पति की दूसरी शादी के बाद दो साल से अलग रह रही महिला को हाईकोर्ट ने तलाक की अनुमति दी
केरल की महिला ने 'इद्दत' से छूट की मांग की थी.
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केरल हाईकोर्ट ने शनिवार, 18 दिसंबर को कहा कि मुस्लिम महिला को तब तलाक दे दिया जाना चाहिए जब उसके पति ने दोबारा शादी कर ली हो और पत्नियों के साथ समान व्यवहार नहीं कर रहा हो. अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा कि कुरान पत्नियों के समान व्यवहार पर ज़ोर देता है और अगर इसका उल्लंघन होता है तो महिला को तलाक दे दिया जाना चाहिए.
क्या है पूरा मामला?
केरल के थालास्सेरी की एक महिला ने दावा किया कि वह लगभग 2 साल से अपने पति से अलग रह रही थी. इस दौरान पति के साथ उसके किसी भी तरह के शारीरिक संबंध नहीं रहे. याचिका के अनुसार, वह मेडिकल साक्ष्य तक देने को तैयार है कि वह गर्भवती नहीं है और 90-दिन की 'इद्दत' से छूट चाहती है. इस्लाम में इद्दत 90 दिन की एक अवधि को कहते हैं, जिसमें एक महिला को अपने पति की मौत या तलाक के बाद किसी अन्य पुरुष से शादी करने की इजाज़त नहीं होती. इस मांग के साथ वह पहले थालास्सेरी फैमिली कोर्ट गई, जहां उसकी याचिका को खारिज कर दिया गया. इसके बाद वह हाईकोर्ट चली गई.हाईकोर्ट में जस्टिस ए मोहम्मद मुस्ताक और जस्टिस सोफी थॉमस की बेंच ने कहा कि मुस्लिम तलाक अधिनियम की धारा-2(8) (एफ) के तहत महिला को तलाक की अनुमति तब दे दी जानी चाहिए जब पति की दूसरी शादी के बाद पहली पत्नी की उपेक्षा की जा रही हो. पति का पत्नी को 2 साल से ज़्यादा तक संरक्षण नहीं देना, तलाक देने के लिए पर्याप्त आधार है. याचिकाकर्ता एक 24 साल की महिला और उसका बेटा है. याचिका में कहा गया है, पति लगातार उसे मानसिक यातना देता था और 2019 में उसे घर से बाहर निकाल दिया. महिला ने 2019 में तलाक के लिए याचिका दायर की थी. पति भी 2019 के बाद पत्नी के साथ रहने का दावा नहीं करता. हालांकि, उसने दावा किया कि इस दौरान वह उसे आर्थिक सहायता देता रहा है. हाई कोर्ट ने अपनी रूलिंग में कहा कि वे सालों से अलग रह रहे थे, यह दर्शाता है कि पहली पत्नी को समान महत्व नहीं दिया जाता है. महिला ने पिछले साल फ़ैमिली कोर्ट के सामने अपने और अपने बेटे के रखरखाव के लिए पति के घर पर रखे गए अपने गहनों की वापसी की मांग की थी. फ़ैमिली कोर्ट की तरफ़ से यह मांग अब भी विचाराधीन है.Unequal Treatment Of Wives A Valid Ground For Divorce For Muslim Women: Kerala High Court https://t.co/YzGogNeSr0
— Live Law (@LiveLawIndia) December 19, 2021