यूरिन करते हुए जलन हो रही? थोड़ा खून भी आ रहा? डॉक्टर से जानें, यूरिन इंफेक्शन से बचाव के तरीके!
गर्मियों में यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन से बहुत लोग परेशान होते है. इसका सबसे आम कारण वातावरण में नमी और गर्मी का बढ़ना है. नमी और गर्मी से बुरे बैक्टीरिया बढ़ने लगते हैं. इससे UTI बहुत आसानी से हो जाता है

गर्मियों में कुछ लोगों को UTI यानी पेशाब का इन्फेक्शन हो जाता है. वहीं कुछ लोगों को इस मौसम में ये इन्फेक्शन बार-बार होता है. लक्षण महसूस होने पर कई लोग इसके बारे में बात करने से झिझकते हैं. या किसी को बताते हैं. डॉक्टर के पास नहीं जाते. हालांकि अगर समय पर डॉक्टर को न दिखाया जाए तो परेशानी बढ़ भी सकती है और गंभीर बीमारी का रूप ले सकती है. जिन लोगों को UTI होता है, उन्हें यूरिन करते हुए बहुत जलन होती है. ऐसा लगता है जैसे बार-बार यूरिन आ रहा है. यूरिन कंट्रोल नहीं होता. कुछ लोगों को बुखार भी आ जाता है.
यह दिक्कत महिलाओं और पुरुषों, दोनों को होती है. गर्मियों में UTI ज़्यादा क्यों होता है. इसलिए, इसके बारे में लोगों को सही जानकारी होना बेहद ज़रूरी है ताकि वो अपना बचाव कर सकें. ऐसे में आज हम डॉक्टर से जानेंगे कि UTI यानी यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन क्या है? गर्मियों में ये समस्या क्यों बढ़ जाती है? इससे बचने का क्या तरीका है? और, अगर किसी को UTI हो गया तो उसका इलाज क्या है?
UTI यानी यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन क्या होता है?ये हमें बताया डॉक्टर गरिमा साहनी ने.

यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन यानी यूरिनरी सिस्टम का इंफेक्शन. यूरिनरी सिस्टम में किडनी, यूरेटर (नली जो किडनी को ब्लैडर से जोड़ती है), ब्लैडर (पेशाब की थैली) और यूरेथ्रा (पेशाब की नली) आते हैं. इस पूरे सिस्टम में अगर कहीं पर किसी भी तरह का बैक्टीरियल इंफेक्शन होता है तो उसे यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन कहते हैं. इसके कुछ लक्षण दिखाई देते हैं. बार-बार ऐसा लगता है, जैसे यूरिन होने वाला है. यूरिन के लिए जाना पड़ता है. यूरिन का रंग बदलकर गहरा हो जाता है. यूरिन करते समय जलन होती है. इंफेक्शन गंभीर होने पर यूरिन में खून भी आने लगता है इसलिए कई बार यूरिन लाल रंग का आता है.
गर्मियों के मौसम में UTI क्यों बढ़ जाता है?गर्मियों में इस समस्या से बहुत लोग परेशान होते है. इसका आम कारण वातावरण में नमी और गर्मी का बढ़ना है. नमी और गर्मी से बुरे बैक्टीरिया बढ़ने लगते हैं, जैसे ई. कोलाई. इसके कारण इस मौसम में UTI बहुत आसानी से हो जाता है. दूसरा कारण डिहाइड्रेशन है. बहुत गर्मी से शरीर डिहाइड्रेट हो जाता है यानी पानी की कमी हो जाती है. नतीजा? यूरिन में पानी की कमी. इस वजह से बैक्टीरिया कई गुना बढ़ने लगते हैं. तीसरा कारण अपनी साफ-सफाई न रखना है. अगर गर्मियों में हम खुद की साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखते हैं तो भी ये इंफेक्शन काफी जल्दी फैलता है. चौथा कारण तैरना और वॉटर स्पोर्ट्स हैं. कई जगहों का पानी दूषित होता है. अगर हम अपने हाइजीन का ध्यान नहीं रखते हैं तो ऐसे पानी में तैरने या वॉटर स्पोर्ट्स से इंफेक्शन काफी जल्दी फैल जाता है.

- सबसे ज़रूरी है खुद की साफ-सफाई रखना
- अपने प्राइवेट पार्ट्स को साफ रखें
- अपने अंडरगारमेंट कम से कम दिन में दो बार बदलें
- ढीले कपड़े पहनें
- दूसरा, खुद को हाइड्रेट रखें
- अगर आप खूब पानी पिएंगे तो ये इंफेक्शन होने का चांस कम हो जाएगा
- तीसरा, अपनी डाइट में प्रोबायोटिक्स अच्छे से शामिल करें
- जैसे दही, छाछ, टोफू और पनीर
अगर UTI हो गया तो उसका इलाज क्या है?UTI किसी को भी हो सकता है, चाहें महिला हो या पुरुष. हालांकि पुरुषों में इसके होने की संभावना कम रहती है. महिलाओं को UTI होने का चांस ज़्यादा रहता है. इसका एक कारण है. दरअसल यूरेथ्रा यानी पेशाब की नली महिलाओं में छोटी और पुरुषों में लंबी होती है. इस वजह से महिलाओं में ये इंफेक्शन काफी आम है. जब भी किसी को यूरिनरी इंफेक्शन के लक्षण हों. जैसे यूरिन बार-बार आ रहा है. यूरिन करते हुए जलन हो रही है. यूरिन करते वक्त पेट में हल्का दर्द हो रहा है. यूरिन गहरे पीले रंग का हो गया है. यूरिन में खून आ रहा है तो तुंरत अपने डॉक्टर को दिखाएं.
डॉक्टर आपकी जांच करेगा. फिर इसके बाद वो कुछ टेस्ट होंगे. आमतौर पर यूरिन रुटीन और यूरिन कल्चर टेस्ट होते हैं. इससे पता लगता है कि बैक्टीरियल इंफेक्शन है या नहीं. अगर है तो किस बैक्टीरिया की वजह से इंफेक्शन हुआ है और उसके लिए कौन-सी दवाई दी जानी चाहिए. इसके आधार पर डॉक्टर एंटीबायोटिक्स और कुछ दवाइयां लिखते हैं. अगर आपको इंफेक्शन हुआ तो दवाओं का कोर्स पूरा करिए. इंफेक्शन बाद में न हो, इसके लिए अपनी डाइट का ध्यान रखें. लिक्विड ज़्यादा लें. कम से कम 3 से 4 लीटर रोज़. अपनी डाइट में प्रोबायोटिक चीज़ें शामिल करें. अपने शरीर की साफ-सफाई का खास ध्यान रखें यानी अपने अंडरगारमेंट्स दिन में दो बार बदलें. ढीले कपड़े पहनें. पब्लिक वॉशरूम इस्तेमाल करते समय साफ़-सफ़ाई का ध्यान रखें. अगर आप इन बातों का रोज़ ध्यान रखेंगे तो आपको यूरिनरी इंफेक्शन होने का चांस कम होगा.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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