Siddharth ने 'Bull and Cock' फ्रेज का इस्तेमाल किया, उसके मायने क्या हैं?
साइना से सिद्धार्थ किलसे क्यों?
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दो आदमियों में एक बार पार्किंग को लेकर झगड़ा हो गया. एक ने कहा यहां मेरी आल्टो लगती है. दूसरे ने कहा यहां मेरी वैगनआर लगती है. पहले ने कहा अपनी वैगनआर देखो, कूड़ा लगती है. दूसरे ने कहा, तुम्हारी आल्टो पर तो चिड़िया भी बीट न करे. बात बढ़ने लगी और दोनों का जी नहीं भरा तो आल्टो वाले ने वैगनआर वाले की पत्नी को चरित्रहीन कह दिया. तो वैगनआर वाले ने आल्टो वाले की पत्नी को वेश्या पुकार दिया.
आगे इस कहानी में क्या हुआ? कुछ नहीं. लड़कर थकने के बाद दोनों घर चले गए. जाने किसने कहां अपनी गाड़ी पार्क की. लेकिन दोनों की लड़ाई में दोनों पत्नियों के चरित्र पर सवाल उठा दिए गए. बिना वजह.
ये पार्किंग की लड़ाई कहीं और नहीं, रोज़ ट्विटर पर चलती है. पार्किंग को विचारधारा शब्द से रिप्लेस कर दीजिए. सुबह से रात तक मारकाट मची है. मेरे जैसे लोग तो ट्विटर पर जाने से भी डरते हैं, नोटिफिकेशन में टैग के साथ लानते ही होंगी, क्या फायदा. मगर कमाल है कि इस लड़ाई में लड़कियां किस तरह पिसती हैं. और सिर्फ ट्विटर ही नहीं, राजनीति में भी. कई बार ऐसा भी होता है कि किसी महिला की राजनीति या उसकी विचारधारा का विरोध करते हुए लोग ये भूल जाते हैं कि विरोध जताने की सीमा क्या है. क्यों मचा साइन - सिद्धार्थ के बीच ट्विटर पर बवाल इस कड़ी में लेटेस्ट हैं बैडमिंटन प्लेयर साइना नेहवाल और एक्टर सिद्धार्थ. ट्विटर पर 10 जनवरी को ये दोनों नाम ट्रेंड में रहे. वजह बना साइना का एक ट्वीट और उस पर सिद्धार्थ का कोट ट्वीट. सिद्धार्थ पर आरोप लगे कि उन्होंने साइना के लिए भद्दी भाषा का इस्तेमाल किया. उन पर सेक्शुअल ऑब्जेक्टिफिकेशन के आरोप लगे. यहां हम 'आरोप' वाली भाषा इसलिए बोल रहे हैं क्योंकि सिद्धार्थ ने इसके बाद सफाई भी दी. कहा कि उनका मकसद साइना को अपमानित करना नहीं था और न ही उनके ट्वीट का कोई सेक्शुअल संदर्भ था.
तस्वीर में बाईं तरफ़ सिद्धार्थ और दाईं तरफ़ साइना नेहवाल
लेकिन साइना से सिद्धार्थ किलसे क्यों? आपको याद होगा कि 5 जनवरी को पंजाब के फिरोजपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काफिला प्रदर्शनकारियों ने रोक लिया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, वो लगभग 20 मिनट तक फ्लाईओवर पर फंसे रहे. इस घटना को प्रधानमंत्री की सुरक्षा में एक बड़ी चूक के तौर पर देखा जा रहा है. इसी को लेकर बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल ने 5 जनवरी को ट्वीट किया था. उन्होंने लिखा था, ‘कोई देश सुरक्षित होने का दावा नहीं कर सकता, अगर उसके प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक होती है. मैं अराजक तत्वों द्वारा पीएम मोदी के काफिले पर किए गए कायराना हमले की कड़े शब्दों में निंदा करती हूं.'
