सिगरेट पीने से हार्ट अटैक का ख़तरा बढ़ता है, लेकिन कैसे?
आजकल युवाओं को भी हार्ट अटैक पड़ रहा है, जिसके पीछे स्मोकिंग एक बड़ा कारण है.
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सिगरेट पीना सिर्फ़ दिल के लिए ही नहीं, पूरे कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम (इस सिस्टम का काम पूरे शरीर को खून पहुंचाना होता है) के लिए नुकसानदेह है
मुदित 40 साल के हैं. गुरुग्राम के रहने वाले हैं. वो एक चेन स्मोकर हैं. उनका हमें मेल आया. मुदित बताते हैं कि वो 16 साल की उम्र से सिगरेट पी रहे हैं. उन्होंने कई बार सिगरेट छोड़ने की कोशिश की है पर छोड़ नहीं पाए. तीन साल पहले उन्हें एंजाइना पेन उठा था. उसके बाद उनकी सेहत लगातार गिरती रही. उन्हें दिल से जुड़ी और समस्याएं महसूस होने लगीं. चलते समय उनकी सांस फूलती. सीने में दर्द रहता. वो जल्दी थक जाते थे. उनके डॉक्टर ने साफ़-साफ़ बताया है कि उन्हें हार्ट अटैक का ख़तरा है. अगर वो सिगरेट नहीं छोड़ते हैं तो लेने के देने पड़ जाएंगे.
इसके बाद मुदित ने निकोटीन पैच से लेकर साइकोथेरेपी तक ली हैं, ताकि वो सिगरेट की लत को छोड़ पाएं. अच्छी बात ये है कि अब लगभग 10 महीने हो गए हैं, मुदित ने सिगरेट को हाथ भी नहीं लगाया है. वो अब ज़्यादा हेल्दी महसूस करते हैं. मुदित चाहते हैं कि हम अपने शो पर डॉक्टर्स से बात करके लोगों को ये बताएं कि सिगरेट से दिल को किस तरह नुकसान पहुंचता है. सिगरेट में ऐसा क्या होता है और वो दिल और शरीर के बाकी अंगों पर किस तरह असर करती है. साथ ही ये भी बताएं कि क्या सिगरेट छोड़ने के बाद, जो नुकसान हो गया, उसकी भरपाई हो सकती है. और सबसे ज़रूरी बात, सिगरेट छोड़ें कैसे.
अब हमारे एक्सपर्ट्स इन सारे सवालों के जवाब देंगे, पर सबसे पहले ये समझ लीजिए कि सिगरेट का आपके दिल पर क्या असर पड़ता है. सिगरेट पीने से दिल को किस तरह का नुकसान पहुंचता है? ये हमें बताया डॉक्टर टी एस क्लेर ने.

-सिगरेट पीना सिर्फ़ दिल के लिए ही नहीं, पूरे कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम (इस सिस्टम का काम पूरे शरीर को खून पहुंचाना होता है) के लिए नुकसानदेह है.
-सिगरेट पीने से शरीर और दिल में मौजूद नाड़ियों में डिपॉजिट शुरू हो जाता है.
-जिसे एथेरोस्क्लेरोसिस कहा जाता है.
-इसी वजह से हार्ट अटैक पड़ता है.
-एंजाइना का दर्द उठता है.
-हार्ट फेलियर होता है.
-जो लोग स्मोकिंग करते हैं उन्हें हार्ट अटैक पड़ने का ज़्यादा चांस होता है.
-क्योंकि स्मोकिंग करने से हार्ट में खून के थक्के जमने लगते हैं.
-आजकल युवाओं को भी हार्ट अटैक पड़ रहा है, जिसके पीछे स्मोकिंग एक बड़ा कारण है. स्मोकिंग से बाकी शरीर को क्या नुकसान पहुंचता है? -स्मोकिंग से सिर्फ़ दिल के सर्कुलेशन पर ही नहीं, पूरे शरीर के सर्कुलेशन पर असर पड़ता है.
-जैसे दिमाग तक जो नाड़ी जाती है, उसमें ख़राबी आने से पैरालिसिस हो सकता है.
-अगर किडनी या गुर्दे की नाड़ी में ब्लॉकेज आ जाता है तो किडनी फेलियर हो सकता है.
-टांगों की नाड़ियों में ब्लॉकेज हो तो चलने-फिरने में दर्द होता है.

