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Met Gala में यूट्यूबर ने चोरी का नेकलेस पहन लिया?

कथित तौर पर ये नेकलेस पटियाला के महाराजा भूपिंदर सिंह का है.

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एक इंटरव्यू में एम्मा ने कहा कि उन्होंने ऐसा ग़ैर-मामूली नेकलेस पहले कभी नहीं देखा था. इसपर लोगों ने पूछ लिया कैसे देखा होगा? तुम्हारे पास तो था ही नहीं (फोटो - Getty)
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सोम शेखर
12 मई 2022 (Updated: 12 मई 2022, 07:04 PM IST) कॉमेंट्स
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मेट गाला. फ़ैशन वर्ल्ड की सबसे बड़ी रात. हर साल होने वाले इस इवेंट में परंपराओं को तोड़ने की परंपरा है. हर साल कोई न कोई कॉस्टयूम या लुक भयंकर चर्चा में रहता है. चाहे 2021 में किम कार्दशियन का ऑल-ब्लैक-गाउन हो, जिसने कई दिनों तक तो लोगों को इस हैरत में डाल रखा था कि ये हैं कौन? और उन्होंने क्या और क्यों पहना हुआ है? या फिर Met Gala 2021 में ही अलेक्ज़ेंड्रिया कोर्टेज़ का गाउन, जिस पर लिखा था ‘टैक्स द रिच’. इस ड्रेस पर भी ख़ूब बवाल कटा था क्योंकि ये एक बहुत बड़े आर्थिक मसले को अड्रेस करता है. ख़ैर.. लेडी गागा हों, जेनिफ़र लोपेज़, कार्डी बी या रिहाना, सभी के लुक्स ने ख़ूब वाहवाही (और कॉन्ट्रोवर्सीज़) बटोरी हैं.

इस साल भी एक लुक चर्चा में है. कहिए कॉन्ट्रोवर्सी में. अमेरिका की पॉपुलर यूट्यूबर एम्मा चैंबर्लेन. Emma Chamberlain अपने लुक के लिए नहीं, अपने नेकलेस के लिए चर्चा में है. लग्ज़री जूलरी मेकर कार्टियर के द्वारा बनाया गया ये नेकलेस असल में भारत से ‘चोरी’ किया गया है. कथित तौर पर ये नेकलेस पटियाला के महाराजा भूपिंदर सिंह का है.

Met Gala में कॉन्ट्रोवर्सी क्यों हुई?

हर साल मेट गाला एक ड्रेस-कोड रखता है. इस साल का ड्रेस-कोड था ‘गिल्डेड ग्रामर’. गिल्डेड का मतलब ‘सोने का पानी चढ़ा हुआ’ और ग्लैमर मतलब चमक-धमक. ये थीम अमेरिका की 19वीं सदी की ‘गिल्डेड एज’ को एक ट्रिब्यूट थी. गिल्डेड एज बोले तो 1870 और 1890 के दौर का अमेरिका, जहां इंडस्ट्रियल रिवोल्यूशन के बाद समृद्धि और कल्चरल बदलाव आ रहे थे.

हालांकि, यूक्रेन में चल रहे युद्ध, बढ़ती महंगाई और पूरी दुनिया में फैले कोविड के कहर की वजह से इस तरह की थीम रखने के लिए मेट गाला की आलोचना भी हो रही है. आलोचना हो‌ रही है, लेकिन इवेंट तो हो भी गया. 2 मई 2022, न्यूयॉर्क में.

तो गिल्डेड ग्लैमर के तहत लोग फ़ुल-ऑन शोबाज़ी के मूड में थे. लग्ज़री जूलरी ब्रैंड कार्टियर की ब्रांड एंबेसडर थीं एम्मा चैंबर्लेन. लुइ विट्टॉन की ड्रेस पहनी थी और 1911 का डायमंड टिआरा नेकलेस पहना था. एक इंटरव्यू में उन्होंने ये तक कहा कि गिल्डेड एज ग़ैर-मामूली चीज़ों से भरी हुई थी और उन्होंने ऐसा ग़ैर-मामूली नेकलेस पहले कभी नहीं देखा. बस्स्स.. यही नहीं करना था!

