सुल्ली डील्स के बाद 'हिंदू' महिलाओं के खिलाफ दिखाई गई नफरत बहुत परेशान करने वाली है
इधर मुस्लिम महिलाओं को 'सुल्ली' कहा गया, तो उधर हिंदू महिलाओं के लिए हो रहा 'Hslut' का प्रयोग. एक अपराध के नाम पर दूसरे को जायज ठहरा रहे घटिया लोग.
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बीते कई दिनों से 'सुल्ली डील्स' ऐप का मामला चर्चा में है. इस ऐप के जरिए मुस्लिम महिलाओं का उत्पीड़न किया गया. इसमें बिना इजाज़त के कई मुस्लिम महिलाओं को फोटो अपलोड की गई. इन फोटो पर प्राइस टैग लगाया गया और फिर उनकी वर्चुअल नीलामी की गई. मुस्लिम महिलाओं को 'सेक्स स्लेव' के तौर पर पेश किया गया. हालांकि, सुल्ली डील्स ऐप का मामला सामने आने के बहुत पहले से ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर मुस्लिम महिलाओं का उत्पीड़न किया जा रहा है.
इस ऐप पर जिन मुस्लिम महिलाओं की फोटो अपलोड की गईं, उनमें से कई ने सामने आकर अपना एक्सपीरिएंस साझा किया. एक पीड़िता ने नोएडा सेक्टर 24 में FIR भी दर्ज कराई. दिल्ली महिला आयोग ने इस संबंध में दिल्ली पुलिस को नोटिस भेजा. जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने भी इस संबंध में FIR दर्ज की. हालांकि, कई दिन बीत जाने के बाद भी आरोपियों को पकड़ने में अभी तक पुलिस को सफलता नहीं मिली है. दूसरी तरफ, सुल्ली डील्स ऐप हटाया जा चुका है.
इससे पहले लिबरल डॉग नाम के एक यूट्यूब चैनल ने ईद के दिन पाकिस्तानी और भारतीय मुस्लिम महिलाओं की फोटोज़ लाइव स्ट्रीम किए थे. इस लाइव के दौरान इन महिलाओं पर अश्लील कमेंट किए गए थे. इस संबंध में दी लल्लनटॉप एक विस्तृत रिपोर्ट
कर चुका है. फिलहाल लिबरल डॉग चैनल बंद हो चुका है. 'हिंदू' महिलाओं के खिलाफ नफरत सुल्ली डील्स से इतर अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर ऐसे अनगिनत पेज और अकाउंट है, जिनके जरिए पॉर्नोग्राफिक कंटेट पोस्ट किया जाता है. इस कंटेट में मुस्लिम पुरुषों को हीरो और दूसरे धर्म की महिलाओं को वेश्या के तौर पर पेश किया जाता है. इनके नाम इतने घटिया हैं कि यहां लिखे नहीं जा सकते और कंटेट तो ऐसा, जिसे अगर कोई संवेदनशील व्यक्ति देख ले, तो शायद रात भर सही से सो ना पाए. इस पॉर्नोग्राफिक कंटेट को देखकर लगता है कि एक समाज के तौर पर हमने कोई प्रगति नहीं की है.
ऐसे ज्यादातर पेज, अकाउंट और ग्रुप मुख्य तौर पर ट्विटर, टेलीग्राम, रेडिट और डिसकॉर्ड नाम के सर्वर पर हैं. यहां पोस्ट किए जाने वाले कंटेट में बहुत ही वीभत्स तरीके से हिंदू महिलाओं को निशाना बनाया जाता है. एक कीवर्ड है Hslut नाम से, उसका यूज होता है. एक और कीवर्ड है Mstud. इन कीवर्ड्स के साथ मॉर्फ्ड यानी जिन फोटो के साथ छेड़छाड़ की गई, उन्हें पोस्ट किया जाता है. मॉर्फ्ड फोटो किसी पॉर्न क्लिप के स्क्रीनशॉट के साथ जोड़ दी जाती हैं और पोस्ट के कैप्शन में बहुत ही हिंसक और अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया जाता है. इस आपराधिक कंटेट को देखकर पैर कांपने लगते हैं, हलक सूखने लगता. मन में ख्याल आता है कि कैसे कोई इतना हिंसक और नफरत से भरा हुआ हो सकता है. एक आम इंसान, जिसकी औसत आयु 70 साल हो, वो इतनी नफरत लेकर आखिर जाएगा कहां!