-कई बार ये प्रॉब्लम इतनी ज़्यादा बढ़ जाती है कि सर्कुलेशन कम हो जाता है.
-टांगें कटवानी पड़ सकती हैं.
-स्मोकिंग से पूरे शरीर पर ही बुरा असर पड़ता है. अगर सिगरेट पीते हैं तो किन तरह के लक्षणों पर नज़र रखें? -चलने-फिरने में सांस फूलना.
-चलने-फिरने से सीने में दर्द होना.
-हार्ट अटैक पड़ सकता है.
-हार्ट फेलियर के लक्षण दिखते हैं.
-जिसकी वजह से सांस फूलती है.
-खांसी आती है.
-पैरों में सूजन आ जाती है. स्मोकिंग से शरीर को हुआ नुकसान दोबारा ठीक हो सकता है? -स्मोकिंग से शरीर को जो नुकसान पहुंचता है, वो दोबारा ठीक नहीं हो सकता.
-जैसे किसी को हार्ट अटैक पड़ चुका है या ब्लॉकेज आ गया है तो वो दोबारा ठीक नहीं होता.
-लेकिन स्मोकिंग बंद करने से बीमारी का बढ़ना रुक जाता है.
-स्मोकिंग बंद करने के 2 साल बाद, हार्ट को रिस्क किसी नॉन स्मोकर की तरह ही होता है.
-किसी भी स्टेज पर सिगरेट को बंद करने से फ़ायदा होता है.
-चाहे सिगरेट हो, बीड़ी हो, हुक्का हो, ये सारे ही नुकसानदेह हैं.

सिगरेट कैसे छोड़ें? -सबसे पहले तो सिगरेट से होने वाले नुकसान हो समझना पड़ेगा.
-सिगरेट को झटके से छोड़ें.
-अगर सिगरेट को झटके से छोड़ते हैं तो शरीर को कोई परमानेंट नुकसान नहीं होता.
-जैसे जिन लोगों को शराब या ड्रग्स की लत होती है, अगर वो इन्हें झटके से छोड़ देते हैं तो कई बार कॉम्प्लिकेशंस हो सकते हैं.
-ख़ासतौर पर अगर शराब को झटके से छोड़ते हैं तो फिट्स भी पड़ सकते हैं.
-लेकिन सिगरेट को एकदम से छोड़ने पर शरीर को कोई नुकसान नहीं होता.
-हां तलब लगेगी पर शरीर को कोई नुकसान नहीं होगा.
-क्योंकि सिगरेट में साइकोलॉजिकल निर्भरता ज़्यादा होती है.
-शारीरिक निर्भरता नहीं होती.
-जो भी लक्षण आएंगे सिगरेट छोड़ने के बाद, उनकी चिंता करने की ज़रूरत नहीं है.
-ये 15 दिन या महीने में ठीक हो जाते हैं.

-सबसे ज़रूरी है कि एक डेट सेट करें.
-ये डेट आपके लिए कोई ज़रूरी तारीख होनी चाहिए.
-सिगरेट एकदम से छोड़ें.
-सिगरेट धीरे-धीरे मत छोड़ें.
-आप मुंह में लौंग, इलायची या सौंफ़ रख सकते हैं.
-इसके अलावा ज़रूरी है निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी.
-इसमें पैच लगाए जाते हैं, चुइंगम खा सकते हैं.
-निकोटीन की लत छुड़ाने के लिए साइकोथेरेपी भी मददगार साबित होती है.
-कुछ दवाइयां भी दी जाती हैं.
-सेकंड हैंड स्मोकिंग से आपके आसपास लोगों को भी नुकसान पहुंचता है.
अब ये तो आपको समझ में आ गया होगा कि सिगरेट पीने से हार्ट अटैक का ख़तरा क्यों बढ़ता है. जो नुकसान एक बार हो गया वो ठीक तो नहीं हो सकता, पर और नुकसान होने से बचा जा सकता है. इसलिए डॉक्टर साहब ने जो टिप्स बताई हैं, उनको ज़रा ट्राई करिए, सिगरेट छोड़ने में ज़रूर मदद मिलेगी.