यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछ लें. लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.
हमें मेल आया अर्शी का. दिल्ली की रहने वाली हैं. उनका नौ साल का बेटा है, जो हरी सब्ज़ियां, हेल्दी फूड खाता ही नहीं है. उसे जंक फ़ूड की ऐसी लत लग चुकी है कि अर्शी परेशान हैं. डांटने-डपटने का भी फ़ायदा नहीं होता. ज़बरदस्ती खिलाओ तो उल्टी कर देता है. अब अर्शी को समझ नहीं आ रहा वो क्या करें. एक तो उन्हें डर है कि इस उम्र में जंक फ़ूड खाने से उसकी सेहत पर क्या असर पड़ेगा. दूसरी बात. वो ये नहीं समझ पातीं कि खाने में ऐसा क्या दें कि उनका बच्चा खा भी ले और वो हेल्दी भी हो. ये सिर्फ़ अर्शी की नहीं, कई मां-बाप की दिक्कत है. तो चलिए आज बात करते हैं जंक फूड के सेहत पर असर पर और जानने की कोशिश करते हैं कि क्या कोई तरीका है जिससे बच्चों को जंक फूड से दूर किया जा सके.
जंक फ़ूड से बच्चों की सेहत पर असर?
ये हमें बताया डॉक्टर रेखा ने.

जंक फ़ूड देखने में सुंदर होता है. उनमें तेल, घी, चीज़ और ऐसे फैट्स डालते हैं जो खाने में बहुत टेस्टी लगते हैं. इसमें नमक की मात्रा भी काफ़ी होती है. इन्हें खाने की आदत पड़ जाती है. जंक फ़ूड ज़्यादातर तला-भुना होता है. इस कारण बच्चों में मोटापा बढ़ रहा है जो कि उनके लिए खराब है. कम उम्र में मोटापे की वजह से बच्चों को ऐसी बीमारियां होने लगी हैं जो पहले के वक्त में बड़ों को होती थीं. जैसे डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, थायरॉइड, न्यूरोलॉजिकल प्रॉब्लम्स.
खाने के साथ-साथ बच्चों की दिनचर्या भी बहुत खराब हो गई है. वो आउटडोर गेम्स नहीं खेलते हैं. या तो पढ़ाई में लगे होते हैं या फिर टीवी-मोबाइल में लगे होते हैं. ऐसे में जंक फूड से जो एक्स्ट्रा कैलोरी बच्चों के शरीर में जा रही है, उसे वो पचा नहीं पा रहे हैं.
आजकल छोटे-छोटे बच्चों वो बीमारियां हो रही हैं वो पहले समय में बड़ों को होती थीं
बच्चे को ऐसा क्या खिलाएं जो हेल्दी हो और बच्चा ख़ुशी-ख़ुशी खाए भी?
अगर आप बच्चों को रोज़ दाल-चावल, सब्ज़ी खिलाने की कोशिश करेंगे तो वो नहीं खाएंगे. उसके लिए आपको जंक फ़ूड को हेल्दी बनाना पड़ेगा. अगर बच्चे को पिज़्ज़ा खाना है तो कोशिश करिए कि पिज़्ज़ा की चपाती यानी बेस गेंहू की बनाएं. इस बेस में सब्जियां ज़्यादा डालें. चीज़ की मात्रा कम रखें. चीज़ के साथ थोड़ा पनीर भी डाल दें. इससे उस पिज़्ज़ा में पोषण भी बढ़ जाएगा.
अगर बच्चे को नूडल का बहुत शौक है तो आप उसके लिए चपाती नूडल बनाइएं. चपाती नूडल बनाना बहुत आसान है. दो-तीन रोटियां को एक के ऊपर एक रखकर उनका रोल बनाइए. उनको पतला-पतला काट लीजिए. वो नूडल जैसे लंबे-लंबे बन जाएंगे. जैसे सब्जियों के साथ नूडल बनाते हैं, वैसे ही उसे भी बनाएं.

-अगर आप बर्गर की टिक्की बना रहे हैं तो उसमें आलू के बजाय सब्जियां डाल लीजिए. बच्चों को जहां तक हो सके कोल्ड ड्रिंक न दें. उसकी जगह नारियल पानी, फलों का जूस, नींबू पानी, लस्सी आदि दीजिए. मिल्क शेक और कोल्ड कॉफ़ी भी कोल्ड ड्रिंक से बेहतर हैं. कोल्ड ड्रिंक पीने से दांतों का एनामेल खराब होता है
-खिचड़ी भी बना रहे हैं तो उसे रंग-बिरंगी बनाइए
-पालक की रोटी में पनीर डाल दीजिए. ये काठी रोल जैसा लगेगा. रोल में सोया बीन भी डाल सकते हैं
-45 मिनट से लेकर एक घंटा आपका बच्चा रोज़ एक्सरसाइज करे
चलिए, उम्मीद है डॉक्टर ने जो टिप्स बताई हैं वो आपके काम ज़रूर आएंगी. इन्हें ट्राई ज़रूर करिएगा.
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