The Lallantop
Advertisement

इस टेस्ट से पता चलेगा आप कलर ब्लाइंड हैं या नहीं

कलर ब्लाइंडनेस यानी कुछ रंगों में अंतर नहीं बता पाना.

Advertisement
Colour Blindness
आदमियों में औरतों के मुकाबले ये ज़्यादा आम है. (सांकेतिक फोटो)
font-size
Small
Medium
Large
21 सितंबर 2022 (Updated: 21 सितंबर 2022, 01:08 IST)
Updated: 21 सितंबर 2022 01:08 IST
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

(यहां बताई गईं बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

आज शुरुआत करते हैं एक छोटे से टेस्ट के साथ. इस वक़्त आपको अपनी स्क्रीन पर एक गोला दिख रहा होगा. इस गोले के अंदर एक नंबर छुपा है. क्या आप बता सकते हैं ये नंबर कौन सा है? जवाब नोट डाउन कर लीजिए.

अब ये देखिए. दूसरी तस्वीर. इसमें भी आपको एक गोला दिख रहा होगा. इस गोले में भी एक नंबर छुपा है. ये नंबर क्या याद रखिएगा.

अब अगर आपका पहला जवाब 27 और दूसरा जवाब 6 नहीं है, तो आप कलर ब्लाइंड हैं. कलर ब्लाइंड होना यानी कुछ रंगों को देख नहीं पाना या उनके बीच फ़र्क न कर पाना. लेकिन घबराने की बात एकदम नहीं है, क्योंकि कलर ब्लाइंड होने का मतलब यहां ये नहीं कि आपकी आंखों की रोशनी को किसी प्रकार का ख़तरा है. आपकी आंखें एकदम ठीक हैं. बस वो कुछ ख़ास रंगों को देखकर पहचान नहीं पातीं. अब ऐसा क्यों होता है चलिए जानते हैं.

कलर ब्लाइंडनेस क्या होती है?

ये हमें बताया डॉक्टर अनीता सेठी ने.

Eye Specialist in Gurgaon | Fortis Memorial Gurgaon
डॉक्टर अनीता सेठी, डायरेक्टर, नेत्र विज्ञान, फ़ोर्टिस, गुरुग्राम

-कलर ब्लाइंडनेस यानी कुछ रंगों में अंतर नहीं बता पाना

-ये ब्लाइंडनेस यानी अंधापन नहीं है

-ये केवल कुछ रंगों में फ़र्क नहीं कर पाने के कारण होता है

-कुछ लोग लाल और हरे रंग के बीच अंतर नहीं बता पाते हैं

-इसको कलर डेफिशियेंसी भी कहा जाता है

-इसी कंडीशन को कलर ब्लाइंडनेस कहा जाता है

कलर ब्लाइंडनेस किन लोगों को होती है?

-कलर ब्लाइंडनेस काफ़ी आम है

-आदमियों में औरतों के मुकाबले ये ज़्यादा आम है

-दुनियाभर में 8 प्रतिशत लोग कलर ब्लाइंड होते हैं

-इनमें केवल 1 प्रतिशत औरतों को ये समस्या होती है

-कलर ब्लाइंडनेस आमतौर पर पैदायशी होती है

-कलर ब्लाइंडनेस का जीन परिवार में भी पाया जाता है, यानी एक ही परिवार के कई लोगों को ये होता है

-ये X-लिंक्ड कहा जाता है, यानी आदमियों में ज़्यादा पाया जाता है

-कुछ लोगों को कलर ब्लाइंडनेस बाद में भी हो जाती है

-ये लोग पैदायशी कलर ब्लाइंड नहीं होते

Glasses for the colour blind make visible a whole world of colour | BBC  Science Focus Magazine
कलर ब्लाइंडनेस काफ़ी आम चीज़ है

-ऐसा तब होता है जब आंखों की ऑप्टिक नर्व यानी वो नर्व जो देखने में मदद करती है, उसमें खराबी आ जाती है

-ब्रेन की बीमारी में भी ऐसा होता है

-इसमें इंसान पीले और नीले रंग के बीच में फ़र्क नहीं कर पाता

-लाल, हरा देखने में समस्या नहीं होती

कारण

-इसका कारण ज़्यादातर पैदायशी है

-हमारी आंखों में रंगों को पहचानने के लिए रिसेप्टर होते हैं

-जिसको कोन कहा जाता है

-कोन की कमी की वजह से कलर ब्लाइंडनेस होती है

-लाल, हरे रंग को पहचानने वाले कोन अगर कम हैं, तो इन रंगों को देखने में दिक्कत आएगी

इलाज

-इसका कोई इलाज नहीं है

-जिसको पैदायशी है, उसका कोई इलाज नहीं हो सकता

-अगर ऐसा किसी बीमारी के कारण है, तो बीमारी का इलाज होने पर ये ठीक हो सकता है

-इसमें कोई घबराने की बात नहीं है

-क्योंकि ये ज़्यादातर बहुत माइल्ड होता है

-कुछ ऐसे पेशे हैं, जिनमें कलर ब्लाइंड लोग काम नहीं कर सकते

-लेकिन इसका आपकी नॉर्मल ज़िंदगी पर ज़्यादा कोई असर नहीं पड़ता

-ऐसा नहीं है कि कोई भी कलर नहीं दिखता है

-बस लाल और हरे का फ़र्क करना मुश्किल होता है

कलर ब्लाइंडनेस कोई बीमारी नहीं है. इसका आपकी नॉर्मल लाइफ पर कोई ख़ास असर नहीं पड़ता. पर हां, कुछ पेशे ज़रूर जिसमें आपकी कंडीशन आपको रिजेक्ट करवा सकती है. जैसे आर्मी, मेडिकल, पायलट वगैरह. अगर कलर ब्लाइंडनेस किसी बीमारी के कारण है तो इसे ठीक भी किया जा सकता है. 

वीडियो- फेफड़ों में हवा भर जाना बहुत खतरनाका है, लेकिन ऐसा क्यों होता है?

thumbnail

Advertisement

election-iconचुनाव यात्रा
और देखे

Advertisement

Advertisement

Advertisement