बच्चों के कोविड इलाज में ये गलतियां हरगिज़ न करें
बच्चों में कोविड का इलाज बड़ों से एकदम अलग है.
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(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
हिंदुस्तान में कोविड की दूसरी लहर खत्म होते-होते ये भविषवाणी कर दी गई थी कि जब भी कोविड की तीसरी लहर आएगी, तब उसकी चपेट में ज़्यादा बच्चे आएंगे. तीसरी अघोषित लहर आ चुकी है और ये आशंका सच साबित हुई है. टाइम्स ऑफ़ इंडिया में छपी ख़बर के मुताबिक, अधिकारीयों का मानना है कि मुंबई जैसे शहरों में बच्चों में कोविड के जितने आधिकारिक मामले आए हैं, असल संख्या उससे कहीं ज्यादा है. अधिकारियों के मुताबिक कम टेस्टिंग की वजह से 20 दिसंबर 2021 और 6 जनवरी 2022 के बीच केवल 2000 बच्चे कोविड पॉजिटिव पाए गए.
इसकी एक वजह ये भी है कि ज़्यादातर बच्चों में काफ़ी माइल्ड लक्षण दिख रहे हैं. हमें सेहत पर ऐसे कई पेरेंट्स के मेल आए हैं जिनके आसपास बच्चों को कोविड हुआ है. वो जानना चाहते हैं कि अगर उनके बच्चे को कोविड हुआ तो उन्हें किस तरह का इलाज देना चाहिए. क्या बच्चों को अस्पताल में भर्ती करवाने की ज़रूरत है?
ये सारे सवाल हमने पूछे एक्सपर्ट्स से. साथ ही ये भी जानने की कोशिश की इस वेव में ज़्यादा बच्चों को कोविड इन्फेक्शन क्यों हो रहा है? जानिए क्या पता चला. थर्ड वेव में बच्चों को कोविड इन्फेक्शन ज़्यादा क्यों हो रहा है? ये हमें बताया डॉक्टर आशुतोष सिंहा ने.
डॉक्टर आशुतोष सिंहा, एडिशनल डायरेक्टर, बालचिकित्सा, फ़ोर्टिस हॉस्पिटल, नोएडा
-कोविड की पिछली वेव्स के मुकाबले, इस बार बच्चे ज़्यादा संक्रमित हुए हैं.
-इसका सबसे बड़ा कारण है कि ज़्यादातर एडल्ट्स को वैक्सीन लग चुकी है.
-ऐसे लोगों में या तो कोई लक्षण नहीं दिख रहे हैं या बहुत ही कम हैं.
-क्योंकि बच्चों को वैक्सीन नहीं लगी थी.
-इसलिए इनमें लक्षण देखे जा रहे हैं.
-हालांकि कोविड बच्चों को ज़्यादा तादाद में हो रहा है, लेकिन 90 प्रतिशत बच्चे घर पर ही ठीक हो रहे हैं.
-उन्हें अस्पताल में एडमिट करने की ज़रूरत नहीं पड़ रही है.
-लक्षण भी माइल्ड हैं. लक्षण -ज़्यादातर बच्चों में बुखार बड़ा लक्षण है.
-हल्का फीवर भी आ रहा है.
-कुछ बच्चों को हाई फीवर हो रहा है.
-इसके अलावा कुछ और लक्षण हैं जैसे सर्दी, खांसी, भूख न लगना.
-थोड़े बड़े बच्चों को कमज़ोरी महसूस हो रही है.
-चिड़चिड़ापन हो रहा है.
-वज़न घट रहा है.
-कुछ बच्चों को पेट में दर्द है.
-लूज़ मोशन हो रहे हैं.
हलाकि कोविड बच्चों को ज़्यादा तादात में हो रहा है, पर 90 प्रतिशत बच्चे घर पर ही ठीक हो रहे हैं
-सिर दर्द हो रहा है.
-इन लक्षणों का इलाज घर पर ही हो रहा है.
-बहुत कम प्रतिशत बच्चे अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं.
-वो भी इसलिए क्योंकि उन्होंने खाना-पीना छोड़ रखा है.
-इसलिए उन्हें आईवी फ्लूड की ज़रूरत पड़ रही है. इलाज -सही समय पर डॉक्टर से संपर्क करें.
-खुद दवाइयां न दें.
-कोविड का इलाज बच्चों में बड़ों से एकदम अलग है.
-बच्चों में लक्षणों के हिसाब से इलाज किया जाता है.
-बच्चों में एंटीबायोटिक का कोई रोल नहीं है.
-मल्टी-विटामिंस का कोई रोल नहीं है.
-जिंक का बहुत ज़्यादा काम नहीं है.
-विटामिन सी का भी इस्तेमाल बच्चों के इलाज से हटा दिया गया है.
-बच्चों को केवल सर्दी-खांसी की दवाइयां दी जाती हैं.
-ज़्यादा पानी पिलाना चाहिए.
-बहुत बार लोग डर के मारे बच्चों को ऐसी दवाइयां दे देते हैं जिनकी उनको ज़रूरत नहीं है.
-जैसे एज़िथ्रोमायसिन.
-ये दवाई बहुत ज़्यादा इस्तेमाल की जाती है.
-लेकिन कोविड के दौरान बच्चों को ये देने की ज़रूरत नहीं है.
-बच्चों में कोविड का इलाज बहुत सिंपल है.
-ध्यान दें कि कहीं बच्चे को सांस की तकलीफ़ तो नहीं हो रही.
-बच्चों का ऑक्सीजन मॉनिटर करते रहें.
-दिन में एक-दो बार ऑक्सीजन नापें.
बहुत कम प्रतिशत बच्चे अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं
-अगर ऑक्सीजन लेवल ठीक हैं, बच्चा खा-पी रहा है तो उसका इलाज घर पर ही करें. माता-पिता किन चीज़ों का ध्यान रखें -अगर बच्चों में लक्षण दिखते हैं या उनका टेस्ट पॉजिटिव आता है तो घबराएं नहीं.
-घबराकर माता-पिता बच्चों को बहुत ऐसी चीज़ें दे देते हैं, जिनकी ज़रूरत नहीं होती है.
-ज़्यादातर बच्चों के लक्षण माइल्ड हैं, वो ठीक हो रहे हैं. बचाव -बचाव के लिए मास्क और सैनिटाइज़र इस्तेमाल करें.
-5 साल से छोटे बच्चों को मास्क पहनने की ज़रूरत नहीं है.
-क्योंकि बच्चे लगातार मास्क नहीं पहन पाते हैं.
-5 साल से ज़्यादा उम्र के बच्चे मास्क पहनकर ही बाहर निकलें.
-भीड़ अवॉइड करें.
अगर बच्चों में लक्षण दिखते हैं या उनका टेस्ट पॉजिटिव आता है तो घबराएं नहीं
-अगर किसी को सर्दी, खांसी, बुखार है तो उसे बच्चे से दूर रखें.
-हाथों को धोते रहें.
-मास्क पहनें.
-सोशल डिस्टेंसिंग रखें.
आपने डॉक्टर साहब की बातें सुनीं. एक बात तो आपको समझ में आ गई होगी. कोविड का इलाज बच्चों और बड़ों में अलग होता है. जो दवाइयां आपने कोविड होने के बाद खाई हैं, या किसी एडल्ट को खाते हुए देखा है, वो बच्चों को अपने आप देना न शुरू करें. पहले डॉक्टर की सलाह लें. जो इलाज डॉक्टर बताएं, उसका पालन करें.