'सुल्ली डील्स' के बाद अब 'बुल्ली बाई' पर लगाई गई मुस्लिम महिलाओं की बोली
सुल्ली डील्स के अपराधी अभी तक नहीं पकड़े गए. विपक्ष ने फिर से सरकार पर निशाना साधा.
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"COVID की वजह से मैंने अपनी दादी को खोया था. उनके जाने के बाद आज पहली बार मैं अपनी दादी की कब्र पर गई थी. जैसे ही मैं घर जाने के लिए कार में बैठी, दोस्तों ने मुझे बताया कि एक बार फिर मेरी (और अन्य मुस्लिम महिलाओं की) तस्वीरें नीलाम की जा रही हैं. ये मोदी के भारत में हो रहा है."ये ट्वीट है पूर्व पत्रकार हीबा बेग़ का. हीबा, पहले द क्विंट से जुड़ी हुई थीं और अब कोलंबिया यूनिवर्सिटी से अंतरराष्ट्रीय संबंधों की पढ़ाई कर रही हैं. उनके इस ट्वीट का संबंध है 'Bulli Bai' नाम के ऐप से. सुल्ली डील्स के बाद अब GitHUB पर 'बुल्ली बाई' नाम के एप्लिकेशन में मुस्लिम लड़कियों और महिलाओं की फोटो लगाकर बोली लगाई जा रही है. पिछले 6 महीनों में यह ऐसा दूसरा मामला है. दिल्ली पुलिस ने FIR दर्ज की है.
क्या है मामला?
1 जनवरी 2022. नए साल का पहला दिन. द वायर से जुड़ी पत्रकार इस्मत आरा ने GitHub के एक ग्रुप का स्क्रीनशॉट ट्वीट किया. स्क्रीनशॉट में उनकी फोटो थी, जिसके नाचे अभद्र बातें लिखी हुई थीं. दरअसल, GitHub पर 'Sulli deals' की तरह Bulli Bai नाम से ऐप्लिकेशन बनाई गई. उसमें मुस्लिम समुदाय की महिलाओं की तस्वीर और प्रोफाइल बनाकर बोली लगाई जा रही थी और अभद्र शब्दों का इस्तेमाल किया गया. पिछली बार की तरह इस बार भी तस्वीरें बिना मंजूरी के इस्तेमाल की गईं. इस्मत आरा के ट्वीट के बाद कई लोगों ने अपना विरोध दर्ज कराया. देश के IT मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव से मांग की गई कि इस तरह की चीजों पर लगाम लगाकर कड़ा एक्शन लेना चाहिए. जहां एक विशेष वर्ग की महिलाओं को टारगेट किया जा रहा है. बदले में मंत्री ने भी बताया कि गिटहब ने संबंधित यूजर को ब्लॉक करने की पुष्टि की है और आगे की कार्रवाई की तैयारी हो रही है. GitHUB एक (ओपन सोर्स) कोड होस्टिंग प्लैटफ़ॉर्म है. मतलब कि सॉफ़्टवेयर बनाने के लिए जिन कोड्स की ज़रूरत होती है, वैसे 20 करोड़ से ज़्यादा कोड्स यहां मुफ़्त में उपलब्ध हैं. इन्हीं कोड्स की मदद से 'बुल्ली बाई' ऐप बनाया गया. ऐप को URL Bullibai.github.io पर होस्ट किया गया था. हालांकि लोगों द्वारा सोशल मीडिया पर आउटरेज के बाद ऐप को हटा दिया गया है. ऐप से जुड़े एक ट्विटर अकाउंट को भी सस्पेंड कर दिया गया है. करीब 6 महीने पहले, GitHub पर ही सुल्ली डील्स नाम का एप्लिकेशन बनाया गया था. तब भी इन्हीं पत्रकारों और ऐक्टिविस्ट्स समेत सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं और लड़कियों की फोटो डालकर उनकी ऑनलाइन बोली लगाई जा रही थी. सुल्ली डील्स मामले से पहले, पिछले साल ईद के मौके पर लिबरल डॉग नाम के यूट्यूब चैनल से मुस्लिम समुदाय की महिलाओं की ऑनलाइन नीलामी की गई थी. ट्विटर पर भी ऐसा हुआ था.एक धर्म विशेष की महिलाएं टारगेट पर
