शरीर में इस 'कचरे' की मात्रा बढ़ी तो जोड़ों के दर्द, अर्थराइटिस से जीना मुश्किल हो जाता है
ये कचरा क्यों और कैसे जमा हो जाता है, ये भी जान लीजिए.
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जब यूरिक एसिड बढ़ जाता है तो खून में क्रिस्टल बनते हैं. इसके कारण आपको जोड़ों में दर्द होता है, सूजन आती है.
हिमांशी स्कूल टीचर हैं. कानपुर की रहने वाली हैं. उम्र 40 साल है. कुछ समय से उनके जोड़ों में काफ़ी दर्द था. साथ ही ऐसा लगता था जैसे हाथ पैर के जोड़ अकड़ रहे हैं. हिलने में, चलने में तकलीफ़ होने लगी. सूजन भी आ गई. हिमांशी ने हड्डियों के डॉक्टर को दिखाया. यही सोचकर कि हड्डियों की कोई परेशानी होगी. पर जब टेस्ट हुए तो पता चला दिक्कत हड्डियों में नहीं थी. हिमांशी का यूरिक एसिड काफ़ी बढ़ा हुआ था. अब ये यूरिक एसिड होता क्या है? सबसे पहले तो ये जानते हैं.
क्या होता है यूरिक एसिड?
इसके बारे में हमें और जानकारी दी डॉक्टर ज़ीनत ने.

डॉक्टर ज़ीनत अहमद, एमडी मेडिसिन, जेपी हॉस्पिटल, नॉएडा
यूरिक एसिड हमारे शरीर का एक नेचुरल वेस्ट प्रोडक्ट है जो प्रोटीन ब्रेक डाउन से बनता है. यानी पाचनक्रिया के दौरान जब प्रोटीन टूटता है तो उसमें से यूरिक एसिड बनता है. यूरिक एसिड प्यूरीन ब्रेक डाउन से भी बनता है. कुछ खानों में कुदरती तौर पर प्यूरीन ज़्यादा होता है, जब यूरिक एसिड शरीर में बन जाता है किडनी इसे निकाल देती है यूरीन के रास्ते. इससे हमारे शरीर में यूरिक एसिड का नॉर्मल रेंज बना रहता है. ज़्यादातर लैब्स में ये रेंज 3.5 से 7.5 मिलीग्राम पर डिसीलीटर है. यूरिक एसिड का इससे ज्यादा होना और कम होना दोनों ही शरीर के लिए ठीक नहीं ह ै.
अब बात करते हैं कि यूरिक एसिड बढ़ क्यों जाता है?
शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने के दो कारण होते हैं. एक तो ऑब्वियस कारण है कि शरीर में ये ज्यादा बनता है. दूसरा कारण ये है कि यूरीन के जरिए यूरिक एसिड ठीक से पास नहीं हो पाता.

जब यूरिक एसिड शरीर में बन जाता है किडनी इसे निकाल देती है किडनी के रास्ते
- कुछ कंडीशन में यूरिक एसिड ज़्यादा बनता है. जैसे सोराईसिस, थायरॉइड, कैंसर, डाईबीटीज़. कुछ दवाइयों से भी यूरिक एसिड ज़्यादा बनता है.
- वेट ज़्यादा है, जल्दी वेट लूज़ करने की कोशिश कर रहे हैं तो भी ये दिक्कत आती है.
- किडनी की बीमारियां.
- जेनेटिक कारण भी हो सकते हैं.
-लो यूरिक एसिड ज़्यादा कॉमन नहीं है
यूरिक एसिड क्या होता है, इसका अंदाज़ा तो आपको लग गया. पर अब सबसे ज़रूरी बात अगर यूरिक एसिड की मात्रा आपके शरीर में गड़बड़ है तो उसका आपकी हेल्थ पर क्या असर पड़ सकता है. दूसरा सवाल. कैसे पता चलेगा आपके शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा ठीक नहीं है, और इसका इलाज क्या है? ये सब पता करते हैं.
हाई यूरिक एसिड के लक्षण
-ज़्यादातर केसेज़ में पता नहीं चलता यूरिक एसिड हाई है
-किसी और बीमारी की वजह से लैब टेस्ट में पता चलता है
-अगर लक्षण पता चलते हैं तो उसमें उसके जॉइंट्स और किडनी पर असर पड़ता है
शरीर पर क्या असर पड़ता है?
-जब यूरिक एसिड बढ़ जाता है तो खून में क्रिस्टल बनते हैं
-इसको यूरेट क्रिस्टल कहते हैं
-ये यूरेट क्रिस्टल आपके जॉइंट्स में डिपोज़िट होने लगते हैं
-हाथ और पैरों के जॉइंट्स पर असर पड़ता है

-जब यूरेट क्रिस्टल जॉइंट में जमा हो जाते हैं तो जॉइंट में बहुत ज़्यादा दर्द होता है. इसे गॉटी अर्थराइटिस कहते हैं. जॉइंट्स में सूजन आ जाती है, लाल पड़ जाता है.
-किडनी में स्टोन बन सकता है
-ब्लड आ सकता है
-गुर्दों में दर्द हो सकता है
कैसे पता चलेगा यूरिक एसिड बढ़ा हुआ है
-साल में कम से कम एक बार आपको इसका ब्लड टेस्ट कराना चाहिए. 40 की उम्र के बाद तो ये बेहद ज़रूरी है.
-अगर आपके जॉइंट्स में दर्द है, सूजन है या लाल पड़ गए हैं तो डॉक्टर को ज़रूर दिखाइए और यूरिक एसिड का टेस्ट करवाइए
-अगर आपके गुर्दों में दर्द है, पेशाब करने में दर्द है या खून आ रहा है तो टेस्ट ज़रूर करवाएं
इलाज
-अगर यूरिक एसिड बढ़ा हुआ है तो इलाज मुश्किल नहीं है
-आपको अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव लाने होंगे
-स्मोकिंग, शराब अवॉइड करिए
-वेट अगर बहुत ज़्यादा है तो कंट्रोल करना पड़ेगा
-डॉक्टर से बात करके दवाई ले सकते हैं
-ये दवाइयां थोड़े लंबे समय के लिए चलती हैं पर यूरिक एसिड कंट्रोल में आ जाता है
असर, इलाज, लक्षण, ये सब तो जान लिए. पर डाइट क्या? यूरिक एसिड को कंट्रोल में रखने के लिए आपको क्या डाइट लेनी चाहिए, ये जान लेते हैं.
डाइट
क्या खाना चाहिए, क्या नहीं-इसके बारे में हमें बताया विभूषा ने.

डॉक्टर विभूषा जामबेड़कर, डायटीशियन, पुणे
-प्रोटीन अवॉइड करिए. जैसे चिकन, फ़िश, मटन, दूध, अरहर की दाल, पनीर
-हरी सब्जियां या हरी सब्ज़ी के रस लेने से यूरिक एसिड ठीक हो सकता है. जैसे पालक, धनिया, मेथी
-बादाम, अखरोट
-नींबू, संतरा, सेब, खजूर
-चाय, कॉफ़ी, शराब अवॉइड करिए
इन डाइट टिप्स का ज़रूर ख्याल रखिएगा.
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