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पेट में एसिड होना है अच्छी बात, फायदे जानकार चौंक जाएंगे

पेट का एसिड बहुत सारे कीटाणुओं, जैसे बैक्टीरिया और वायरस, को खत्म कर शरीर की रक्षा करता है.

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Stomach acid
पेट में बनने वाला एसिड शरीर के लिए बेहद जरूरी होता है (सांकेतिक फोटो)
21 नवंबर 2023 (Published: 04:26 PM IST) कॉमेंट्स
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हम सबके पेट में एसिड होता है. ये तो आपको पता है. पर क्या आपको इस एसिड की एहमियत पता है? एसिड को अक्सर लोग विलन समझते हैं. पेट में होने वाली जलन, जिसे अक्सर एसिडिटी बोलते हैं, उसका सारा दोष इसी एसिड पर मढ़ दिया जाता है. पर अगर आपके पेट में एसिड नहीं होगा, तो न आपका खाना पचेगा न ही आपका शरीर कोई पोषक तत्व सोख पाएगा. हो सकता है रोज़ पेट से जुड़ी जो समस्याएं आपको महसूस हो रही हैं, उनके पीछे की वजह पेट में कम एसिड का बनना हो. पेट में लो स्टमक एसिड से क्या दिक्कतें होती हैं, ये बताते हैं. पर उससे पहले ये जान लीजिए पेट में एसिड होना क्यों ज़रूरी है.

पेट में एसिड होना क्यों जरूरी है?

ये हमें बताया डॉ. अमित मिगलानी ने.

(डॉ. अमित मिगलानी, डायरेक्टर, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, एशियन हॉस्पिटल, फरीदाबाद)  

- पेट में बनने वाला एसिड शरीर के लिए बेहद जरूरी होता है.

- ये एसिड खाने में मौजूद पोषक तत्वों और प्रोटीन को तोड़कर इन्हें पचाने में मदद करता है.

- आयरन, कैल्शियम, विटामिन B12 जैसे मिनरल्स को एब्सॉर्ब करने में मदद करता है.

- पेट का एसिड बहुत सारे कीटाणुओं, जैसे बैक्टीरिया और वायरस को खत्म कर शरीर की रक्षा करता है.

- हमारे खाने में कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं.

- इन्हें पचाने के लिए छोटे हिस्सों में तोड़ना जरूरी है, ताकि आंतें इन्हें पचा सकें.

- इसके लिए पाचनतंत्र में बहुत सारे एन्जाइम्स होते हैं जो सिर्फ एसिड की मौजूदगी में ही काम करते हैं.

- जैसे कि प्रोटीन को पचाने के लिए पेप्सिन नाम का एन्ज़ाइम काम करता है.

- ये एन्ज़ाइम प्रोटीन को तोड़ देता है, जिसके बाद आंतें प्रोटीन को अच्छे से पचा लेती हैं.

- अगर पेट में एसिड नहीं होगा तो खाना ठीक से नहीं पचेगा, ऐसा हुआ तो शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाएगी.

पेट में एसिड की कमी से क्या दिक्कत हो सकती है?

- पेट में एसिड की कमी होने का मुख्य कारण है एट्रोफिक गैस्ट्रिटिस (Atrophic Gastritis).

- एट्रोफिक गैस्ट्रिटिस में पेट की अंदरूनी सतह बैक्टीरिया की वजह से खराब होने लगती है. इस बैक्टीरिया का नाम है हेलिकोबैक्टर पाइलोरी (Helicobacter pylori).

- ये बैक्टीरिया पेट और आंतों को नुकसान पहुंचाता है, जिस वजह से एसिड बनना कम हो जाता है.

- शराब के सेवन से भी पेट में कम एसिड बनता है.

- इसके अलावा कई बार रोग प्रतिरोधक क्षमता भी शरीर पर हमला कर देती है, जिस वजह से पेट में एसिड बनना बंद हो जाता है.

- उम्र बढ़ने के साथ-साथ एसिड बनाने वाले सेल्स की संख्या भी कम हो जाती है.

- कई बार सर्जरी के जरिए पेट का कुछ हिस्सा काट कर निकाल दिया जाता है, जिस वजह से भी एसिड कम बनता है.

- लंबे समय तक पेट के एसिड को कम करने वाली दवाइयां लेने से भी पेट में कम मात्रा में एसिड बनता है.

लक्षण

- पेट में एसिड कम बनने की वजह से प्रोटीन ठीक से एब्सॉर्ब नहीं हो पाता.

- पेट फूलना, पेट दर्द होना, दस्त लगना और डकार आने जैसे लक्षण दिख सकते हैं.

- लंबे समय तक पेट में एसिड न बनने से शरीर में काफी सारे पोषक तत्वों की कमी हो जाती है.

- इस वजह से बाल झड़ना, बालों का पतला होना, चीजें भूल जाना और थकान भी हो सकती है.

- पेट में एसिड की कमी का पता लगाने के लिए कई सारे टेस्ट किए जाते हैं.

- जैसे कि कैप्सूल स्ट्रिंग टेस्ट- इसमें एक ट्रांसमीटर से लैस कैप्सूल मरीज को खाने के लिए दिया जाता है. रेडियो ट्रांसमीटर के जरिए ये कैप्सूल पेट की एसिडिटी की जानकारी देता है.

- इसके बाद मरीज को सोडियम बाइकार्बोनेट पिलाया जाता है.

- पेट में अगर एसिड होगा तो सोडियम बाइकार्बोनेट उसे न्यूट्रलाइज़ कर देता है, इससे पेट में कितना एसिड है इसका पता चलता है.

- इसके अलावा पेट की अंदरूनी सतह को नुकसान पहुंचा है या नहीं इसका पता एंडोस्कोपी के जरिए लगाया जाता है.

- बायोप्सी के जरिए भी ये पता लगाया जा सकता है कि पेट में एसिड कम है या नहीं.

- इसके अलावा pH मीट्रिक टेस्ट, बेसल एसिड आउटपुट और मैक्सिमम एसिड आउटपुट से भी पेट में कितना एसिड है, इसका पता लगाया जा सकता है.

इलाज

- सबसे पहले पेट में एसिड किस वजह से कम हो रहा है इसका पता लगाया जाता है.

- अगर लंबे समय से एसिड कम करने वाली दवाइयां ले रहे हैं तो इन्हें बंद कर दीजिए.

- अगर हेलिकोबैक्टर पाइलोरी बैक्टीरिया के कारण ऐसा हो रहा है तो उसका इलाज किया जाता है.

- शराब का सेवन न करें.

- पेट में एसिड की कमी होने की वजह से शरीर में जिन पोषक तत्वों की कमी हो गई है.

- सप्लीमेंट्स के जरिए उन पोषक तत्वों की कमी को भी पूरा किया जाता है. जैसे आयरन, विटामिन B12 समेत बाकी पोषक तत्व. 

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

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