ठंड में जोड़ों का दर्द इतना क्यों बढ़ जाता है?
जिन लोगों को अर्थराइटिस की शिकायत होती है उन्हें दर्द भी ज़्यादा होता है.
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सर्दियों और ख़ासतौर पर सुबह के समय जॉइंट पेन ज़्यादा होने लगता है
रेणुका जयपुर की रहने वाली हैं. उम्र 44 साल है. अर्थराइटिस की दिक्कत है. अब ठंड आ गई है तो काफ़ी परेशान हैं. जाड़े के मौसम में उनके जोड़ों में ज़बरदस्त दर्द होता है. वो जानना चाहती हैं कि इससे बचने के लिए क्या करें. वैसे ये परेशानी अर्थराइटिस से जूझ रहे लोगों को हर साल ठंड में होती है. तो चलिए आज बात करते हैं अर्थराइटिस के बारे में. जानते हैं ठंड में अर्थराइटिस का दर्द क्यों बढ़ जाता है. साथ ही अलग-अलग तरह के अर्थराइटिस के बारे में भी जान लीजिए.
ठंड में क्यों बढ़ जाता है दर्द?
ये हमें बताया डॉक्टर दिनेश ने.

डॉक्टर दिनेश लिम्बाचियां, ऑर्थोपीडिक, गांधी लिंकन हॉस्पिटल
-ठंड आते ही जिन मरीज़ों को अर्थराइटिस की परेशानी है, उनके जोड़ों का दर्द बढ़ जाता है.
- जिन्हें अर्थराइटिस नहीं भी है, उन्हें भी ठंड के दौरान जोड़ों में दर्द होता है.
- पहला कारण - ठंड में शरीर का नैचुरल मूवमेंट कम हो जाता है. इस कारण जॉइंट्स और उसके आसपास की मांसपेशियों का लचीलापन कम हो जाता है, इन जॉइंट्स में खिंचाव होने के कारण दर्द होता है.
- दूसरा कारण - जॉइंट्स और मांसपेशियों के नॉर्मल काम करने के लिए जो हवा का प्रेशर होना चाहिए वो ठंड में कम हो जाता है, जिस कारण मांसपेशियां फूलने लगती हैं.
- जॉइंट्स के अंदर मौजूद लिक्विड कम होने लगता है.
- सर्दियों और ख़ासतौर पर सुबह के समय जॉइंट पेन ज़्यादा होता है.
अर्थराइटिस के प्रकार
- सर्दियों में सबसे आम अर्थराइटिस है Osteoarthritis. यानी उम्र बढ़ने के साथ जोड़ों का घिसाव..
- दूसरा है Rheumatoid Arthritis. इसमें हाथ-पैर के छोटे जॉइंट्स में सूजन आ जाती है.
- इन दोनों तरह के अर्थराइटिस में सबसे बड़ा फ़र्क है कि Osteoarthritis 50-60 साल बाद नैचुरल तौर पर जॉइंट्स में घिसाव होने के कारण होता है. Rheumatoid Arthritis 20 से 40 साल की उम्र में ज़्यादा देखने को मिलता है.

- पुरुषों की तुलना में औरतों में Rheumatoid Arthritis ज़्यादा देखने को मिलता है.
- Osteoarthritis घुटनों के जॉइंट्स में ज़्यादा होता है और हाथ-पैर के छोटे जॉइंट्स में बाद में होता है.
- Rheumatoid Arthritis आमतौर पर हाथ-पैर के छोटे जॉइंट्स में होता है. घुटने में बाद में होता है.
चलिए अर्थराइटिस पर आपने एक छोटा सा क्रैश कोर्स कर लिया. ये भी जान लिया कि इस मौसम में दर्द क्यों बढ़ जाता है. अब बात करते हैं इलाज की.
इलाज
- अर्थराइटिस का इलाज ज़्यादातर दवाइयों और फिज़ियोथैरेपी से होता है.
- ज़्यादातर मरीजों में एंटी-इन्फ्लामेटरी मेडिकेशन और फिज़ियोथैरेपी शुरू करने के बाद अर्थराइटिस का दर्द कम होने लगता है.
- दवाइयां जॉइंट्स की सूजन और दर्द को कम करती हैं.
- फिज़ियोथैरेपी से मांसपेशियों में लचीलापन बढ़ता है.
- फिज़ियोथैरेपी में जॉइंट्स का एक्टिव और पैसिव मोबिलाइज़ेशन किया जाता है. जिन जॉइंट्स पर असर पड़ा है उनमें मूवमेंट एक्सरसाइज़ करवाई जाती है
- तीसरी है मसल स्ट्रेंथनिंग एक्सरसाइज. इस एक्सरसाइज़ को नियमित रूप से करने पर अर्थराइटिस के दर्द में राहत मिलती है.
- अगर आपका अर्थराइटिस Rheumatoid Arthritis है तो आपको कुछ महीनों के लिए इसके लिए अलग ट्रीटमेंट लेना पड़ता है. साथ-साथ फिज़ियोथैरेपी करने से आपको राहत मिलती है.

- जिसको Osteoarthritis है और घुटने पर असर पड़ा है, वो लोग सर्जरी करवा सकते हैं.
- आजकल Osteoarthritis में टोटल नी रिप्लेसमेंट किया जाता है. यानी पूरा घुटना बदला जाता है. इससे उसका मूवमेंट फ्री हो जाता है और दर्द से छुटकारा मिल जाता है.
उम्मीद है जिन लोगों को ठंड में हड्डियों और जोड़ों के दर्द की शिकायत रहती है, उनके लिए ये जानकारी मददगार होगी.
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