अब पर्सनली मुझे साइना के इस ट्वीट में कुछ भी ऐसा नहीं दिखता जो बुनियादी या राजनीतिक तौर पर गलत हो. क्योंकि प्रधानमंत्री की नीतियों से, उनकी पार्टी की राजनीति से आप सहमत हों या न हों, किसी भी प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक होना एक बहुत बड़ा फेलियर है. मगर कई लोगों का ऐसा भी मानना है कि केंद्र ने इस एक इंसिडेंट को राई का पहाड़ बनाया है. इट्स अ फ्री कंट्री, आप कुछ भी मान सकते हैं. लेकिन ये फ्रीडम हमें अधिकार भी देती है कि कोई हमें अपमानित न करे. सिद्धार्थ विरोध करते हुए ये बुनियादी बात भूल गए. इस ट्वीट को कोट करते हुए उन्होंने 6 जनवरी को लिखा, 'दुनिया की सटल कॉक चैम्पियन. शुक्र है हमारे पास भारत के रक्षक हैं.'No nation can claim itself to be safe if the security of its own PM gets compromised. I condemn, in the strongest words possible, the cowardly attack on PM Modi by anarchists.#BharatStandsWithModi
— Saina Nehwal (@NSaina) January 5, 2022
#PMModi
ऐक्टर सिद्धार्थ का वो विवादित ट्वीट जिसे उन्होंने बाद में डिलीट कर दिया
लोगों ने लगाई लताड़
अपने ट्वीट में सिद्धार्थ ने ‘शटलकॉक’ पर साथ वर्ड प्ले करने की कोशिश की थी. मगर अंग्रेजी में कॉक शब्द का इस्तेमाल पुरुष जननांग के लिए भी किया जाता है. ये बात सिद्धार्थ को पता होनी चाहिए थी. उनकी मंशा क्या थी, ये कोई कैसे समझ पाएगा? सिंगर चिन्मयी श्रीपदा ने लिखा, “ये वाकई मूर्खतापूर्ण है सिद्धार्थ. आपने वही कर दिया जिसके खिलाफ हम औरतें लड़ रही हैं.”
सिंगर चिन्मयी श्रीपदा का ट्वीट
शिवसेना से राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने लिखा, “कितना भी मतभेद क्यों न हो, किसी के लिए इस तरह की भाषा का इस्तेमाल बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है. अपनी बात रखने में सिविलिटी होनी ज़रूरी है. साइना नेहवाल खेल के क्षेत्र में देश का गर्व हैं, उनके पास अपनी पॉलिटिकल ओपिनियन रखने का उतना ही अधिकार है जितना किसी और व्यक्ति के पास. आप सहमत नहीं हैं तो आप डिबेट कीजिए, आप किसी के विचारों से सहमत नहीं हैं तो आप उनका अपमान नहीं कर सकते.”
Absolutely unacceptable and unbecoming language to use for anyone. Whatever the disagreement, there has to be civility in discourse. https://t.co/XUNYAMgd9R
— Priyanka Chaturvedi🇮🇳 (@priyankac19) January 10, 2022
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने इस मामले पर लिखा कि सिद्धार्थ को सबक सिखाने की ज़रूरत है. उन्होंने ट्विटर इंडिया को टैग करते हुए पूछा कि सिद्धार्थ का अकाउंट अभी तक एक्टिव क्यों है. इसके साथ ही राष्ट्रीय महिला आयोग ने महाराष्ट्र के DGP को इस मामले में नोटिस भेजा है और सिद्धार्थ के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की है. महिला आयोग ने इसे लेकर बयान भी जारी किया है. आयोग ने लिखा, “आयोग अभिनेता की तरफ से की गई अशिष्ट और आपत्तिजनक टिप्पणी की निंदा करता है. महाराष्ट्र के DGP को आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने पत्र लिखा है और इस मामले में जांच और संबंधित धाराओं में FIR दर्ज करने को कहा है.”
