुरू कर दिया. पर पिछले एक महीने से एक्सरसाइज करने के दौरान उनको चक्कर (Feeling dizzy while working out) आने लगे हैं. वो जिम में वज़न उठाते हैं तो अचानक से उनका सिर घूम जाता है. आंखों के सामने तारे छा जाते हैं. 2-3 बार वो बेहोश भी हो चुके हैं. रणदीप जानना चाहते हैं कि एक्सरसाइज करने के दौरान चक्कर क्यों आते हैं और क्या ये घबराने की बात है?

एक्सरसाइज करने के दौरान चक्कर क्यों आते हैं?

ये हमें बताया डॉ. त्रिभुवन गुलाटी ने.

( डॉ. त्रिभुवन गुलाटी, लीड कंसल्टेंट, इंटरनल मेडिसिन, सीके बिरला हॉस्पिटल, नई दिल्ली )

उनका कहना है कि बिना वॉर्म अप के हैवी एक्सरसाइज़ करने या तेज दौड़ने के लिए बॉडी तैयार नहीं होती. ऐसा होने पर शरीर एकदम से 'शटडाउन मोड' में चला जाता है और ब्लड प्रेशर कम हो जाता है. इस वजह से चक्कर आ जाता है या आंखों के सामने अंधेरा छा जाता है. दूसरा कारण है एक्सरसाइज़ से पहले या पूरे दिन शरीर में हाइड्रेशन की कमी. कई लोग ये कहते हैं कि एक्सरसाइज़ से पहले पानी पी लें, पर सिर्फ़ इससे काम नहीं चलता. दिनभर बैलेंस में पानी पीना चाहिए, नहीं तो शरीर में इलेक्ट्रोलाइट की कमी हो जाएगी. इस वजह से शरीर एकदम से सोडियम, पोटैशियम और शुगर का इस्तेमाल शुरू कर देता है. ऐसा होने पर बीपी लो हो जाता है और चक्कर आ जाता है. चक्कर आने पर, गिरने के बाद या बैठने पर बीपी फिर से नॉर्मल होने लगता है. इसलिए दिनभर बैलेंस डाइट लें और पानी की मात्रा को कम न होने दें.

तीसरा कारण है ठीक से सांस न लेना. अक्सर जिम में ट्रेनर एक्सरसाइज़ के दौरान ठीक से सांस लेने के लिए कहते हैं. इसका मतलब होता है कि वजन उठाने के दौरान सांस ले और वापस रखने के दौरान छोड़ें. लेकिन लोग वजन उठाने के दौरान सांस लेकर अंदर रोक लेते हैं. इससे शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है. दिमाग को ऑक्सीजन नहीं मिलता और बीपी एकदम से बढ़ जाता है. जब वजन वापस रखने के दौरान सांस छोड़ते हैं तो बीपी एकदम से लो हो जाता है. इस वजह से भी आंखों से सामने अंधेरा और चक्कर आने की समस्या हो सकती है.

क्या ये घबराने की बात है?

> इलेक्ट्रोलाइट की कमी के कारण दिल की धड़कन ऊपर-नीचे (Heart Arrhythmia) होने का खतरा हो सकता है.

> इस वजह से हार्ट अटैक आ सकता है. साथ ही दिमाग और मांसपेशियों में ऑक्सीजन और ब्लड सप्लाई कम हो जाती है.

> यानी एक मिनट में जहां दिल 80 से 100 बार धड़कता है, वो अचानक से एक मिनट में 140, 150 और 200 बार धड़कने लगता है.

> इसकी रोकथाम जरूरी है. ख़ासतौर पर अगर पहले से हाई बीपी, डायबिटीज या थायरॉइड की समस्या है.

> ऐसे में वॉर्म-अप के बिना की गई एक्सरसाइज़ से हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक और कार्डिएक अरेस्ट से मौत भी हो सकती है.

किन लक्षणों को देखकर डॉक्टर को दिखाना ज़रूरी है?

> दिल की धड़कन कम-ज्यादा होने लगे या दिल और दिमाग से जुड़ी कोई समस्या होने लगे.

> कई लोगों में मसल स्कीमिया (Muscle Ischemia) की समस्या भी हो जाती है.

> मसल स्कीमिया यानी ऑक्सीजन और ब्लड सप्लाई की कमी के कारण मांसपेशियों की मौत हो जाना.

> ये एक तरह से मसल्स का हार्ट अटैक होता है.

> ये सारी चीजें जानलेवा हो सकती हैं, लेकिन समय पर डॉक्टर को दिखाने से इससे बच सकते हैं.

> डाइट और पानी से इलेक्ट्रोलाइट का बैलेंस बनाए रखें. ऐसा करने से बड़ी समस्या को रोका जा सकता है. और आप वॉर्म-अप के साथ एक्सरसाइज़ को जारी रख सकते हैं.

(यहां बताई गईं बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

Subscribe

to our Newsletter

NOTE: By entering your email ID, you authorise thelallantop.com to send newsletters to your email.

Advertisement