The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • Oddnaari
  • Famous actress and dancer sudha chandran life journey how she achieved her goal

सुधा चंद्रन: टीवी वैंप रमोला सिकंद से एकदम उलट है असल ज़िंदगी का किरदार

16 की उम्र में एक पैर खोने के बावजूद छू लिया आसमां, आज हैपी बड्डे है

Advertisement
Img The Lallantop
बाएं से दाएं: सुधा चंद्रन ने अपने इंस्टाग्राम पर ये तस्वीर डाली. सुधा 'रमोला सिकंद' के रोल में. (वीडियो- स्क्रीनशॉट)
pic
लालिमा
21 सितंबर 2020 (Updated: 21 सितंबर 2020, 12:05 PM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

2000-2001 के आस-पास का वक्त. कई केबल टीवी चैनल्स पर कई सीरियल शुरू हुए. धाएं-धाएं की दनदनाती आवाज़, एक्सट्रीम क्लोज़-अप शॉट्स से लबालब सीरियल्स. इनमें से कुछ खूबई फेमस हुए. इनमें एक नाम 'कहीं किसी रोज़' भी था. लोगों को बड़ा पसंद आया ये सस्पेंस वाला थोड़ा भुतहा सीरियल. इसके साथ ही सीरियल की विलेन 'रमोला सिकंद' भी लोगों के दिमाग में घर कर गई. ये किरदार दर्शकों के दिमाग में ऐसा बैठा कि आज तक घर बनाए हुए है. उस किरदार को निभाया था एक्ट्रेस और फेमस डांसर सुधा चंद्रन ने. शातिर विलेन के किरदार को नई परिभाषा दी थी. आज उनके जन्मदिन पर आइए जानते हैं, उनकी कहानी.


Sudha Chandran (2)
'रमोला सिकंद' के रोल में सुधा. (वीडियो स्क्रीनशॉट)

सुधा चंद्रन, कई बेहतरीन टीवी सीरियल्स में काम कर चुकी हैं. एक शानदार भरतनाट्यम डांसर भी हैं. छोटी थीं, तभी से एक्ट्रेस बनना चाहती थीं. डांस करना भी पसंद था. डांसर और एक्ट्रेस बनने का सपना लेकर आगे बढ़ रही थीं, कि तभी कुछ ऐसा हुआ कि उनका सपना चकनाचूर होकर बिखरने लगा.

क्या हुआ था?

16 साल की थीं, तब एक्सीडेंट हो गया. उन्होंने अपना एक पैर खो दिया. पूरी कहानी सुधा ने एक इंटरव्यू में बताई, उनके मुताबिक-

1981 का साल था. मई का महीना था. सुधा अपनी फैमिली के साथ चेन्नई से तिरुचिरापल्ली जा रही थीं. तिरुचिरापल्ली तमिलनाडु की एक सिटी है. सुधा की फैमिली प्रॉपर इसी सिटी से थी. बाद में सब जाकर मुंबई में बस गए थे, लेकिन तिरुचिरापल्ली जाते रहते थे. ऐसी ही एक यात्रा के दौरान उनकी गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया.

सुधा ने टाइम्स नाउ में दिए इंटरव्यू में कहा,

"मैं बहुत यंग थी. मुझे याद है कि हम सब बातें कर रहे थे, और जो अगला पल मुझे याद है वो ये कि हम सब सड़क पर इधर-उधर पड़े हुए थे. ड्राइवर का सिर मेरी गोद पर था. वो आखिरी सांसें ले रहा था. मुझसे पानी मांग रहा था. वो बच नहीं सका."


Sudha Chandran (3)
सुधा बेहतरीन डांसर हैं. फोटो- फेसबुक

एक्सीडेंट में सुधा के एक पैर में फ्रैक्चर हो गया था. उन्हें इलाज के लिए पास के सरकारी अस्पताल ले जाया गया. रात का वक्त था. अस्पताल में डॉक्टर नहीं थे, इंटर्न्स थे. सुधा के टखने में एक छोटा सा कट था, लेकिन किसी ने वो कट देखा नहीं, और पैर पर प्लास्टर चढ़ा दिया. दो हफ्ते तक सुधा के पैर में प्लास्टर रहा. बाद में पिता उन्हें दूसरे अस्पताल लेकर गए. जहां उनका प्लास्टर काटा गया. लेकिन तब तक प्लास्टर ऑफ पेरिस लगने की वजह से उस छोटे से कट में रिएक्शन हो चुका था. इसकी वजह से डॉक्टरों ने सुधा का पूरा पैर काटने का फैसला किया.

