भारत में जल्द मिलेगा वज़न घटाने वाला इंजेक्शन Tirzepatide, मगर इस्तेमाल से पहले ये बातें नहीं जानी तो...
भारत में टिरज़ेपटाइड को डायबिटीज की दवा के तौर पर बेचा जाएगा. वज़न घटाने की दवा के तौर पर नहीं. लेकिन, बात जब वेट लॉस की आती है तो इंसान अक्सर वॉर्निंग को इग्नोर कर देता है.
'ये टैबलेट खाओ, एक महीने में वज़न घटाओ!' आपने टीवी या सोशल मीडिया पर ऐसी कई वज़न घटाने वाली दवाओं का ऐड देखा होगा? पर अक्सर ये दवाएं सेहत के लिए ख़तरनाक मानी जाती हैं. इनके क्या साइड इफ़ेक्ट होंगे, कस्टमर को ये बताया ही नहीं जाता.
हालांकि वेट लॉस की चाह में इंसान अक्सर साइड इफ़ेक्ट को भी इग्नोर कर देता है. आपने ओज़ेम्पिक का नाम सुना है? ये डायबिटीज की एक दवा है पर दुनियाभर में इसे वज़न घटाने के लिए लिया जा रहा है. बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक. बड़े-बड़े सेलेब्स इसका इस्तेमाल कर के वज़न घटा चुके हैं.
नई ख़बर ये है कि भारत में अब दो ऐसी दवाएं मिलने वाली हैं, जो वज़न घटाने में मदद करेंगी. हालांकि ये इंजेक्शन के रूप में लेनी होगी. पहले थोड़ी जानकारी दे देते हैं आपको. एक दवा है जिसका नाम है टिरज़ेपटाइड. ये इंजेक्शन के तौर पर बनती है. इसको एली लिली एंड कंपनी बनाती है. बाज़ार में इस इंजेक्शन को मोंजारो और ज़ेपबाउंड नाम के दो ब्रांड नेम से बेचा जाता है. मोंजारो डायबिटीज़ के लिए ज़्यादा असरदार है, वहीं जे़पबाउंड वज़न घटाने में.
अब भारत में एक कमेटी है. जिसका काम है दवाओं को जांचना और मंजूरी देना. एक बार ये ओके कर देते हैं तो वो दवा बाज़ार में बिकने लगती है. फ़िलहाल इस इंजेक्शन को भारत में सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने अपनी मंज़ूरी दे दी है. बस अब ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की तरफ़ से एक फाइनल ‘हां’ आना बाकी है. ख़बरों के मुताबिक, वो भी जल्दी आने वाला है. इसका मतलब हुआ ये इंजेक्शन 2025 तक भारत में बिकने लगेगा.
हालांकि एक बहुत ही ज़रूरी बात. भारत में टिरज़ेपटाइड को डायबिटीज की दवा के तौर पर इम्पोर्ट और मार्केट किया जाएगा. वज़न घटाने की दवा के तौर पर नहीं. लेकिन, जैसे हमने थोड़ी देर पहले कहा था- बात जब वेट लॉस की आती है तो इंसान अक्सर वॉर्निंग को इग्नोर कर देता है. एक बार ये इंजेक्शन बाज़ार में बिकने लगेंगे तो बहुत सारे लोग इनका इस्तेमाल वज़न घटाने के लिए करेंगे.
ऐसे में आज डॉक्टर से जानेंगे, कौन-सी दवाओं को मंज़ूरी मिली है? ये वज़न घटाने में कैसे मदद करती हैं? इनको किसे इस्तेमाल करना चाहिए और किसे नहीं? साथ ही जानेंगे इसके साइड इफेक्ट. वीडियो देखें.
वेट लॉस के लिए किन दवाओं को मंज़ूरी मिली है?ये हमें बताया डॉ. रिंकेश कुमार बंसल ने.
वज़न घटाने और डायबिटीज़ के लिए देश में दो नई दवाओं को मंज़ूरी दी गई है. दवा का नाम टिरज़ेपटाइड (tirzepatide weight loss) है, जिसे मोंजारो (mounjaro) और ज़ेपबाउंड (zepbound) ब्रांड नेम से बेचा जाता है. दोनों दवाएं इंजेक्शन के रूप में हैं, जिन्हें पेट पर लगाया जाएगा. ये दोनों ही दवाएं अलग-अलग डोज़ में आती हैं.
मोंजारो और ज़ेपबाउंड दवाएं वेट लॉस में कैसे मदद करती हैं?टिरज़ेपटाइड GLP 1 हॉर्मोन और GIP हॉर्मोन की तरह काम करती है. ऐसा देखा गया है कि इस दवा का इंजेक्शन लेने से 18 परसेंट तक वेट लॉस होता है. हालांकि अभी इसे ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने फाइनल मंज़ूरी नहीं दी है. फिलहाल इससे जुड़ा भारतीय डेटा मांगा गया है. डेटा मिलने के बाद ये दवाएं आसानी से बाज़ार में मिलने लगेंगी.
अभी वज़न घटाने के लिए सेमाग्लूटाइड नाम की दवा मौजूद है लेकिन इसे खाया जाता है. सेमाग्लूटाइड को इंजेक्शन की तरह शरीर पर नहीं लगाया जा सकता. जब टिरज़ेपटाइड दवाएं बाज़ार में आएंगी तो 10 से 15 हज़ार प्रतिमाह के दाम पर मिल सकती हैं.
इनको किसे इस्तेमाल करना चाहिए और किसे नहीं?- ये दवाएं उन मरीज़ों के बड़े काम आ सकती हैं जो डाइट और लाइफस्टाइल सुधारने के बाद भी वज़न नहीं घटा पा रहे
- जिन लोगों को पैनक्रियाज़ की बीमारी है या जिन्हें मल्टीपल एंडोक्राइन नियोप्लासिया है, उन्हें इन दवाओं से परहेज़ करना चाहिए
- मोंजारो और ज़ेपबाउंड के कुछ साइड इफेक्ट भी देखे गए हैं. जैसे उबकाई आना, उल्टी आना या डायरिया होना
हालांकि आमतौर पर ये दवाएं काफी सुरक्षित हैं. भारतीय स्टडीज़ में भी ये काफी असरदार साबित हुई हैं. देखिए, जब भी ये इंजेक्शन मार्किट में आएंगे, इनके खूब चर्चे होंगे. लेकिन इन्हें लेने से पहले डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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