डिसकॉर्ड सर्वर पर बनाया गया हिंदू गर्ल्ज और मुस्लिम बॉयज नाम का ग्रुप.
ट्विटर पर हमें इंटरफेथ ट्रिपल एक्स नाम का एक अकाउंट मिला. जिसकी टाइमलाइन पॉर्नोग्राफिक कंटेट से भरी हुई है. ज्यादातर पोस्ट्स में दूसरे धर्म की महिलाओं को मुस्लिम पुरुषों के साथ सेक्स करते हुए दिखाया गया है. इनमें हिंदू महिलाएं भी शामिल हैं. कुछ पोस्ट्स ऐसी हैं, जिनमें यह दिखाने की कोशिश की गई है, जब दूसरे धर्म की महिलाओं ने मुस्लिम पुरुषों के साथ सेक्स किया, तो बाद में उन्होंने अपना धर्म परिवर्तन भी कर लिया. नीचे लगी फोटो देखिए-
ट्विटर से लिया गया स्क्रीनशॉट.
हालांकि, जिस तरह से हमें यह नहीं पता कि सुल्ली डील्स के पीछे किन लोगों का हाथ है, उसी तरह यह भी नहीं कहा जा सकता मॉर्फ्ड और पॉर्न क्लिप से निकाली गई फोटोज को हिंदु महिलाओं की तस्वीर बताकर इस तरह की हिंसक पोस्ट करने वाले कौन हैं. यह जरूर सामने आया है कि इस तरह का कंटेट जिन अकाउंट और पेज से डाला जाता है, ज्यादातर में उनकी लोकेशन भारत के बाहर की लिखी होती है. क्रिया-प्रतिक्रिया वाला कुतर्क दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर सुल्ली डील्स के संबंध में एक और ट्रेंड देखने को मिला. सुल्ली डील्स जैसी आपराधिक हरकत को सही ठहराने के लिए कई लोग सोशल मीडिया पर बेतुकी और असंवेदनशील बात लिख रहे हैं. मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ हुए अपराध को जायज ठहराने वालों ने कहा कि इंटरनेट पर हिंदू महिलाओं के साथ भी ऐसा हो रहा है. अनुराग श्रीवास्तव नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा,
"जिस तरह से मुसलमानों ने हिंदू लड़कियों को निशाना बनाया, उसी तरह हिंदुओं को भी मुस्लिम लड़कियों को निशाना बनाना चाहिए. जिस तरीके से रोज रोज सोशल मीडिया पर हिंदू लड़कियों को टारगेट किया जाता है, उसके मुकाबले सुल्ली डील्स कुछ भी नहीं है."
ट्विटर स्क्रीनशॉट.
इसी तरह के दूसरे ट्वीट्स भी नजर आए. एक ट्वीट में एक फोटो डाली गई. फोटो को पाकिस्तान का बताया गया. उसमें मौजूद लड़की को हिंदू बताया गया. लिखा गया कि पाकिस्तान में एक 13 साल की हिंदू लड़की का धर्म परिवर्तन कर उसकी शादी एक बूढ़े व्यक्ति से की जा रही है. लेकिन हमें तो किसी 'स्टुपिड सुल्ली ऐप' का प्रोटेस्ट करना है!