दरअसल, सुल्ली एक लिंग-धर्म सूचक शब्द है. इसका प्रयोग मुस्लिम समुदाय की महिलाओं के लिए अपमानजनक तरीके से किया जाता है. 'बुल्ली' इसी का पर्यायवाची है. यह भी उतना ही अपमानजनक है. 'बुल्ली बाई' नाम के इस ऐप में कई महिलाओं के नाम शामिल हैं. खासकर उनके, जो सामाजिक और राजनीतिक तौर पर एक्टिव हैं. ऐसा ही एक नाम रेडियो जॉकी सायेमा का है. उन्होंने ट्वीट किया,"#BulliDeals में #SulliDeals की तरह मेरे सहित कई मुस्लिम नाम हैं. यहां तक कि नजीब की मां को भी नहीं बख्शा गया है. यह भारत की टूटी-फूटी न्याय व्यवस्था, एक जर्जर कानून-व्यवस्था का प्रतिबिंब है. क्या हम महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित देश बनते जा रहे हैं?"
फरवरी 2016 में JNU के छात्र नजीब अहमद के गायब होने की ख़बर आई थी. आज तक नजीब की कोई ख़बर नहीं है. नजीब की मां अपने बेटे के तलाश के लिए तब से लड़ाई लड़ रही हैं. बुल्ली बाई ऐप में इनकी भी तस्वीर सहित बोली लगाई गई है. कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय संयोजक और CAA-NRC प्रोटेस्ट का हिस्सा रहीं सदफ़ जफ़र का नाम भी इस ऐप में आया. उन्होंने भी इसकी कड़ी निंदा करते हुए कानूनी लड़ाई लड़ने की बात कही. दूसरी तरफ़, पत्रकार इस्मतर आरा ने इस मामले में दिल्ली पुलिस की साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई. ट्विटर पर लगातार ट्रेंड करने के बाद दिल्ली पुलिस ने मामले पर जवाब दिया. कहा, 'मामले पर दिल्ली पुलिस ने संज्ञान ले लिया है, संबंधित अधिकारी मामले की जांच करेंगे.' इधर, सुल्ली डील्स में अपनी फोटो का इस्तेमाल होने और ऑनलाइन नीलामी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने वालीं नाबिया खान ने ट्वीट किया,There are many Muslim names,including mine,in the obnoxious #BulliDeals , same as #SulliDeals Even Najeeb's mother has not been spared. It's a reflection on India's broken justice system, a dilapidated law n order arrangement. Are we becoming the most unsafe country for women?
— Sayema (@_sayema) January 1, 2022
"सब झूठ @DelhiPolice! आपने मुझे मेरी शिकायत पर दर्ज FIR की कॉपी कभी नहीं दी. 5 महीने हो चुके हैं. मैं अभी भी इंतज़ार कर रही हूं. इस बार आप क्या कार्रवाई करेंगे?"
