ईरान: दो LGBTQ कार्यकर्ताओं को फांसी की सज़ा, क्या छुपा रही है सरकार?
ईरान ने आरोप तो ह्यूमन ट्रैफिकिंग के लगाए हैं, लेकिन माजरा कुछ और है
ईरान में दो LGBTQ कार्यकर्ताओं को मौत की सज़ा के ऐलान के बाद पूरी दुनिया में हंगामा मचा हुआ है. मानवाधिकार संगठन इस फ़ैसले की निंदा कर रहे हैं. सरकार से मांग की जा रही है कि वो सज़ा पर रोक लगाए. जर्मनी में बेस्ड 6RANG नाम का एक संगठन है, जो ईरान में LGBTQ समुदाय के अधिकारों की वक़ालत करता रहा है. उसने भी कोर्ट के इस फैसले को ‘अनुचित और अस्पष्ट' बताया है. कहा कि सरकार इसके ज़रिए समाज में नफ़रत बढ़ाना चाहती है. मानवाधिकार संगठन ऐमनेस्टी इंटरनैशनल ने भी इस फ़ैसले पर गुस्सा जताया है.
ये पूरा मामला है क्या?दरअसल, ईरान की एक अदालत ने समलैंगिकता को बढ़ावा देने के आरोप में दो LGBTQ कार्यकर्ताओं को मौत की सज़ा सुनाई थी. दोनों के नाम हैं, ज़हरा सिद्दीकी हमीदानी और इल्हाम चुबदार.
सिद्दीकी हमीदानी, ईरान के कुर्द शहर से हैं. वो लम्बे समय से ईरान में LGBTQ समुदाय के अधिकारों के लिए आवाज़ उठाती आई हैं. अक्टूबर 2021 में इस्लामिक गार्ड पर आरोप लगे थे कि उन्होंने हमीदानी को तुर्किये का बॉर्डर क्रॉस करते हुए अरेस्ट किया था. अरेस्ट के बाद हमीदानी के साथ बुरा बर्ताव किया गया. उसे बिना किसी कारण के 53 दिनों के लिए गायब कर दिया गया था. मई 2021 में BBC पर्शियन ने एक डॉक्यूमेंट्री रिलीज़ की. इसमें हमीदानी ने ईरान के कुर्दिश इलाकों में LGBTQ समुदाय के साथ हो रहे दुर्व्यवहार के बारे में बताया था. डॉक्यूमेंट्री के बाद वो फिर सुर्खियों में आईं. उन्हें कुर्दिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी ने गिरफ्तार कर लिया. इस बार उनके ऊपर समलैंगिकता को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया. सज़ा पाने वाली दूसरी कार्यकर्ता इल्हाम चुबदार भी ईरान में LGBTQ समुदाय के अधिकारों को लेकर मुखर रही हैं.
आरोप क्या हैं?इन दोनों कार्यकर्ताओं पर ‘करप्शन ऑन अर्थ’ का आरोप लगाया गया है. क्या होता है करप्शन ऑन अर्थ? ये सज़ा ईरान के शरिया कानून के तहत दी जाती है. इसका मतलब ऐसे अपराध से है जिसकी वजह से समाज को खतरा हो. ईरान में इस अपराध को ‘मोफ़सिद-ए-फिल अर्ज़’ कहा जाता है.
ईरान की अदालत ने सज़ा की पुष्टि कर दी है. लेकिन उसकी वजह अलग बताई है. ईरानी अदालत का एक मीडिया आउटलेट है मीज़ान, मीज़ान में इस सज़ा के पीछे की वजह ह्यूमन ट्रैफिकिंग बताई है. मीज़ान में छपा है कि मीडिया में कई तरह की अफवाहें चल रही हैं. ये सब झूठ हैं. ये दोनों कार्यकर्त्ता छोटी लड़कियों और महिलाओं की तस्करी दूसरे देशों में किया करते थे. इसी वजह से उन्हें ये सज़ा सुनाई गई है.
ईरान के कानून के मुताबिक, समलैंगिक यौन आचरण एक अपराध है, इस मामले में दोषी साबित होने पर कोड़े मारने से लेकर मौत की सजा तक सुनाई जा सकती है.
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