जांघों पर ये अजीब तरह के गड्ढे क्यों पड़ जाते हैं?
क्या ये दिक्कत केवल मोटे लोगों में होती है?
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सेल्यूलाइट का आपके वज़न से कोई लेना-देना नहीं है
यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.सेल्यूलाइट. हो सकता है आप ये शब्द पहली बार सुन रहे हों, पर ये क्या है आप इससे वाकिफ़ होंगे. आपने अक्सर देखा होगा पेट पर, हिप्स पर या जांघों पर गड्ढे जैसे बन जाते हैं. ये बहुत आम है. यही है सेल्यूलाइट. औरतों में ये दिक्कत आदमियों के मुकाबले ज़्यादा होती है. हेल्थलाइन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 25 प्रतिशत औरतों को जिनकी उम्र 21 साल से ज़्यादा हैं, उनमें सेल्यूलाइट होता है.
इस हेल्थ कंडीशन की तरफ हमारा ध्यान खींचा निकिता ने. कोटा की रहने वाली हैं. 25 साल की हैं. उन्होंने कुछ महीने पहले नोटिस किया कि उनकी जांघों पर डिंपल जैसे गड्ढे बनते जा तहे हैं. स्किन लटक सी रही है. क्योंकि उन्हें कोई हेल्थ प्रॉब्लम नहीं हुई, इसलिए उन्होंने पहले ज़्यादा ध्यान नहीं दिया. फिर उन्होंने कहीं सेल्यूलाइट के बारे में पढ़ा. तब उन्हें एहसास हुआ कि उनके साथ क्या दिक्कत है. अब निकिता चाहती हैं हम सेल्यूलाइट के बारे में डॉक्टर्स से बात करें. इसका इलाज पता करें. तो ये सब जानेंगे, पर पहले ये समझ लेते हैं कि सेल्यूलाइट आख़िर क्या होता है और क्यों हो जाता है?
क्या होता है सेल्यूलाइट?
ये हमें बताया डॉक्टर अप्रितम गोएल ने.

सेल्यूलाइट एक आम स्किन की कंडीशन है, इसमें स्किन उबड़-खाबड़ लगती है. ये औरतों में ज्यादा होता है, पर पुरुषों में भी हो सकता है. ये अक्सर जांघों, पैरों, हिप्स और कभी-कभी पेट और ब्रेस्ट पर भी होता है. इसका मोटापे से कोई कनेक्शन नहीं है. ये पतले लोगों को भी हो सकता है.
सेल्यूलाइट किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन 21-22 की उम्र में 80 प्रतिशत औरतों को सेल्यूलाइट होता है. कभी-कभी आपको सेल्यूलाइट पता नहीं चलता है, पर अगर आप अपनी जांघों या हिप्स की स्किन को पकड़ेंगे तो आप देखेंगे के वहां पर छोटे-छोटे बंप्स आ जाते हैं, ऐसा लगता है जैसे स्किन को तार से नीचे खींचा जा रहा है.

सेल्यूलाइट औरतों में ज़्यादा होती है, पर आदमियों को भी हो सकती है
क्यों होता है सेल्यूलाइट?
स्किन के अंदर जो टिश्यू हैं, फैट सेल्स हैं वो स्किन के कनेक्टिव टिश्यू को धक्का देते हैं, इसलिए स्किन पर छोटे-छोटे बंप्स बन जाते हैं.
सेल्यूलाइट के बहुत सारे कारण पाए गए हैंः
-हॉर्मोन्सः औरतों में ज़्यादा होता है इसलिए इसमें एस्ट्रोजेन नाम के हॉर्मोन का बड़ा रोल है. इसके अलावा इंसुलिन, ग्रोथ हॉर्मोन, थायरॉइड, प्रोलैक्टिन के लेवल्स ऊपर-नीचे होने पर भी सेल्यूलाइट्स हो सकते हैं.
-अगर आप बहुत घंटों तक बैठे रहते हैं, हिलते नहीं हैं तो ब्लड सर्कुलेशन कम हो जाता है उस एरिया में, इससे भी सेल्यूलाइट हो सकता है.
- स्मोकिंग: स्मोकिंग से ब्लड सप्लाई कम हो जाती है. खून की नलियां पतली हो जाती हैं, ब्लड सप्लाई रुकने की वजह से ऑक्सीजन लेवल लो हो जाता है, इसलिए स्मोकर्स में सेल्यूलाइट ज़्यादा पाया जाता है.
वजह आपने जान ली. अब पता करते हैं कि इससे कैसे बचें. और अगर आपको पहले से सेल्यूलाइट है तो इसका इलाज क्या है?
बचाव
ये हमें बताया डॉक्टर ज़ेबा ने.

