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कर्नाटक: मुस्लिम लड़कियों का आरोप, क्लास में हिजाब पहनकर बैठने से रोका गया

कर्नाटक के दूसरे कॉलेजों में भी इस तरह के मामले सामने आए हैं.

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लड़कियों ने शिकायत की कि उन्हें उर्दू और अरबी भाषा बोलने से भी प्रतिबंधित किया गया है (तस्वीर - ट्विटर)
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16 जनवरी 2022 (Updated: 16 जनवरी 2022, 10:10 IST)
Updated: 16 जनवरी 2022 10:10 IST
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कर्नाटक का उडुपी ज़िला. यहां के सरकारी इंटर कॉलेज ने हिजाब पहनकर क्लास में बैठने को लेकर मुस्लिम लड़कियों पर प्रतिबंध लगा दिया है. पिछले 14 दिनों से हिजाब पहने लड़कियां क्लास में नहीं बैठ रही हैं. ऐसे मामले कर्नाटक के अन्य कॉलेजों में भी देखने को मिले हैं. उडुपी का मामला सोशल मीडिया के जरिए सामने आया, तो कई लोगों ने कॉलेज प्रशासन की आलोचना भी की. कहा कि कॉलेज छात्रों से उनकी धार्मिक पहचान नहीं छीन सकता. क्या है पूरा मामला? डेक्कन हेराल्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, उडुपी स्थित एक सरकारी कॉलेज ने बीती 1 जनवरी को मुस्लिम लड़कियों को क्लास में हिजाब पहनकर बैठने पर रोक लगा दी है. तब से यह लड़कियां स्कूल तो आ रही हैं, लेकिन क्लास अटेंड नहीं कर रही हैं. लड़कियों ने ये भी शिकायत की है कि उनके उर्दू और अरबी बोलने पर भी रोक लगाई गई है. इस पूरे मामले को लेकर कैंपस फ्रंट ऑफ़ इंडिया (CFI) और गर्ल्स इस्लामिक ऑर्गेनाईज़ेशन (GIO) जैसे छात्र संगठनों ने विवाद को सुलझाने के लिए प्रशासन से बात की, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है. कॉलेज विकास समिति के उपाध्यक्ष यशपाल सुवर्णा ने मीडिया को बताया कि कॉलेज में 150 से ज़्यादा अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियां पढ़ रही हैं, लेकिन कभी किसी ने ऐसी मांग नहीं उठाई. सुवर्णा का दावा है कि ये लड़कियां केंपस फ्रंट ऑफ़ इंडिया (CFI) से जुड़ी हुई हैं, और इसीलिए एक बखेड़ा खड़ा कर रही हैं. इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल रुद्र गौड़ा ने स्थानीय मीडिया को बताया कि लड़कियां परिसर में हिजाब पहन सकती हैं, लेकिन कक्षाओं में नहीं. प्रिंसिपल गौड़ा ने कथित तौर पर दावा किया है कि छात्र पहले भी कक्षाओं में प्रवेश करने के बाद हिजाब और बुर्का हटाते रहे हैं. दूसरे कॉलेजों में भी ऐसे मामले कर्नाटक के कोप्पा स्थित सरकारी कॉलेज में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया था. बीती 5 जनवरी को छात्रों का एक गुट हिजाब पहनकर आ रहीं मुस्लिम लड़कियों के विरोध में भगवा स्कार्फ पहनकर कॉलेज आ गया था. बालागड़ी सरकारी कॉलेज के छात्रों ने दावा किया कि अगर हिजाब पहनने की इजाजत है, तो भगवा साफ़ा भी पहना जा सकता है. इसके बाद इन छात्रों ने धरना प्रदर्शन भी किया. स्कूल प्रशासन पर भेदभाव के आरोप लगाए. मजबूरन स्कूल प्रशासन ने पेरेंट्स टीचर मीटिंग रखी, जिसमें नगर प्रशासन के अधिकारियों को भी शामिल किया गया. बालागड़ी सरकारी कॉलेज के प्रिंसिपल आनंद मूर्ति ने न्यूज़ एजेंसी PTI को बताया,
"यह निर्णय लिया गया कि हिंदू छात्र भगवा स्कार्फ नहीं पहनेंगे और मुस्लिम छात्राएं हिजाब नहीं पहनेंगी. लेकिन वे अपने सिर को ढंकने के लिए शॉल का इस्तेमाल कर सकती हैं. अगर कोई नियम का उल्लंघन करता है तो उसे कॉलेज से बर्खास्त कर दिया जाएगा."
आगे बताया,
"ऐसा ही एक मामला 3 साल पहले भी आया था. तब यह तय हुआ था की लड़कियां हिजाब पहनकर क्लास में बैठ सकती हैं, लेकिन नए छात्रों ने दाख़िला‌ लिया है और फिर से यह विवाद उठ रहा है."
विरोध कर रहे इन छात्रों ने कथित तौर पर पहले मुस्लिम लड़कियों को हिजाब पहनकर क्लास में आने से मना किया था.

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