The Lallantop
Advertisement

आंगनबाड़ी की कर्मियों ने सैलरी बढ़ाने की योगी सरकार की घोषणा में क्या पेच बताया?

सीएम योगी आदित्यनाथ ने हाल में आंगनबाड़ी कर्मियों का वेतन बढ़ाने का ऐलान किया था.

Advertisement
Img The Lallantop
योगी आदित्यनाथ और आंगनबाड़ी केंद्र
6 जनवरी 2022 (Updated: 6 जनवरी 2022, 17:03 IST)
Updated: 6 जनवरी 2022 17:03 IST
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल में आंगनबाड़ी और मिनी आंगनबाड़ी महिला कर्मियों सहित आंगनबाड़ी हेल्पर्स की तनख्वाह बढ़ाने का ऐलान किया. इसके तहत आंगनबाड़ी महिला कर्मी को 8000 रुपये, मिनी आंगनबाड़ी महिला कर्मी को 6000 रुपये और सहायिका को 4000 रुपये दिए जाएंगे.
साथ ही कोविड-19 संकट के दौरान काम करने के लिए प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. घोषणा के तहत एक अप्रैल 2020 से लेकर 31 मार्च 2022 तक की अवधि के लिए हर महीने ये राशि दी जाएगी. आंगनबाड़ी और मिनी आंगनबाड़ी महिला कर्मियों के लिए 500-500 रुपये और हेल्पर्स के 250 रुपये देना तय किया गया है. इसके अलावा सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक समारोह में 754 आंगनबाड़ी केन्द्रों का लोकार्पण और शिलान्यास किया.

वेतन में कितने की होगी बढ़ोतरी?

बीती 3 जनवरी को हुए समारोह में योगी आदित्यनाथ ने सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि वर्तमान में आंगनबाड़ी महिला कर्मी को प्रतिमाह 5500 रुपये, मिनी आंगनबाड़ी महिला कर्मी को 4250 रुपये और सहायिकाओं को 2750 रुपये का मानदेय दिया जा रहा है. यानी नई घोषणा के बाद इनमें क्रमशः 2500, 1750 और 1250 रुपये की बढ़ोतरी होगी. इसमें राज्य सरकार और केंद्र सरकार की तरफ से मिलने वाला परफॉर्मेंस लिंक्ड इन्सेन्टिव शामिल होगा.

Fildx9vvqaeu6 C
सभा को संबोधित करते योगी आदित्यनाथ (फोटो : मुख्यमंत्री ऑफिस के ट्विटर हैन्डल से.)

मानदेय वृद्धि के लिए हो रहा था प्रोटेस्ट

इस घोषणा पर आंगनबाड़ी में काम कर रहीं औरतों के रिएक्शन जानने के लिए हमने उत्तर प्रदेश के कई जिलों की आंगनबाड़ी महिला अध्यक्षों से बात की. जौनपुर की आंगनबाड़ी संघ की जिलाध्यक्ष सरिता सिंह ने हमें बताया,
"2 दिसंबर 2021 से जौनपुर, गोरखपुर, रायबरेली, अमेठी, महाराजगंज, देवरिया, आजमगढ़ सहित 50 जनपदों में आंगनबाड़ी महिला कर्मियों द्वारा प्रोटेस्ट चल रहा था. ये मूलतः मानदेय (तनख्वाह) बढ़ाने के लिए था. इसके तहत हमारी मांग थी कि आंगनबाड़ी और मिनी आंगनबाड़ी की महिला कर्मियों का मानदेय 18000 और सहायिकाओं का मानदेय 9000 किया जाए या फिर हमें सरकारी कर्मचारी की मान्यता मिले."
Anganwadi 1565115862 1200x675
आंगनबाड़ी प्रोटेस्ट की तस्वीर

सरिता सिंह ने आगे बताया कि जनपदों में चल रही इस हड़ताल पर सरकार की कोई प्रतिक्रिया न मिलने पर आंगनबाड़ी महिला कर्मचारी 15 और 16 दिसंबर को लखनऊ के इको गार्डन में धरने पर बैठ गईं. 17 दिसंबर को उनकी बात बाल विकास पुष्टाहार मंत्री स्वाति सिंह से हुई. इस बातचीत में तनख्वाह बढ़ोतरी का आश्वासन दिया गया, लेकिन कोई लिखित ऑर्डर नहीं मिला. इसके बाद आंगनबाड़ी कर्मचारी पहले 27 दिसंबर को क्रमिक अनशन पर बैठीं, और फिर 2 जनवरी 2022 को लखनऊ के इको गार्डन में शक्ति प्रदर्शन किया. सरिता के मुताबिक इस शक्ति प्रदर्शन के बाद उन्हें लिखित ऑर्डर प्राप्त हुआ.

