(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
आज हम सेहत पर एक बहुत ही सेंसिटिव टॉपिक पर बात करने वाले हैं. सेल्फ़ हार्म. यानी खुद को चोट पहुंचाना. अब आप में से बहुत लोग ये बोलेंगे कि भला खुद को कौन चोट पहुंचाता है? जवाब है बहुत लोग. ये लोग आपके बीच में ही हैं. आपके दोस्त, रिश्तेदार, परिवार वाले या कोई कलीग भी हो सकता है. बस आपको ये पता नहीं है. हमें सेहत पर मेल आया Lallantop के एक व्यूअर का. वो नहीं चाहते थे हम उनकी पहचान शो पर बताएं. कानपुर के रहने वाले हैं. 20 साल के हैं. उन्होंने बताया कि कुछ निजी कारणों से वो बहुत ज़्यादा स्ट्रेस में रहते हैं. उदास रहते हैं. कई बार उस उदासी और दुःख में वो खुद को चोट पहुंचा लेते हैं. जैसे अपने शरीर के कई हिस्सों पर काटना. ऐसा करते वक़्त उन्हें राहत महसूस होती है. हालांकि, उन्हें इस बात का अंदाज़ा है कि उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए. पर वो खुद को रोक नहीं पाते. दुःख से डील करने के लिए उन्होंने सेल्फ़ हार्म को एक हथियार बना लिया है. वो इस बारे में किसी से बात नहीं कर सकते. वो चाहते हैं हम उनकी मदद करें. किसी एक्सपर्ट से बात कर के इसका इलाज बताएं. हो सकता है आप भी किसी ऐसे इंसान को जानते हों जो खुद को चोट पहुंचाता है. हम सबसे पहले इस बारे में बात करते हैं कि ऐसे क्या कारण हो सकते हैं जिनकी वजह से इंसान सेल्फ़ हार्म करता है.
सेल्फ़ हार्म करने के पीछे कुछ आम कारण
ये हमें बताया डॉक्टर प्रीति सिंह ने.

-सेल्फ़ हार्म एक बहुत ही कॉमन कंडीशन है
-जो ख़ासकर यंग अडल्ट्स और टीनएजर्स में देखी जा रही है
-लड़कियों और महिलाओं में ये ज़्यादा आम है
-इसमें लोग अपने आप को शारीरिक नुकसान पहुंचाते हैं
-चाहे वो अपने आप को काटना हो
-हाथों या कलाई के पास
-जांघों के पास
-या कोई ऐसी जगह जो दिखती नहीं है
-कुछ लोग अपना सिर मार लेते हैं दीवार पर
-हाथ मार लेते हैं
-खुद को चोट पहुंचा लेते हैं
-ऐसे लोग बहुत तनावग्रस्त होते हैं
-अपने इमोशन को नहीं कंट्रोल कर पाते हैं
-खुद को चोट पहुंचाकर लोग खुद को डिसट्रैक्ट करते हैं
-अपना दर्द एक्सपीरियंस करने में मदद करते हैं
-क्योंकि उनको लगता है उनका दर्द कोई समझ नहीं सकता
-इसलिए लोग इस तरह के कोपिंग मैकेनिज्म इस्तेमाल करते हैं

परिवार, दोस्त किन लक्षणों पर नज़र रखें
-जो लोग सेल्फ़ हार्म करते हैं वो ज़्यादातर उदास रहते हैं
-अलग-थलग रहने लगते हैं
-बहुत रोना आता है
-नींद पूरी तरह से नहीं ले पाते
-काम पर असर पड़ने लगता है
-कई बार आपको ऐसे लोगों के हाथों पर निशान दिख जाएंगे
-बैंड ऐड लगाया होगा
-या टैटू बनवाया होगा चोट छुपाने के लिए
-अगर ये चीज़ें दिख रही हैं तो इसे नज़रअंदाज़ न करें
-आप उनसे बात करने की कोशिश करें
-मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट से मदद लेने की कोशिश करें
-उनको मोटिवेट करें कि वो किसी एक्सपर्ट से मिलकर इलाज ज़रूर लें
क्या ये कोई डिसऑर्डर या बीमारी है?
-सेल्फ़ हार्म एक बीमारी का रूप भी ले सकती है
-अगर समय पर इलाज न मिले
-अक्सर ये पाया गया है कि ऐसे लोगों का मूड स्थिर नहीं रहता
-डिप्रेशन होता है

इलाज
-इसका इलाज मुमकिन है
-अगर एक्सपर्ट द्वारा दी गई दवाइयां ली जाएं
-ये दवाइयां मूड को ठीक करने में मदद करती हैं
-साइकोथेरेपी एक बहुत ही असरदार इलाज है
-जिसे डायलेक्टिकल बिहेवियर थेरेपी कहते हैं
-इसमें मूड को कैसे मैनेज कर सकते हैं, इसके तरीके सीखते हैं
-ट्रिगर को पहचानते हैं
-जैसे जो आमतौर पर रिलेशनशिप में प्रॉब्लम होती हैं
-या अक्सर इंसान अपनी बात कह नहीं पाता
-ये सारे कारण मिलकर बहुत ही तनावग्रस्त माहौल बना देते हैं
-इसलिए इंसान इस तरह के तरीके खोजता है
-पर हां, इस प्रॉब्लम का इलाज मुमकिन है
-एक एक्सपर्ट से ज़रूर मिलें
-इलाज करवाएं
हमें अक्सर ऐसा लगता है कि हमारा दुःख कोई नहीं समझ सकता. सच भी है. कोई न जाने पीर पराई. पर खुद को चोट पहुंचाना इसका इलाज नहीं है. आप केवल खुद को और दुःख दे रहे हैं. अगर आपको लगता है कि आपके आसपास कोई आपको नहीं समझेगा तो आप एक्सपर्ट की मदद लें. वो आपको इससे डील करने का तरीका बताएंगे. जैसा आपने डॉक्टर प्रीति को कहते सुना. इसका इलाज हरगिज़ मुमकिन है. इसलिए चुप न रहें. मदद लें.
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