सुधा कहती हैं,

"मेरे पापा मेरे पास आए. उन्होंने कहा कि कल डॉक्टर तुम्हारा पैर काटने वाले हैं. मेरी लाइफ अचानक से क्रैश हो गई. मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं कहां से शुरुआत करूं. मेरी लाइफ कहां जा रही है. दो साल तक मैंने बहुत स्ट्रगल किया. अब कोई इस स्ट्रगल को सुनता है तो बहुत अच्छा लगता है उसे. प्रेरणा मिलती होगी. लेकिन सच तो ये है कि अगर कोई मुझसे कहे कि मैं वो दो साल फिर से जियूं, तो मैं ये कभी नहीं करूंगी. मैंने क्या-क्या फेस किया है, वो मैं जानती हूं. जब आप एक बार सफल हो जाते हैं, तो ये सारी चीजें बीत जाती हैं, लेकिन अगर उन पलों को फिर से जीने के लिए कहा जाए, तो बिल्कुल नहीं हो सकता ऐसा."

सुधा का सपना डांसर बनना था और एक पैर वो खो चुकी थीं. उसके बाद भी उन्होंने डांसर बनने का सपना नहीं छोड़ा. डॉक्टरों ने उन्हें प्रोस्थेटिक लेग लगाए, जिन्हें जयपुर फुट भी कहा जाता है. सुधा ने नकली पैर के साथ ही डांस करने का फैसला किया. एक्सीडेंट के बाद साल 1984 में सुधा एक बार फिर मंच पर पहुंचीं और जमकर डांस किया. वो कहती हैं कि उनके परिवार ने, दोस्तों ने, डॉक्टरों ने इतना साथ दिया कि वो एक पल के लिए ये भूल गई थीं कि उनका एक पैर अब नहीं है.

फिर क्या था, उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. डांस करती चली गईं. भारत के अलावा अमेरिका, इंग्लैंड, कनाडा, कतर, कुवैत जैसे देशों में उन्होंने डांस किया.


Sudha Chandran (1)
'झूम-झूम-झूम... नाच मयूरी' गाने का एक सीन. फोटो- वीडियो स्क्रीनशॉट

डांसिंग के साथ-साथ एक्टिंग का भी तगड़ा शौक था, इसलिए फिल्मों में किस्मत आजमाई. पहली फिल्म थी मयूरी. तेलुगू फिल्म थी. डांसिंग पर ही ये फिल्म बनी थी. 1985 में आई थी. इसी फिल्म का रीमेक हिंदी में भी बना. 1986 में 'नाचे मयूरी' टाइटल के साथ. इसमें भी सुधा ही लीड रोल में थीं. फिल्म का गाना 'झूम-झूम-झूम-झूम... नाच मयूरी' काफी फेमस हुआ था. इसमें सुधा ने जबरदस्त डांस करके अपनी डांसिंग का लोहा मनवा दिया था.

फिर तो डांसिंग के साथ-साथ एक्टिंग का सफर भी बढ़िया से चल पड़ा. कई सारे टीवी सीरियल्स में सुधा ने काम किया. बहुत से सीरियल्स में निगेटिव रोल भी प्ले किया. स्टार प्लस के सीरियल 'कहीं किसी रोज' में रमोला सिकंद का रोल लोग भूले नहीं भूलते. नागिन सीरियल के पहले, दूसरे और तीसरे सीजन में सुधा ने निगेटिव रोल प्ले किया था. इसके अलावा स्टार प्लस के सीरियल 'ये हैं मोहब्बतें' में भी सुधा निगेटिव में ही थीं.

इन सीरियल्स के अलावा सुधा ने तुम्हारी दिशा, के स्ट्रीट पाली हिल्स, कस्तूरी जैसे सीरियल्स में भी काम किया. सुधा आज टीवी और इंडियन सिनेमा, दोनों की ही एक दमदार एक्ट्रेस बन चुकी हैं.




वीडियो देखें: कोरियोग्राफर टेरेंस ने टिक-टॉक डांसर 'दीपक सिंघाड़' की लाइफ बदल दी

Advertisement