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20 साल की इस लड़की के शरीर में हैं दो वजाइना, महीने में दो बार आते हैं पीरियड्स

ऐसी कंडीशन जिसमें प्रेगनेंट होने के बाद भी प्रेग्नेंसी का पता नहीं चल पाएगा.

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पेज डिएंजेलो को 18 की उम्र में पता चला कि दो रिप्रोडक्टिव सिस्टम हैं उनके शरीर में. (फोटो- इंस्टाग्राम)
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2 जुलाई 2021 (Updated: 2 जुलाई 2021, 17:45 IST)
Updated: 2 जुलाई 2021 17:45 IST
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अमेरिका में एक सिटी है फिलाडेल्फिया. यहां 20 साल की एक लड़की रहती है, जिसका नाम पेज डिएंजेलो है. सोशल मीडिया पर काफी फेमस हैं. टिकटॉक पर, तीन लाख जे ज्यादा फॉलोअर्स हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि पेज एक रेयर मेडिकल कंडीशन को लेकर लोगों को जागरूक करने का काम कर रही हैं. दरअसल, पेज के शरीर में फुल फंक्शनिंग वाले दो रिप्रोडक्टिव सिस्टम है. माने दो यूट्रस, दो सर्विक्स और दो वजाइना. और इसके चलते उन्हें काफी ज्यादा दिक्कत होती है. मेडिकल साइंस में इस कंडीशन को यूट्रस डिडेलफिस (Uterus Didelphys) कहा जाता है.


क्या है पेज की कहानी?

'मिरर डॉट यूके' की रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में पेज ने अपनी कंडीशन के बारे में टिकटॉक पर खुलकर बात की. बताया कि उन्हें महीने में दो बार पीरियड्स आते थे, और इसकी वजह से वो बहुत परेशान रहती थीं. जब वो 18 साल की हुईं, तब एक गायनेकोलॉजिस्ट से उन्होंने कंसल्ट किया. तब जाकर उन्हें पता चला कि उनके शरीर में दो रिप्रोडक्टिव सिस्टम हैं. माने अगर वो प्रेगनेंट हुईं, तो उन्हें तब तक इस बात की जानकारी नहीं होगी, जब तक उन्हें प्रेग्नेंसी के दूसरे सिमटम्स दिखाई न दें. उन्होंने ये भी बताया कि वो एकसाथ एक ही समय पर दोनों यूट्रस में प्रेगनेंट हो सकती हैं, लेकिन इससे उन्हें काफी हेल्थ ईशूज़ होंगे. पेज कहती हैं-

"मुझे हमेशा बहुत अनियमित पीरियड्स होते थे. असल में मेरे दो पीरियड साइकिल चलते थे. एक या दो हफ्ते के अंदर ऐसा होता था. पूरे हाई स्कूल भर मैं इससे परेशान रही. जब मैं लोगों को अपनी कंडीशन के बारे में बताती हूं तो उन्हें बहुत हैरानी होती है. लोगों को लगता है कि बाहरी जगह पर भी मेरे दो वजाइना दिखाई देते होंगे, लेकिन ऐसा नहीं है, इसी वजह से तो मुझे 18 की उम्र तक आते तक इस कंडीशन के बारे में नहीं पता चला. दोनों वजाइना नॉर्मल वजाइना के साइज़ से आधे हैं."

गर्भपात होने का खतरा!

पेज बताती हैं कि उन्हें डॉक्टर ने कहा है कि अगर वो प्रेगनेंट होती हैं, तो प्रिमैच्योर बर्थ या फिर गर्भपात का खतरा होगा. क्योंकि उनके यूट्रस नॉर्मल यूट्रस से काफी छोटे हैं. इसलिए डॉक्टर्स उन्हें सेरोगेसी का ही सजेशन देते हैं. पेज अभी स्टूडेंट हैं, ड्रेक्सल यूनिवर्सिटी में पढ़ती हैं, लेकिन वो चाहती हैं कि उनका फ्यूचर भी बाकियों की तरह ही रहे, वो बच्चे चाहती हैं और एक बड़ा परिवार भी. इसलिए उन्होंने यूट्रस डिडेलफिस से जूझ रही और लड़कियों और महिलाओं को खोज निकाला. वो फेसबुक सपोर्ट ग्रुप का हिस्सा बनीं, जहां उन्हें अपनी तरह की बाकी लड़कियां मिलीं, उन्हें पता चला कि बहुत लड़कियों को हर पांच गर्भपात के बाद एक बच्चा हुआ है. पेज कहती हैं-