इस मामले को लेकर साइना नेहवाल ने इंडिया टुडे से बात की. उन्होंने कहा, “मैं श्योर नहीं हूं कि उनका मतलब क्या था. मैं उन्हें एक एक्टर के तौर पर पसंद करती थी लेकिन उन्होंने सही नहीं किया. वो अपने विचार बेहतर शब्दों की मदद से रख सकते थे. लेकिन हम ट्विटर की बात कर रहे हैं, वहां पर आप इसी तरह के शब्दों और कमेंट्स से नोटिस किए जाते हैं. और भारत में अगर प्रधानमंत्री की सुरक्षा कोई मुद्दा नहीं है, तो पता नहीं इस देश में क्या सुरक्षित है.” वहीं, सिद्धार्थ ने भी अपने कमेंट को लेकर सफाई दी है. उन्होंने लिखा, “कॉक एंड बुल. ये रिफरेंस है. इसे किसी और तरह से लेना अनफेयर होगा. अपमान करने की मंशा से कुछ भी नहीं कहा गया था.”This man needs a lesson or two. @TwitterIndia
— Rekha Sharma (@sharmarekha) January 10, 2022
why this person's account still exists?..taking it up with Concerned police. https://t.co/qZD2NY5n3X
सिद्धार्थ का क्लैरिफिकेशन वाला ट्वीट
क्या है ‘कॉक एंड बुल’ की कहानी ?
असल में अंग्रेज़ी में ‘कॉक एंड बुल’ फ्रेज़ का इस्तेमाल ऐसी कहानियों के लिए किया जाता है जिन पर भरोसा नहीं किया जा सकता है. लंदन में वॉटलिंग स्ट्रीट नाम की एक जगह है. यहां पर कॉक इन और बुल इन नाम के दो होटल हैं. कहानी ये है कि एक वक्त ऐसा था जब इन दोनों होटलों में आने वाले सैलानी ही यहां के स्थानीय लोगों के लिए खबरों का माध्यम होते थे. ऐसे में दोनों होटलों के बीच कॉम्पिटीशन चलता था कि कहां के सैलानी कितनी विचित्र और अलग कहानी सुना सकते हैं. ये कहानियां सच नहीं होती थीं और वहीं भरोसेमंद न लगने वाली बातों के लिए फ्रेज आया ‘कॉक एंड बुल स्टोरी’ का.
‘कॉक एंड बुल’ रेस्टोरेंट
ये कहानी मैंने आपको इसलिए सुना दी क्योंकि मुझे ये रेफरेंस सिद्धार्थ के ट्वीट में दिख नहीं रहा है. क्या वो ये कहा रहे हैं कि साइना का ट्वीट झूठी बात है? या PM मोदी का सिक्योरिटी इशू कोई काल्पनिक बात है? वो जो भी कहना चाह रहे हों, ज़ाहिर है किसी और को भी समझ नहीं आया.
सिद्धार्थ को मांगनी पड़ी माफ़ी
फाइनली, मंगलवार की रात सिद्धार्थ ने एक ख़त लिखकर साइना से माफ़ी मांगी और कहा कि वो जोक कर रहे थे. और जोक बुरा निकला. उन्होंने लिखा कि उनके वर्ड प्ले और ह्यूमर का वो अर्थ कतई नहीं था, जो बताया जा रहा है. माफीनामे में उन्होंने कहा कि वो फेमिनिस्ट्स के समर्थक हैं और महिला होने के लिए किसी को टारगेट कभी नहीं करेंगे.
Dear @NSaina
pic.twitter.com/plkqxVKVxY
— Siddharth (@Actor_Siddharth) January 11, 2022
इस माफ़ी के बाद पहली बात तो ये कि जो माफ़ी तुरंत मांगी जा सकती थी, उसमें डेढ़ दिन लगा दिए. दूसरी बात ये कि सिद्धार्थ का स्ट्रेस अब भी इस बात पर है कि उनकी ऐसी मंशा नहीं थी. सिद्धार्थ को ये समझना होगा कि मंशा से महत्वपूर्ण वो होता है जो सामने है. और सामने तो यही है कि साइना से एक द्विअर्थी बात कही गई.
ये दिखता है कि हम अपनी भाषा और व्याकरण में पसरे पौरुष को लेकर कितने सहज हैं. कि लिखने के पहले सोचते ही नहीं. सॉरी सिद्धार्थ, लेकिन अगर आप सचमुच 'strong feministally' हैं तो किसी महिला से बात करते हुए किसी भी शब्द का इस्तेमाल करते हुए आप सोचते. एक-एक शब्द तौलते. पोस्ट का बटन दबाने के पहले एक बार पोस्ट को खुद पढ़ते. और गलती से बोल देते तो माफ़ी मांगने में कई घंटे न लगाते.
क्या राय है आपकी? मुझे कमेंट बॉक्स में बताएं.