हाथरस में कथित गैंगरेप पीड़िता के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस ने ही शव का दाह संस्कार किया है, लड़की के गांव में. इसके अलावा ये भी रिपोर्ट्स हैं कि जब शव को जलाया जा रहा था, तब घरवाले वहां मौजूद नहीं थे. घरवालों का कहना है कि वो शव को एक बार घर लाना चाहते थे, लेकिन पुलिस नहीं मानी. ‘इंडिया टुडे’ की रिपोर्टर तनुश्री पांडे 30 सितंबर की रात लड़की के गांव में ही मौजूद थीं. लगातार अपडेट दे रही थीं. उन्होंने कुछ वीडियो अपने ट्विटर पर भी पोस्ट किए, जिनमें कुछ पुलिसवाले पीड़ित परिवार को अंतिम संस्कार पर ज्ञान देते दिख रहे हैं. एक अधिकारी ने घरवालों और गांववालों से कहा,
“समाज के रीति-रिवाज, परम्पराएं समय के हिसाब से बदलती हैं. ये एक असाधारण स्थिति है. इस स्थिति में कुछ गलतियां आपसे हुई हैं, इसे आपको स्वीकार करना चाहिए. कुछ गलतियां और लोगों से भी हुई हैं, उन्हें भी स्वीकार करना चाहिए. अब बात हो गईं, शव हमारे पास आ गया. पोस्टमार्टम हुए 12-14 घंटे हो गए. बॉडी का अपना एक टाइम होता है. इस पर विचार करो, मन बनाओ. बड़े-बुजुर्ग को बुला लो, हल करो. हठ मत करो. आपस में विचार करो. ये कहीं नहीं लिखा है कि दाह संस्कार रात में नहीं होता है, ये होता है. सब समझदार लोग हैं.”
#HathrasCase Can’t believe my ears. UP cop giving gyaan to inconsolable family – “riti riwaaz samay ke saath badalte hain. Aur aap log maaniye ki aap log se bhi galti hui hai”
Family begging “why are you not letting us take our daughter home for sometime? Why are you forcing” pic.twitter.com/oRkinNmpzS
— Tanushree Pandey (@TanushreePande) September 29, 2020
एक और वीडियो में दूसरे अधिकारी कह रहे हैं,
“मैं राजस्थान से हूं और हमारे कल्चर में हम देर तक शव नहीं रखते. बाकी सब आप देख लीजिए.”

घरवालों का आरोप-लड़की के भाई का कहना है कि वो एक आखिरी बार अपनी बहन के शव को घर ले जाना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उनकी एक न सुनी. भाई ने कहा,
“पुलिस ने हमें जबरदस्ती अंतिम संस्कार करने को कहा. हमें अंतिम दर्शन भी नहीं करने दिए. हम पार्थिव शरीर को सुबह तक अंतिम दर्शन के लिए रखना चाहते थे. हमारी मांग थी कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी आएं और हमारी सुनवाई हो. हम दरवाजे बंद कर बैठे थे क्योंकि पुलिस हमें जबरदस्ती श्मशान घाट ले जाना चाहती थी.”
वहीं कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, घरवालों ने पुलिस के डर से खुद को घर में बंद कर लिया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस की गाड़ी रात करीब 12 बजकर 45 मिनट के आस-पास गांव पहुंची. शव लेकर. 2:45 और 3 बजे के आस-पास दाह संस्कार कर दिया गया.
पुलिस ने गैंगरेप से इनकार किया है
इस केस में लड़की की रीढ़ की हड्डी टूटने, जीभ कटने और गैंगरेप होने की बात सामने आई थी, जिसे 29 सितंबर को पुलिस ने खारिज कर दिया. हाथरस के एसपी विक्रांत वीर ने कहा है कि न तो हाथरस के, न ही अलीगढ़ के डॉक्टर ने इस बात की पुष्टि की है कि मृतका के साथ सेक्सुअल असॉल्ट हुआ है. इस पूरे मामले की जांच डॉक्टरों और फॉरेंसिक टीम से कराई जाएगी. एसपी ने यह भी कहा है कि प्राइवेट पार्ट में चोट लगने की बात भी गलत है.
एसपी का कहना है कि जीभ काटने की बात सरासर झूठी है. उन्होंने कहा कि पीड़िता के बयान रिकॉर्ड किए हैं. कई जगह इस तरह की बातें भी रिपोर्ट की जा रही हैं कि पीड़िता की रीढ़ की हड्डी टूटी है. ये बात भी पूरी तरह से गलत है. पीड़िता को गला घोंटकर मारा गया है, इसकी वजह से उसके गले पर चोट के निशान आए हैं. उन्होंने कहा कि यही वजह है कि मामला इतना बिगड़ गया.
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