ब्रेस्ट कैंसर के बाद स्तनों का आकार कैसे ठीक हो सकता है?
क्या ब्रेस्ट कैंसर से निपटने के लिए की जाने वाली सर्जरी स्तनों का आकार खराब कर देती है?
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अगर कैंसर के ऑपरेशन के दौरान ब्रेस्ट हटाना पड़ता है तो उसके पुर्ननिर्माण के लिए इसकी ज़रुरत पड़ती है
यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.झनक दिल्ली की रहने वाली हैं. 44 साल की हैं. दो साल पहले पता चला उन्हें ब्रेस्ट कैंसर है. झनक ने कैंसर से एक लंबी लड़ाई लड़ी. इलाज चला. अब वो ठीक है. कैंसर मुक्त हैं. पर कैंसर को निकालने के लिए उनकी सर्जरी हुई थी. यानी ब्रेस्ट के जिस हिस्से में कैंसर था, ऑपरेशन करके उसे निकाला गया. इस कारण उनके ब्रेस्ट का आकार एकदम खराब हो गया. झनक अब ब्रेस्ट रीकंस्ट्रकशन सर्जरी करवाना चाहती हैं. ताकि उनके ब्रेस्ट का नॉर्मल आकार वापस आ सके. और सिर्फ़ झनक ही नहीं. ये सवाल उन सारी औरतों के सामने आता है तो ब्रेस्ट कैंसर से जूझ चुकी होती हैं. कई औरतें चाहती हैं कि उनका शरीर वापस वैसा ही दिखे जैसे कैंसर से पहले दिखता था. ब्रेस्ट रीकंस्ट्रकशन सर्जरी बिलकुल मुमकिन है. पर ये कैसे होती है, क्या इसका कोई साइड इफ़ेक्ट होता है, कितना ख़र्चा होता है-आज इन सारे सवालों के जवाब पता करते हैं. पर सबसे पहले थोड़ा तफ़सील से जानते हैं कि ब्रेस्ट रीकंस्ट्रकशन सर्जरी आख़िर क्या होती है?
क्या होती है ब्रेस्ट रीकंस्ट्रकशन सर्जरी?
ये हमें बताया डॉक्टर सौरभ ने.

डॉक्टर सौरभ राय, प्लास्टिक सर्जन, मेडोक्स हॉस्पिटल, लखनऊ
कैंसर के ऑपरेशन के दौरान अगर ब्रेस्ट निकाला जाता है, तो उसका साइज़ और शेप वापस लाने के लिए जो सर्जरी की जाती है उसे ब्रेस्ट रीकंस्ट्रकशन सर्जरी बोलते हैं
ब्रेस्ट रीकंस्ट्रकशन सर्जरी कैसे होती है?
-ये निर्भर करता है कि ये सर्जरी ऑपरेशन के समय ही करवाई जाती है या कैंसर का इलाज पूरा करवाने के बाद
-अगर ये सर्जरी ऑपरेशन के समय कर रहे हैं तो इसे immediate breast reconstruction कहते हैं
-कैंसर का इलाज करवाने के बाद अगर ये सर्जरी करवाई जाती है तो उसे delayed breast reconstruction कहते हैं
- ये सर्जरी दो तरीकों से होती है. एक या तो आपके शरीर के किसी और भाग से ऊतक (Tissue) लिया जाता है या फिर कोई इम्प्लांट इस्तेमाल किया जाता है
-अगर शरीर के ही टिशू इस्तेमाल किए जाते हैं तो उसे autologous reconstruction कहा जाता है
-अगर इम्प्लांट लगाया जाता है तो उसे implant-based reconstruction कहा जाता है

-autologous reconstruction में पेट के नीचे के हिस्से से मांस लिया जाता है. दरअसल ब्रेस्ट कैंसर के जो ज्यादातर मरीज़ होते हैं उनके बच्चे हो चुके होते हैं, इसलिए पेट के उस हिस्से में एक्स्ट्रा टिश्यू मौजूद रहता है. किसी वजह से अगर इस हिस्से का टिशू नहीं इस्तेमाल कर पा रहे हैं तो शरीर के बाकी हिस्सों का टिशू इस्तेमाल किया जाता है. जैसे पीठ, कमर के नीचे का हिस्सा
-इम्प्लांट बेस्ड रीकंस्ट्रकशन तब किया जाता है जब महिला के शरीर पर उतनी स्किन नहीं होती कि इम्प्लांट को कवर कर पाए. इस केस में पहले आर्टिफिशियल गुब्बारे टाइप की चीज़ इस्तेमाल की जाती है जिसे Tissue Expander कहते हैं. Tissue Expander को धीरे-धीरे फुलाकर स्किन बनाई जाती है ताकि इम्प्लांट स्किन के अंदर रखा जा सके.
ब्रेस्ट रीकंस्ट्रकशन सर्जरी से जुड़ी बेसिक जानकारी आपको पता चल गई. अब बात करते हैं साइड इफेक्ट्स, कुछ ज़रूरी टिप्स और ये भी जानते हैं कि इस सर्जरी को करवाने में कितना ख़र्चा हो सकता है?

सर्जरी का कोई साइड इफ़ेक्ट है?
-ब्रेस्ट रीकंस्ट्रकशन एक तरह की सर्जरी ही होती है. इसलिए आम सर्जरी में जो साइड इफ़ेक्ट होते हैं जैसे इन्फेक्शन, वो हो सकता है. इसके अलावा ब्रेस्ट रीकंस्ट्रकशन सर्जरी का कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं है
टिप्स
-सर्जरी के तुरंत बाद मरीज़ को प्रेशर गारमेंट बनाकर दिया जाता है जो उनके साइज़ के हिसाब से बनाया जाता है
-मरीज़ को एक-डेढ़ महीने तक ये पहनना पड़ता है ताकि शेप मेन्टेन रहे
कितना ख़र्चा होता है?
-ये निर्भर करता है कि आप इमिडिएट करवा रहे हैं या बाद में करवा रहे हैं. Autologous reconstruction या implat-based सर्जरी करवा रहे हैं?
-टिश्यू एक्स्पैंडर और इम्प्लांट भारत में नहीं बनते हैं. उनको इम्पोर्ट किया जाता है. उनके रेट यूरो और डॉलर के एक्सचेंज रेट के हिसाब से बदलते रहते हैं. किस तरह का ऑपरेशन मरीज़ करवा रहा है, खर्चा उस हिसाब से ही होता है
उम्मीद है ये जानकारी उन सारी औरतों के काम आएगी को कैंसर के बाद ब्रेस्ट रीकंस्ट्रकशन सर्जरी करवाना चाहती हैं.
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