All lies @DelhiPolice! you have never provided me a copy of FIR registered on my complaint dt 12/07/21 against the violation of my dignity and crimes committed against me re. Sulli Deals. I am still waiting for it. It’s been 5 months already. What action will you take this time? https://t.co/I8LZP4XzCa — Nabiya Khan | نبیہ خان (@NabiyaKhan11) January 1, 2022
विपक्ष ने सरकार को निशाने पर लिया
सुल्ली डील्स की तरह इस बार भी इस मामले में विपक्ष ने सरकार को निशाने पर लिया है. विपक्ष के नेताओं का कहना है कि अगर सरकार की तरफ से पिछले मामले में सही से कार्रवाई की गई होती, तो इस बार ये नौबत ही नहीं आती. शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी सुल्ली डील्स मामले में काफी एक्टिव रही थीं. अब इस नए मामले पर भी उन्होंने एक वीडियो बयान जारी किया है. उन्होंने कहा,"जब सबसे पहले सुल्ली डील्स का मामला आया था, जहां पर एक वेबसाइट के माध्यम से महिलाओं की नीलामी हो रही थी. महिलाओं की फोटोज़ का इस्तेमाल करके, ख़ास करके एक कम्युनिटी को टारगेट किया जा रहा था, उनके लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल हो रहा था, तब 30 जुलाई को मैंने आईटी मिनिस्टर को पत्र लिखा था. फिर 6 सितंबर को उनको रिमाइंडर भेजा था, जिसका जवाब मुझे 2 नवंबर को मिला. जवाब में उन्होंने कहा कि इन साइट्स को ब्लॉक कर दिया गया है. लेकिन साइट्स ब्लॉक करना मामले का समाधान नहीं है. जो यह साइट्स बना रहे हैं, ज़रूरत है कि उन पर सख़्त कार्रवाई हो. कार्यवाही नहीं हुई तो आज 1 जनवरी को फिर से हमने एक वैसा ही मामला देखा.प्रियंका चतुर्वेदी ने अपने बयान में आगे कहा,
मैंने आईटी मिनिस्टर को फिर लिखा कि जब तक आप ऐसे लोगों को पर ठोस कार्यवाही नहीं करेंगे, तो ऐसी घटनाएं फिर होंगी. चूंकि कुछ विक्टिम्स मुंबई से हैं, तो मैंने मुंबई पुलिस कमिश्नर को भी इस मामले की जांच करने के लिए कहा है."इसी तरह AIMIS अध्यक्ष और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी ट्वीट करते हुए सरकार पर निशाना साधा और जांच की मांग की. लोक सभा सांसद कार्ती चिदंबरम ने सरकार की उपेक्षा को इसका मुख्य कारण बताया. उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछली बार कुछ नहीं किया. जिसकी वजह से ऐसा करने वालों को लगा कि उन्हें कुछ नहीं होगा और उन्होंने फिर से उसी तरह के अपराध को अंजाम दिया. चिदंबरम ने कहा कि अपराध करने वालों को सरकार और प्रशासन का साथ मिला हुआ है. इस तरह के मुस्लिम महिला विरोधी प्रोजेक्ट का वापस आना अस्वीकार्य है.
कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा सांसद राहुल गांधी ने ट्वीट किया,
"महिलाओं का अपमान और सांप्रदायिक नफरत तभी बंद होंगे, जब हम सब एक आवाज में इसके खिलाफ खड़े होंगे. साल बदला है, हाल भी बदलो. अब बोलना होगा."
महिलाओं का अपमान और सांप्रदायिक नफ़रत तभी बंद होंगे जब हम सब एक आवाज़ में इसके ख़िलाफ़ खड़े होंगे।
साल बदला है, हाल भी बदलो- अब बोलना होगा!#NoFear — Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 2, 2022
सुल्ली डील्स की जांच में क्या निकला?
सुल्ली डील्स मामले में पीड़ित महिलाओं ने दिल्ली और नोएडा में शिकायत की थी. दोनों जगहों पर FIR दर्ज की गई थी, लेकिन आज तक जांच में कुछ नहीं निकला है. इस मामले में हमने दिल्ली पुलिस के अधिकारियों से बातचीत की. पुलिस ने कहा,"GitHub से जानकारी मांगी गई है. सरकार के ज़रिए लेटर लिखवाया गया था, लेकिन अभी तक GitHub की तरफ़ से कोई जानकारी नहीं मिली है. जब जानकारी मिलेगी तभी ये पता चल पाएगा की सुल्ली डील्स किसने बनाया था और कहां से बनाया था."फिलहाल Bulli Bai मामले में दिल्ली पुलिस ने महिला पत्रकार की शिकायत पर दक्षिण पूर्व जिले के साइबर पुलिस स्टेशन में एक FIR दर्ज की है. हालांकि, देखना होगा कि क्या इस बार एक खास समुदाय की महिलाओं को निशाना बनाने वालों के असली चेहरे बेनकाब होंगे या फिर पिछली बार की ही तरह पुलिस और प्रशासन बस खानापूर्ति ही करते रहेंगे.