एक ट्वीट में इसी तरह की एक और बात लिखी गई. दावा किया गया कि पाकिस्तान में एक मुस्लिम लीडर ने 60 गरीब हिंदू मजदूरों का धर्म परिवर्तन करवा दिया. ट्वीट में जो आगे लिखा गया उसका मतलब है कि पाकिस्तान में इतना सब होने के बाद तो हिंदुओं को उन लिबरल्स को सपोर्ट करना चाहिए, जिन्होंने सुल्ली डील्स (Sulli Deals) का पर्दाफाश किया. जिसमें एक वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर अनजान फोटो की बोली लगाई गई.Here a REAL 13 yr old Hindu girl is being converted and married off to an old man in Pakistan but hey let's oppose her coming to India and instead protest a stupid app. #SulliDeals
— Eminent Intellectual (@totalwoke) July 12, 2021
pic.twitter.com/J63p08n1YN
60 d¡rt p00r bonded labour H¡ndus including women converted to Ixlaam in Pakistan and the Muxl¡m leader flaunts that video on Facebook. Hey H¡ndus, let's support Liberals who bustéd #SulliDeals
where collection of some anonymous pics was auctioned on a Virtual platform pic.twitter.com/MACOEL8yJl
— ब्रदर टेरेसा (@____bruvteresa_) July 13, 2021
दीपक कुमार पाल के अकाउंट से किए गए ट्वीट में भी कमोबेश ऐसा ही कुतर्क देखने को मिला. ट्वीट में कहा गया कि सुल्ली डील और कुछ नहीं बस एक प्रतिक्रिया है, जो बहुत ज्यादा सहिष्णुता की वजह से पैदा हुई है.
एक और ट्वीट में कहा गया कि ट्विटर पर ऐसे बहुत से अकाउंट हैं, जिनमें 'सुल्लों' द्वारा हिंदू महिलाओं की फोटोज का यूज किया जाता है. लेकिन इसका विरोध नहीं हुआ. कार्रवाई नहीं हुई. सुल्ली डील्स (Sulli Deals) तो बस इसके खिलाफ प्रतिक्रिया है.Damn you all RWs who uptill now haven't work upon rape hatred mentality campaign like #hstud
— Deepak Kumar Pal (@dbus710) July 7, 2021
, #hslut4life
, #mstud
, #interfaithxxx
. You guys outrage on Sulli dealing which was nothing but reactionary act caused due to too much tolerance. Sulli dealing make it towards mainstream.
Even twitter is full of such accounts run by Sullas that use photographs of Hindu Women taken from their social media accounts. But not once has there been any action or outrage. #sullideals
is just retaliation to that. https://t.co/DNmCvvAkwg
— Dhongi Monk™ (@DhongiMonk) July 7, 2021
सुल्ली शब्द की तरह सुल्ला भी एक अपमानजनक शब्द है. इसी तरह के एक दूसरे ट्वीट में सुल्ली डील्स (Sulli Deals) मामले को जैसे को तैसा बताया गया.
धार्मिक पागलपन का शिकार महिलाएं आर्टिकल की शुरुआत में हमने लिबरल डॉग नाम के यूट्यूब चैनल के बारे में बताया था. इस चैनल को रितेश झा नाम के शख्स ने बनाया था. जब सुल्ली डील्स के खिलाफ आवाज़ उठी तब रितेश झा का एक वीडियो सामने आया. यह वीडियो 'प्रो डोगे न्यूज' नाम के यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया है. इस वीडियो में रितेश अपने बचाव में एक कमजोर सी सफाई पेश कर रहा है. ईद के मौके पर किए गए लाइव के बारे में रितेश ने कहा कि उसने पाकिस्तानी महिलाओं की बोली नहीं लगाई थी, बस उनकी खूबसूरती को रेटिंग दी थी. दूसरी तरफ रितेश के खिलाफ पिछले साल भी एक शिकायत दर्ज की गई थी, जिसमें उसके ऊपर मुस्लिम महिलाओं का रेप करने और MMS बनाने की बात कहने का आरोप लगाया गया था. उसकी इन बातों के स्क्रीनशॉट्स सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके हैं.H men did not edit those pictures still everyone is head on heels for those súllís. It was tit for tat.
