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तेज़ गर्मी डालती है फेफड़ों पर भयंकर असर, ऐसे करें खुद का बचाव

गर्मियों में हमें तरह-तरह के इंफेक्शन होने लगते हैं. एलर्जी भी बहुत जल्दी होती है. इससे फेफड़ों को नुकसान पहुंचता है इसलिए अपना बहुत ध्यान रखना ज़रूरी है.

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How Extreme Heat Affects Our Lung Health
गर्मी के साथ नमी हमारे फेफड़ों और सांस की नलियों में सूजन पैदा करती है.
7 जून 2024
Updated: 7 जून 2024 15:48 IST
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गर्मियों में हमारे शरीर की मुसीबतें थोड़ी बढ़ जाती हैं. मसलन तेज़ धूप से हमारी स्किन का बुरा हाल हो जाता है. गर्मी की वजह से हमें कमज़ोरी महसूस होती है. चक्कर आते हैं और अगर लू लग गई, तब तो और बुरा हाल हो जाता है. इस लिस्ट में एक समस्या और जोड़ लीजिए. तेज़ गर्मी और उमस से फेफड़ों को भी नुकसान पहुंचता है. ऊपर से इस मौसम में आंधी चलती है. धूल-मिट्टी भी बहुत उड़ती है इसलिए कई लोगों को बार-बार एलर्जी होती है. साथ में छींके, खांसी, ज़ुकाम, बहुत बलगम आने लगता है.  

अगर तेज़ गर्मी और उमस में आपकी भी सांस फूलती है तो ज़रूरी है अपना बचाव करना और परेशानी शुरू होने के शुरुआती संकेतों को समझना. लिहाज़ा आज डॉक्टर से जानिए कि गर्मी के मौसम में हमारे फेफड़ों को क्या नुकसान होता है? किन लक्षणों पर ध्यान देना ज़रूरी है? साथ ही जानते हैं, बचाव और इलाज कैसे करें? 

तेज़ गर्मी का फेफड़ों पर क्या असर पड़ता है?

ये हमें बताया डॉ. अरुणेश कुमार ने.

डॉ. अरुणेश कुमार, हेड, पल्मोनोलॉजी, पारस हॉस्पिटल्स, गुरुग्राम

अभी गर्मियों का मौसम चल रहा है. गर्मी के साथ नमी में भी उतार-चढ़ाव होता है क्योंकि बीच-बीच में बारिश भी आती है. गर्मी और नमी का हमारे फेफड़ों की सेहत पर बड़ा असर पड़ता है क्योंकि गर्मी के साथ नमी हमारे फेफड़ों और सांस की नलियों में सूजन पैदा करती है. जब सांस की नलियों में सूजन होती है तब बलगम ज़्यादा बनता है. फिर हमें खांसी आने लगती है. सांस फूलने लगती है और बलगम निकलने लगता है. गर्मी और नमी एक साथ हो तो ये लक्षण दिखाई देते हैं.

गर्मियों में पौधों पर मौजूद पोलन यानी परागकण बहुत उड़ते हैं, ये भी बीमारियों को बढ़ा सकते हैं. कुछ बीमारियां जैसे अस्थमा, COPD यानी क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिज़ीज और ब्रोंकाइटिस इस मौसम में बढ़ने लगती हैं जिससे मरीज़ों के लक्षण अचानक बढ़ जाते हैं. जैसे खांसी, सांस फूलना, नाक से पानी आना, बलगम निकलना और घरघराहट होना. ये सारे आम लक्षण हैं जिन्हें इन बीमारियों के मरीज़ों में देखा जाता है. इसके अलावा अगर आप तेज़ गर्मी में बाहर आते हैं तो इससे आपकी सांस की नलियों में सूजन पैदा हो सकती है.

हमें गर्मियों में खूब पानी पीना चाहिए.
बचाव और इलाज

अपने आपको हाइड्रेटेड रखें. गर्मियों में पानी ज़्यादा से ज़्यादा पिएं. अगर आप पानी पीकर खुद को हाइड्रेटेड रखेंगे तो अंदर बनने वाला बलगम पतला हो सकता है जिसे आसानी से साफ किया जा सकता है. जितने भी एलर्जी फैलाने वाले तत्व हैं, उनसे दूर रहें. जब भी आप बाहर निकलें तो मास्क लगाएं. मास्क लगाने से परागकणों और प्रदूषण, दोनों से आप बच सकते हैं. 

अगर आपको लंबे समय से सांस की परेशानी है तो डॉक्टर के दिए हुए इनहेलर और दवाओं का रोज़ इस्तेमाल करें. इससे बीमारी को बढ़ने से रोक सकते हैं. अगर आप स्मोक करते हैं तो इसे बंद कर दें क्योंकि यह दिक्कत बढ़ाता है. हमारे घर के अंदर का प्रदूषण भी हमारी इन बीमारियों पर असर डालता है, जैसे किचन का धुआं, झाड़ू से उड़ी धूल, घर के अंदर सिगरेट का धुआं. इन सबसे हमें दूरी बनानी चाहिए. अगर किचन में धुआं ज़्यादा है तो आप एग्जॉस्ट फैन का इस्तेमाल करें. घर की सफाई हो रही हो तो दरवाजा खुला रखें ताकि धूल घर के बाहर निकल जाएं. 

इसके अलावा जो इलाज चल रहा है, उसे चलने दें. जिन व्यक्तियों ने निमोनिया और फ्लू की वैक्सीन नहीं लगवाई है, वो वैक्सीन लगवा लें. अपने आपको हाइड्रेटेड रखें. पानी ज़्यादा से ज़्यादा पिएं. खाने में हरी साग-सब्ज़ियां और एंटीऑक्सीडेंट्स का इस्तेमाल करें. यह फेफड़ों के लिए अच्छा होता है

सबसे ज़रूरी बात, अगर आपके लक्षण अचानक से खराब हों, जैसे सांस ज़्यादा फूलने लगे, घरघराहट अधिक होने लगे, खांसी ज़्यादा बढ़ जाए और बलगम का रंग बदलने लगे तो इसका मतलब है कि आपकी बीमारी बढ़ रही है. ऐसे मामलों में जल्द से जल्द मेडिकल सलाह लेना ज़रूरी है ताकि शुरुआती इलाज करके इसे कंट्रोल में लाया जा सके. अगर इन बातों का ध्यान रखा जाए तो गर्मी और नमी से हम खुद को बचा सकते हैं.

गर्मियों में हमें तरह-तरह के इंफेक्शन होने लगते हैं. एलर्जी भी बहुत जल्दी होती है. इसलिए, अपना खास ख्याल रखें. धूल-मिट्टी से बचकर रहें. सिगरेट-शराब से परहेज़ करें. पानी खूब पिएं. जब भी बाहर निकलें तो मास्क लगाएं. अगर आपको फेफड़ों से जुड़ी कोई बीमारी है. तो, इस मौसम में अपना बहुत ध्यान रखें. कोई भी दिक्कत हो तो तुरंत डॉक्टर से मिलें.

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

वीडियो: सेहत: गर्मी, धूप से आंखें ख़राब होती हैं, यूं रखें ख्याल

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