लड़की फ्रेंडली है इसका ये मतलब नहीं कि वो सेक्स के लिए राज़ी हैः बॉम्बे हाईकोर्ट
लड़की का आरोप है कि शादी का वादा करके आरोपी ने कई बार रेप किया, प्रेग्नेंट हुई तो जिम्मेदारी लेने से इनकार किया.

बॉम्बे हाईकोर्ट में एक ज़मानत याचिका पर सुनवाई चल रही थी. मामला रेप और धोखाधड़ी का था. आरोपी ने बेल के लिए अर्जी दी हुई थी. अर्जी ख़ारिज करते हुए जस्टिस भारती डांगरे की बेंच ने कहा कि एक लड़की एक लड़के के साथ फ़्रेंडली है, इसका ये मतलब नहीं कि वो सेक्स करने के लिए तैयार है.
इंडिया टुडे से जुड़ी विद्या की रिपोर्ट के मुताबिक़, पीड़िता और उसकी एक सहेली साल 2019 में अपने एक दोस्त के घर गए थे. वहां मुंबई का रहने वाला आशीष चकोर भी था. वहां आरोपी ने कथित तौर पर पीड़िता के साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाए. जब उसने विरोध किया, तो उसने कहा कि वो उसे पसंद करता है और वो उससे शादी करेगा. इसके बाद अप्रैल 2019 और 2022 के बीच ऐसा कई बार हुआ.
पीड़िता की शिकायत के मुताबिक़, महिला ने बताया कि आरोपी ने शादी करने का वादा करके कई बार उसके साथ सेक्स किया.
बाद में जब पीड़िता प्रेगनेंट हो गई, तो उसने तुरंत आरोपी से संपर्क किया, लेकिन उसने ज़िम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया. इसके बजाय, उसने उसे ही दोषी ठहराया और आरोप लगाया कि वो किसी और के साथ संबंध में थी. उसने आरोपी से शादी करने की विनती की, लेकिन उसने मना कर दिया.
Bombay High Court ने क्या कहा?मामले की समीक्षा करते हुए जस्टिस भारती डांगरे ने नोट किया कि पीड़िता ने आरोपी के लिए फ़ीलिंग्स डेवलप कर ली थीं, लेकिन जहां तक यौन संबंध की बात है, उसका वर्ज़न यही है कि पीड़िता ने केवल इसी शर्त पर कंसेंट दिया कि आरोपी ने उससे शादी करने का वादा किया था. अदालत ने कहा कि शादी के वादे पर कई बार यौन संबंध स्थापित किए गए. लेकिन जब लड़की प्रेगनेंट हो गई, तो आरोपी ने बेवफाई के आरोप लगाए. उसके बाद भी उसके साथ जबरन यौन संबंध बनाए.
जस्टिस डांगरे ने कहा,
"आज के समाज में जब पुरुष और महिला एक साथ काम कर रहे हैं, तो यह बहुत हद तक मुमकिन है कि वो क़रीब आ जाएं. दोस्ती कर लें. अब दोस्ती जेंडर-बायस्ड नहीं है. हालांकि, किसी के साथ दोस्ती किसी व्यक्ति को उसके साथ ज़बरदस्ती करने का लाइसेंस नहीं देती.
हर महिला रिश्ते में इज़्ज़त की उम्मीद करती है. चाहे दोस्ती ही क्यों न हो. आरोपी पर शादी के बहाने यौन संबंध बनाने के आरोप हैं, लेकिन जब पीड़िता प्रेगनेंट हुई, तो वो उसे छोड़ कर चला गया. ये आरोप लगाते हुए कि उसके किसी और के साथ संबंध है."
कोर्ट ने कहा कि आरोपी के ख़िलाफ़ लगाए गए आरोपों की गहन जांच की ज़रूरत है. ये पता करने के लिए कि क्या उसे यौन संबंध के लिए सहमति देने के लिए मजबूर किया गया था?