"मेरी कंडीशन दुखी करने वाली तो है, लेकिन मैं इस पर विश्वास करती हूं कि ग्लास आधा भरा है, न कि आधा खाली. फैक्ट ये है कि मेरी कंडीशन वाली औरतों को भी बच्चे हुए हैं, ये बात मुझे एनर्जी देती है."


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पेज सोशल मीडिया के ज़रिए इस कंडीशन को लेकर जागरूकता फैलाने का भी काम करती हैं. (फोटो- इंस्टाग्राम)

सेक्स लाइफ को लेकर सवाल

पेज से अक्सर ही उनकी सेक्स लाइफ को लेकर सवाल किए जाते हैं. इस पर पेज कहती हैं कि उनकी कंडीशन का उनकी सेक्स लाइफ पर कोई असर नहीं पड़ रहा. उनका एक बॉयफ्रेंड है, जिसके साथ इस वक्त सब सही चल रहा है.

पेज बताती हैं कि सोशल मीडिया पर जब वो अपनी कंडीशन को लेकर ओपन-अप हुईं, तो बहुत सी लड़कियों के मैसेज उन्हें आने शुरू हो गए. लड़कियों ने बताया कि वो इतने समय तक अकेला महसूस कर रही थीं, लेकिन पेज की वजह से उन्हें हिम्मत मिली.

क्या है यूट्रस डिडेलफिस

ये तब होता है जब बच्चे के पेट में बनने के समय ओवरीज से यूट्रस को जोड़ने वाली डक्ट्स पूरी तरह से जुड़ती नहीं है. यानी फ्यूजन नहीं होता दोनों का. इस तरह दो अलग-अलग यूट्रस बन जाते हैं. ये कंडीशन तब तक पता नहीं चलती जब तक जांच ना करवाई जाए.

हमारी साथी प्रेरणा ने इस कंडीशन के बारे में अपनी एक स्टोरी में बताया था. तब उन्होंने डॉक्टर शिवानी चतुर्वेदी से बात की थी. जो आगरा की मशहूर गाइनकॉलजिस्ट हैं. उन्होंने बताया था,

"इस कंडीशन में भी दो तरह के यूट्रस होते हैं. एक में सिंगल सर्विक्स होता है, एक में दो सर्विक्स होते हैं. पहले वाले केस में तब पता चलता है जब कोई पेशेंट आती है कंसीव न कर पाने की प्रॉब्लम लेकर. तब हम एक टेस्ट करते हैं. HSG टेस्ट. इससे पता चल जाता है. जब किसी औरत को ये कंडीशन होती है तो कई बार ऐसा होता है कि एक तरफ के यूट्रस में बच्चा ठहर जाता है, दूसरे वाले से पीरियड्स आते रहते हैं. इस तरह के केस महीने में एक तो आ ही जाता है. हमने कई केसेज में यूट्रस में बच्चा ठहराया भी है. सक्सेसफुल डिलिवरी भी करवाई है. नॉर्मल डिलिवरी हो सकती है इसमें, लेकिन प्रेफर नहीं की जाती. प्रेगनेंट औरत को ज्यादा रेस्ट भी करना होता है इस कंडीशन में. प्रोजेस्ट्रोन हॉर्मोन देना पड़ता कई बार. कई बार फाल्स पेन भी होते हैं क्योंकि यूट्रस की मसल्स इतनी मजबूत नहीं होतीं."

फिलहाल फिलाडेल्फिया की पेज डिएंजेलो ने यूट्रस डिडेलफिस के साथ जीना सीख लिया है. और वो लगातार दूसरों को इन्सपायर भी कर रही हैं.


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