पोषण ट्रैकर ऐप के लिए बढ़ेगी सैलरी

हमने कुछ और आंगनबाड़ी महिला कर्मियों से बात करने की कोशिश की. उनमें से कई का कहना था कि इस वेतन वृद्धि का आधार सरकार का 'पोषण ट्रैकर ऐप' है. महिला एवं बाल विकास विभाग ने इस ऐप को जुलाई 2021 में लॉन्च किया था. इसमें जिला भर के नवजातों से लेकर छह साल तक के बच्चों के अलावा गर्भवती और दूध पिलाने वाली महिलाओं का सारा डाटा मिलेगा. देवरिया जिले की आंगनबाड़ी अध्यक्ष नीरज पांडे ने हमें बताया कि वेतन में ये इज़ाफ़ा तब ही मिलेगा जब महिलाएं सरकार के पोषण ट्रैकर ऐप के लिए काम करेंगी.
Download
पोषण ट्रैकर ऐप

लेकिन ऐप के लिए काम करना इन महिलाओं के लिए आसान नहीं है. क्योंकि एक आंगनबाड़ी कर्मचारी को समार्टफोन चलाने जितनी स्मार्टनेस और मोबाइल रिचार्ज जैसे सोर्स की ज़रूरत होगी. नाम नहीं बताने की शर्त पर एक आंगनबाड़ी सहकर्मी ने चिंता व्यक्त करते हुए हमें बताया,
“हम इस ऐप पर काम तब ही कर पाएंगे जब हमें स्मार्टफोन और सही इंटरनेट कनेक्शन मिल पाएगा जिसकी पहुंच हर गांव तक अभी नहीं है."
हालांकि बीते वर्ष सितंबर महीने में 4 लाख आंगनबाड़ी वर्कर्स को पोषण ट्रैकर ऐप चलाने के लिए स्मार्टफोन दिए गए थे. लेकिन वर्कर्स का कहना है कि इस स्मार्टफोन में सिर्फ यही एक ऐप है जिसमें वे काम कर सकती हैं. इसके अलावा न तो इसमें वे वॉट्सएप चला सकती हैं, न ही इस फोन में कैमरा है. इंटरनेट भी खुद ही भरवाना पड़ता है.

Screenshot (5)
एक आंगनबाड़ी केंद्र की तस्वीर.

कैसी है अब तक की वेतन व्यवस्था?

इस सवाल पर कानपुर में आंगनबाड़ी की प्रदेश अध्यक्ष किरण वर्मा ने बताया,
"हमें समय से वेतना नहीं मिलता. दो-दो महीने तक वेतन खाते में नहीं आता जबकि आंगनबाड़ी में काम करने वाली अधिकतर महिलाएं गरीबी रेखा से नीचे की हैं और इसी वेतन पर निर्भर हैं. हमसे तीन-तीन विभाग का काम लिया जाता है जिसमें स्वास्थ, आंगनबाड़ी और बीएलओ विभाग शामिल हैं."
कुछ आंगनबाड़ी महिला कर्मियों का कहना है कि वे फरवरी 2022 तक देखेंगी कि हर बार की तरह इस बार भी वादे के मुताबिक उनकी तनख्वाह में बढ़ोतरी होती है या नहीं. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं होता तो वे फिर से प्रोटेस्ट करेंगी.
इस पूरे मुद्दे पर सरकार का पक्ष जानने के लिए हमने लखनऊ स्थित बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग से संपर्क करने की कोशिश की थी. रिपोर्ट प्रकाशित होने तक विभाग से संपर्क नहीं हो सका.

thumbnail

Advertisement