-सेल्यूलाइट से बचने के लिए ज़रूरी है कि हम अपना वज़न कंट्रोल करें.
-इसके लिए एक्सरसाइज सबसे ज़रूरी है. रोज़ एक्सरसाइज़ करने से फैट सेल्स कंट्रोल में रहते हैं. मसल्स टोन्ड रहते हैं. जिससे स्किन स्मूद रहती है.
-प्रोसेस्ड फ़ूड अवॉयड करें. जिस खाने में काफ़ी प्रोसेस्ड शुगर होती है उससे बचें. ज़्यादा कार्बोहाइड्रेट वाले खाने से भी बचें. इससे वज़न बढ़ता है. फैट सेल्स बढ़ जाते हैं और स्किन में गड्ढे पड़ जाते हैं.
-बहुत ज़्यादा वज़न बढ़ने से और बहुत ज़्यादा वज़न गिरने से भी सेल्यूलाइट हो सकता है
-अगर आपका काम ज़्यादा देर बैठने का है तो हर एक या दो घंटे में ब्रेक लें और 10 मिनट चलिए ताकि ब्लड सर्कुलेशन दोबारा से ठीक हो
-काफ़ी टाइट कपड़े पहनने पर भी ब्लड सर्कुलेशन पर असर पड़ता है जिससे सेल्यूलाइट बढ़ सकता है. इसलिए टाइट कपड़े अवॉइड करें

इलाज
-अगर सेल्यूलाइट माइल्ड हो या बस शुरू हो रहा हो तो कुछ क्रीम्स हैं जैसे Retinoid जो कोलेजन (स्किन के अंदर बनने वाला एक प्रोटीन जो उसे हेल्दी रखता है) दोबारा बनने में मदद करते हैं, इन्हें लगाने से सेल्यूलाइट ठीक हो सकता है
-इसके अलावा सेल्यूलाइट के लिए जो ट्रीटमेंट होते हैं वो आपको किसी भी एडवांस्ड एस्थेटिक क्लिनिक में मिल जाएंगे जिसमें लाइट्स, लेज़र, अकॉस्टिक वेव्स या इंजेक्शन के ट्रीटमेंट होते हैं, लाइट और लेज़र हमारी स्किन के अंदर जाकर गर्मी पैदा करते हैं जिससे नया कोलेजन बनता है और स्किन स्मूथ हो जाती है.
-रेडियो फ्रीक्वेंसी ट्रीटमेंट जैसे Venus legacy, Exilis कुछ मशीन हैं जो हमारी स्किन में गर्मी पैदा करते हैं. पुराने फाइबर के बैंड को तोड़ते हैं जिनके कारण स्किन में गड्ढे पड़े हैं. इनसे नया कोलेजन बनता है और स्किन स्मूथ हो जाती है.
-अकॉस्टिक वेव थेरैपी में प्रेशर वेव स्किन के अंदर जाती हैं, पुराने फाइबर बैंड को तोड़ती हैं और स्किन को स्मूथ करती हैं.
-इसके अलावा फिलर इंजेक्शन जैसे कि Hyaluronic Acid एक जेल जैसा मटेरियल होता है, ये गड्ढों के अंदर जाकर सेटल होता है और स्किन को समतल करता है.

-इन सारी टेक्निक में 3 से 6 महीनों का समय लगता है इम्प्रूवमेंट लाने के लिए
-सर्जरी भी एक ऑप्शन है सेल्यूलाइट के ट्रीटमेंट के लिए, इसमें एक सुई अंदर जाकर फाइबर के बैंड को तोड़ता है
-यही टेक्निक एक मशीन से भी की जाती है जिसे Cellfina कहते हैं, Cellfina में एक मशीन स्किन के अंदर जाती है जिससे फाइबर के बैंड टूटते हैं, सर्जरी में थोड़ी सूजन और निशान पड़ सकते हैं
-जबकि नॉन सर्जिकल तरीकों में ये सब नहीं होता है. लेकिन समय लंबा लगता है
तो अपना खान-पान और व्यायाम सही रखें. सेल्यूलाइट दिखने पर घबराएं नहीं, डॉक्टर से सम्पर्क करें.
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