H women pictures were put out and edited vúlgarly but no one batted an eye. Not even those H females who are çrying today. https://t.co/xC5lhGQEOe
— Apúrvà (@rva_sharma) July 6, 2021
जब रितेश झा की गिरफ्तारी की मांग उठी तो उसके समर्थन में ट्वीट हुए. इन ट्वीट्स में भी कमोबेश यही क्रिया और प्रतिक्रिया वाला कुतर्क दिया गया. क्रिया और प्रतिक्रिया वाला कुतर्क देने वाले असल में धार्मिक रूप से अंधे हो चुके हैं. क्योंकि एक तरफ वो इस बात को संज्ञान में ले रहे हैं कि उनसे अलग धर्म वाली औरतों का उत्पीड़न हुआ है लेकिन दूसरी तरफ अपनी धर्म की औरतों के कथित उत्पीड़न का हवाला देकर एक गंभीर अपराध को वैधता दे रहे हैं. धार्मिक तौर पर अंधे हो चुके लोग केवल किसी एक धर्म की बपौती नहीं हैं, बल्कि यह पागलपन चहुंओर है.
दूसरी तरफ, जिस तरह से सुल्ली डील्स की पीड़िताओं ने आगे आकर अपनी पहचान सामने रखी, उससे इतर ऐसे मामलों में हिंदू पीड़िताएं अभी तक आगे नहीं आई हैं. हालांकि, हिंदू महिलाओं को निशाना बनाने के उद्देश्य से जिन फोटो को मार्फ किया गया है, उनमें से बहुत सी फोटो आम लड़कियों और महिलाओं के सोशल मीडिया अकाउंट्स से बिना इजाजत ली गई हैं. कई जगहों पर बॉलीवुड अभिनेत्रियों तो कई जगह पर पॉर्न साइट्स क्लिप्स के स्क्रीनशॉट का प्रयोग हुआ है.
वहीं सुल्ली डील्स एक राजनीतिक मामला भी है. इसमें उन महिलाओं को चुन-चुनकर निशाना बनाया गया है, जो बीजेपी सरकारों की आलोचना करती रहती हैं. इन महिलाओं में कई मुस्लिम एक्टिविस्ट्स और पत्रकार भी शामिल हैं. एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने भी इस पूरे मुद्दे पर अपना बयान जारी करते हुए इस बात को रेखांकित किया था. गिल्ड की तरफ से कहा गया था कि यह घिनौना हमला मुस्लिम महिलाओं और खुलकर वर्तमान सरकार का विरोध करने वालों के प्रति घटिया मानसिकता को दिखाता है.
आखिर में यही कि बात हिंदू या मुस्लिम औरतों की नहीं है. बात सिर्फ औरतों की है. धर्म विशेष के प्रति अपनी नफरत में लोग औरतों को ऑब्जेक्टिफाई कर रहे हैं, उनके खिलाफ भद्दी बातें लिख रहे हैं. ये किस तरह की नफरत है जो औरतों के शरीर और उनकी योनी के पार नहीं देख पाती. ये कैसे लोग हैं जिनको लगता है कि किसी औरत का रेप करके, उसकी नंगी तस्वीरें अपलोड करके, उसकी नीलामी करके उस धर्म से बदला लिया जा सकता है जिस धर्म को वो मानती है? हिंदू हों या मुस्लिम, औरतों को इस तरह निशाना बनाने वाला, और इस तरह की हरकत को सही ठहराने वाला हर शख्स बीमार है. आप धर्म को हटा दें, तो रेप करने वाले, रेप की धमकी देने वाले, औरतों को सेक्स ऑब्जेक्ट समझने वाले किसी भी शख्स को आप क्या मानेंगे? अपराधी राइट? धर्म के नाम पर इस तरह की बातें लिखने वाले लोग भी वही हैं. अपराधी. और ऐसे अपराधियों का बचाव करने की बजाए, उन्हें सपोर्ट करने की बजाए रिपोर्ट करें.