हालांकि, एक ‘रेशियल बायस’ का हवाला देते हुए कुछ लोगों ने बताया कि चेम्बरलेन ने हार पहनने पर उतना ध्यान नहीं दिया गया, जितना कि किम कार्दशियन को मर्लिन मुनरो की ड्रेस पहनने पर मिला (फोटो – Getty)


साउथ एशियाई समुदाय के लोग, ख़ासतौर पर इंडियन अमेरिकन्स, हाथ धोकर एम्मा और कार्टियर के पीछे पड़ गए. कुछ लोगों ने तो ये तक कह दिया कि ‘चोरी का सामान’ फ़्लॉन्ट करते हुए ऐसे किसी को नहीं देखा.

क्या है इस Patiala Necklace की कहानी?

दरअसल, ये नेकलेस एक ख़ा स क़िस्म के डायमंड्स से बना हुआ है, जिसे ‘डी बीयर्स’ डायमंड कहा जाता है. कथित तौर पर 1928 में पटियाला के महाराज भूपेंद्र सिंह के लिए यह नेकलेस बनाया गया था, जिसमें 2900 हीरे जड़े हुए थे. उस समय डी बीयर्स दुनिया का सातवां सबसे बड़ा डायमंड था. और सोने की प्यूरिटी का माप क्या है? 24 कैरेट. ये हीरा 234 कैरेट का था. बहुत्त महंगा.

1948 में, पटियाला की रॉयल ट्रेज़री से ये नेकलेस ग़ायब हो गया. चोरी हो गया. इंटरनेशनल मीडिया वेबसाइट माशबल के मुताबिक़, 1982 में जेनेवा में हुई एक नीलामी के दौरान यह नेकलेस डाइस पर रखा गया. बोली लगाने के लिए. किसी ने उसकी बोली लगाई और महाराजा का नेकलेस वहां बिक गया. अब बेचारे इस नेकलेस के साथ इतना कुछ हुआ, तो वो अपनी पुरानी शान-ओ-शौक़त में तो रहा नहीं. कुछ हीरे गिर गए,‌ कुछ चोरी हो गए. फिर 1998 में जाकर लंदन के एक सेकंड-हैंड जूलरी स्टोर से कार्टियर को इस नेकलेस का एक हिस्सा मिल गया. कथित तौर पर कार्टियर ने इस नेकलेस को फिट-फाट किया, मिसिंग पुर्जो पर डुप्लीकेट पुर्जे लगाए. और चमका के बना दिया ‘ओरिजिनल’ कार्टियर. कथित तौर पर, फिर से.


लोगों ने ये नोटिस किया, तो सोशल मीडिया पर शुरू हुआ घमासान. वैसे भी हिंदुस्तानी अंग्रेज़ों द्वारा चुराए हुए कोहिनूर को लेकर बहुत पर्टीकुलर हैं. और, बहुत ही इमोशनल भी. तो कोई मेट गाला पर जाकर अगर ‘आपके’ ही सामान से महफ़िल लूट ले, तो ये कैसे बर्दाश्त होता?

हालांकि, अब इसका क्या ही किया जा सकता है. तो लोकसभा सांसद कि वो स्पीच याद कीजिए जो उन्होंने ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी डिबेट के दौरान दी थी. वो स्पीच बहुत वायरल हुई थी, जिसमें उन्होंने अंग्रेज़ों द्वारा की गई बर्बरता का व्याख्यान किया था. अपनी स्पीच के अंत में उन्होंने जो कहा था, कार्टियर को भी वही कह देते हैं.

“आपने जो किया, उसकी कोई माफ़ी नहीं है, लेकिन फिर भी सॉरी कह दीजिए.”

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