मानसून (Monsoon) आ गया है. और मानसून में जितना ज़रूरी अपनी सेहत का ख्याल रखना होता है, उतना ही ज़रूरी होता है अपनी स्किन का ख्याल रखना. बारिश में आने वाले कीड़ों से अपनी स्किन को बचाना ज़रूरी होता है. ऊपर से ह्यूमिडिटी की वजह से स्किन चिपचिपी हो जाती है फिर उससे पिंपल, खुजली, रैशेस होते हैं. और फिर भतेरे व्हाइट और ब्लैक हेड्स. तो चलिए आज यही बात करते हैं कि मानसून में अपनी स्किन का कैसे ख्याल रखें.
स्किन केयर क्यों ज़रूरी है?
स्किन आपके शरीर का सबसे बाहरी लेयर होती है. जो हमारे शरीर के अंदर के अंगों को प्रोटेक्ट करती है. बाहर के पॉल्यूशन, बैक्टीरिया और बाकी गंदगियों से. इसके साथ ही हमारी स्किन हमारे शरीर के तापमान को भी मेंटेन करके रखती है. इसलिए अपनी स्किन में कोई इंफेक्शन न हो इसका हमें ध्यान रखना चाहिए.
मानसून में स्किन में क्या होता है?
मानसून में वातावरण में काफी अधिक उमस यानी humidity बढ़ जाती है. इसकी वजह से स्किन से पसीना ठीक से निकल नहीं पाता. स्किन चिपचिपी हो जाती है और स्किन के पोर्स यानी छिद्र ब्लॉक हो जाते हैं. इसके चलते व्हाइट हेड्स, ब्लैक हेड्स, पिंपल्स और दूसरी समस्याएं शुरू हो जाती हैं.
इस बारे में ठीक से समझने और उनका समाधान जानने के लिए हमनें बात की डॉक्टर सुशील तहिलियानी से. वो मुंबई के हिंदूजा अस्पताल में कंसल्टेंट डर्माटोलोजिस्ट और डर्मैटो सर्जन हैं. उन्होंने बताया,
“बरसात में, कुछ स्किन के कंडिशल्स जैसे कि दाद, पिटेड केराटोलिसिस हो जाते हैं. पिटेड केराटोलिसिस बारिश में भीगने या ज्यादा देर तक पानी में रहने की वजह से पैरों में होने वाला एक बैक्टीरियल इन्फेक्शन है. मगर जिन लोगों को ड्राइ स्किन होने की वजह से एक्ज़ीमा की शिकायत रहती है, उन्हे थोड़ी राहत भी मिल सकती है. तो मानसून के कुछ कुछ लाभ भी हैं और कुछ हानियां भी.”

डॉक्टर तहिलियानी ने बताया कि बारिश के मौसम में स्किन चिपचिपी होने की वजह से हम जो उसे बार-बार फेसवॉश या साबुन से धोते हैं वो हमें नहीं करना चाहिए. बार-बार फेस वॉश करने से स्किन ड्राई हो सकती है. इससे स्किन डल हो सकती है. डॉक्टर तहिलियानी बताते हैं कि माइल्ड फेसवॉश का इस्तेमाल करना चाहिए. या फेस वॉश करने की ज़रूरत लगे तो सादे पानी से चेहरा धो लेना चाहिए. मानसून में सबसे ज़रूरी है कि आप ज्यादा देर तक गीले कपड़ों में न रहें.
उन्होंने बताया कि बारिश के मौसम में हमें चाय-पकौड़े के लालच से बचना चाहिए. और आरामदायक सूती कपड़े पहनने चाहिए. बारिश के दिनों में कई बार हमारी नाक और उसके आसपास ओपन पोर्स दिखते हैं. इससे लोग अक्सर परेशान हो जाते हैं. और उसे ढकने के उपाय करने लगते हैं. इसे लेकर डॉक्टर तहिलियानी ने बताया,
“ये पोर्स प्राकृतिक हैं, और इन्हीं की वजह से हमारी त्वचा सांस ले पाती है. इनको छेड़ना नहीं चाहिए. ऐसे प्रोडक्ट्स से बचकर रहना चाहिए जो झूठा दिलासा देती हैं.”
मानसून में होने वाली स्किन की समस्याओं को लेकर हमारे साथ इंटर्नशिप कर रही अवनि और प्रगति ने थोड़ा रिसर्च किया था. उन्होंने डर्मैटोलॉजिस्ट डॉक्टर श्रेया दास से बात की थी. डॉक्टर श्रेया ने बताया,
“गर्मी और बारिश के मौसम में हाई टेंपरेचर और ह्यूमिडिटी की वजह से इंफेक्शियस एजेन्ट्स जल्दी ग्रो करते हैं. जैसे इस मौसम में बाहर पड़ा खाना भी जल्दी खराब हो जाता है, वैसे ही स्किन भी इस वैदर में जल्दी खराब हो जाती है.”

डॉक्टर श्रेया ने स्किन इंफेक्शन से बचने के कुछ उपाय हमें बताए.
# हमेशा सुखे हुए कपड़े पहने, गीले नमी वाले नहीं
# कोशिश करें की आप ढीले कॉटन के कपड़े पहने.
# अपना तौलिया, चादर किसी से शेयर न करें.
# टाईट कपड़े न पहनें और कपड़ो की लेयरिंग न करें.
# स्किन को हमेशा हाईड्रेट रखना चाहिए.
# अधिक समस्या होने पर डर्मेटोलॉजिस्ट को ज़रूर दिखाएं.
आखिर में अगर आप अपने खान-पान का ध्यान रखेंगे तो आपकी स्किन हेल्दी रहेगी. बस आपको अपनी स्किन को इंफेक्शन से, इंसेक्ट बाइट से बचाना होगा.
मुस्लिम महिलाओं की ‘बोली’ लगाने वाली वेबसाइट के पक्ष में बोलकर ये ‘पत्रकार’ बुरे फंसे