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क्या 40 पार करने के बाद औरतों में सेक्स की इच्छा ख़त्म हो जाती है?

मेनोपॉज़ के बाद औरतें की सेक्स लाइफ़ से जुड़े कुछ झूठ.

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माना जाता है कि बच्चा नहीं हो सकता तो औरत सेक्स भी नहीं करती होंगी.
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11 फ़रवरी 2020 (Updated: 11 फ़रवरी 2020, 09:53 IST)
Updated: 11 फ़रवरी 2020 09:53 IST
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नीतू की उम्र 45 साल है. उसके मेनोपॉज़ की शुरुआत हो चुकी है. पीरियड्स स्किप होने लगे हैं. होते भी हैं तो केवल एक या दो दिन ही चलते हैं. इसका असर उसकी सेक्स लाइफ़ पर भी पड़ रहा था. उसका सेक्स करने का मन नहीं करता था. ऊपर से सेक्स के दौरान दर्द भी होता था. नीतू को यकीन था कि ये मेनोपॉज़ की वजह से हो रहा था. आख़िर उसने यही तो सुना था सब से. मेनोपॉज़ का मतलब औरत की सेक्स ड्राइव, यानी सेक्स करने की इच्छा ख़त्म.
क्या बढ़ती उम्र के साथ सेक्स लाइफ खत्म हो जाती है?
ये कहानी सिर्फ़ नीतू की नहीं है. ऐसा माना जाता है कि औरतों की सेक्स लाइफ 40 के बाद ख़त्म हो जाती है. बच्चा नहीं हो सकता तो वो सेक्स भी नहीं करती होंगी. यही नहीं. इसके आसपास बुना एक सेक्सिस्ट तर्क भी है. घटिया जोक्स भी बनते हैं. कहा जाता है कि खुद की बीवियां 'एक्सपायरी डेट' के पास आने पर बेकार हो जाती हैं, इसलिए अंकल लोग बाहर की लड़कियों को देखने लगते हैं. सेक्सिस्ट मिथ की पुरुषों की सेक्स लाइफ बड़ी होती है. औरतें 40 साल के बाद 'undesirable' हो जाती हैं.
अब सच्चाई क्या है?
ये जानने के लिए हमने बात की डॉक्टर अनुराधा कपूर से. वो मैक्स हॉस्पिटल (दिल्ली) में स्त्रीरोग विशेषज्ञ हैं.
डॉक्टर अनुराधा कपूर.
डॉक्टर अनुराधा कपूर.


उनका कहना है-
‘ऐसी बातें समाज की देन हैं. हां. मेनोपौज़ के बाद आपके शरीर में कुछ बदलाव आते हैं. ये नैचरल है. पर इसका मतलब ये नहीं कि पीरियड्स बंद होने के बाद आपकी सेक्स लाइफ ख़त्म हो जाती है. या आपका सेक्स करने का मन नहीं करता. आपके शरीर में एक हॉर्मोन बनता है एस्ट्रोजेन नाम का. मेनोपॉज़ के बाद इसमें काफ़ी गिरावट आ जाती है. नतीजतन आपकी वजाइना को ज़रूरी लुब्रिकेशन नहीं मिलता. यानी सेक्स के दौरान वजाइना ड्राई रहती है. इसलिए सेक्स करने में दर्द होता है. पर इसका इलाज है. डॉक्टर्स ऐसी क्रीम्स देते हैं जो प्रॉब्लम सॉल्व कर देती हैं.’
और क्या मिथक हैं?
#मिथक 1: मेनोपॉज़ के बाद सेक्स करने का मन नहीं करता है
#सच 1: ये सच नहीं है. मेनोपॉज़ के दौरान हॉर्मोन्स में बदलाव आते हैं. शरीर में हॉर्मोन्स की उथल-पुथल रहती है. पर इसका मतलब ये नहीं है कि आप सेक्स नहीं कर सकते. या आपका सेक्स करने का मन नहीं करता. अगर आपको थकान रहने लगी है तो आप थायरॉयड और एनीमिया का टेस्ट ज़रूर करवाएं. मेनोपॉज़ के दौरान आपके पीरियड्स समय से नहीं होते, वजाइना में ड्राईनेस रहती है, इसका असर आपके मूड पर भी पड़ता है. पर ये गुज़र जाता है. पर अगर आपको सेक्स करते समय दर्द होता है तो डॉक्टर से ज़रूर मिलिए.
Image result for menopause" मेनोपॉज़ के बाद आपके शरीर में कुछ बदलाव आते हैं. ये नैचरल है.


#मिथक 2: मेनोपॉज़ के बाद आपको ऑर्गेज्म नहीं होते
#सच 2: झूठ. इसमें कोई तर्क नहीं है. मेनोपॉज़ का ऑर्गेज्म से कोई लेना-देना नहीं होता. ऑर्गेज्म न होने की एक बड़ी वजह स्ट्रेस है. इसलिए ज़रूरी है आप स्ट्रेस बेडरूम के बाहर ही छोड़ दें. अगर आपका शरीर पहले की तरह रिएक्ट नहीं कर रहा है तो इसकी टेंशन मत लीजिए. हॉर्मोनल उथल-पुथल की वजह से शरीर में बदलाव आते हैं. पर ये बेहद आम है. इसलिए ज़्यादा लोड मत लीजिए.
#मिथक 3: मेनोपॉज़ के बाद आपको बर्थ कंट्रोल को लेकर बेफ़िक्र हो जाना चाहिए.
#सच 3: नहीं. ऐसा नहीं है. मेनोपॉज़ तीन स्टेज में होता है. उसके बारे में और जानने के लिए यहां क्लिक करें
. मेनोपॉज़ की शुरुआत को पेरीमेनोपॉज़ कहते हैं. ये चार से 10 साल तक चलता है. आपको पता नहीं होता कि कब आपकी ओवरीज़ अंडे बनाना बंद कर रही हैं. इसलिए आप इस दौरान भी प्रेग्नेंट हो सकती हैं. ज़रूरी है कि आप सेक्स के दौरान सेक्स रहें. बर्थ कंट्रोल को नज़रंदाज़ न करें.


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