यूपी का हाथरस जिला. आरोप है कि यहां एक गांव में 14 सितंबर की सुबह 19 साल की एक दलित लड़की का गैंगरेप हुआ. उसे ज़िला अस्पताल में भर्ती कराया गया. फिर अलीगढ़ के अस्पताल ले जाया गया. वेंटिलेटर पर रही. फिर दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में एडमिट कराया गया. लेकिन उसे बचाने की सारी कोशिशें नाकाम रहीं. 29 सितंबर की सुबह उसकी मौत हो गई.
क्या है पूरा मामला?
‘इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के मुताबिक, 14 सितंबर की सुबह लड़की अपनी मां और भाई के साथ खेत गई थी. काम करने के लिए. उसके भाई को मां ने दूसरी तरफ भेज दिया. और वो अपनी बेटी के साथ काम करने लगी. कुछ देर बाद मां ने पीछे पलटकर देखा, तो बेटी उन्हें नहीं दिखी. उन्होंने सोचा कि हो सकता है कि वो घर चली गई होगी, लेकिन फिर उन्हें लड़की की गुलाबी रंग की चप्पल दिखी. उसे खोजा गया. करीब 100 मीटर की दूरी पर, खेतों में एक पेड़ के पास लड़की मिली. खून से लथपथ. बुरी तरह घायल. घरवाले उसे तुरंत ई-रिक्शा में अस्पताल लेकर गए. सफदरगंज में भी इलाज हुआ, लेकिन घटना के 15 दिन बाद लड़की की मौत हो गई.
हाथरस सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (SP) विक्रांत वीर ने लड़की के इलाज के दौरान बताया था कि उसे गर्दन में गहरी चोट लगी थी. वहीं लड़की का इलाज करने वाले डॉक्टर्स ने कहा था,
“स्पाइनल कॉर्ड (मेरुदंड- पीठ की वो हड्डी, जिस पर शरीर टिका होता है) में गहरी चोट लगी है, जिसके कारण पीड़ित के चारों लिम्ब्स पैरेलाइज़्ड हो गए हैं. इस वजह से वो ठीक से सांस नहीं ले पा रही है.”
इन चोटों के अलावा ये भी आरोप लगे थे कि लड़की की जीभ भी काटी गई है, हालांकि राज्य प्रशासन ने जीभ कटी होने की खबरों को गलत बताया है. हाथरस पुलिस ने ट्विटर के माध्यम से इसका खंडन किया है.
‼️खण्डन/Denial‼️
➡️ कतिपय सोशल मीडिया के माध्यम से यह असत्य खबर सार्वजनिक रुप से फैलायी जा रही है कि “थाना चन्दपा क्षेत्रान्तर्गत दुर्भाग्यपूर्ण घटित घटना में मृतिका की जीभ काटी गयी, आँख फोडी गयी तथा रीढ की हड्डी तोड दी गयी थी
हाथरस पुलिस इस असत्य एवं भ्रामक खबर का खंडन करती है pic.twitter.com/tyBTi1xZhp— HATHRAS POLICE (@hathraspolice) September 29, 2020
परिवार क्या कहता है?
परिवार के मुताबिक, मुख्य आरोपी गांव में ही रहने वाला 20 बरस का संदीप है. पीड़ित परिवार का कहना है कि संदीप ‘ऊंची जात’ से आता है. उसका परिवार ‘हमेशा से गांव के दलितों को परेशान करता रहा है’. 19-20 बरस पहले दोनों परिवारों के बीच लड़ाई भी हुई थी. संदीप के दादा ने पीड़ित लड़की के दादा को छोटी सी बात पर पीटा था, जिसके बाद SC/ST एक्ट के तहत केस भी दर्ज हुआ था. तीन महीनों तक वो जेल में भी रहा था.
‘इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के मुताबिक, ज़िला अधिकारियों ने बताया कि गांव में 600 परिवार रहते हैं. इनमें से आधे ठाकुर हैं, 100 परिवार ब्राह्मण हैं. करीब 15 परिवार दलित समुदाय से ताल्लुक रखते हैं.
पीड़ित परिवार के मुताबिक, लड़की जब खून से लथपथ मिली, तो वो कह रही थी, ‘संदीप ने किया’. लड़की का भाई, जो मज़दूरी करता है, उसने संदीप के खिलाफ केस दर्ज कराया. लड़की के भाई का कहना है,
“अपर कास्ट वालों ने हमेशा हमें नाम से बुलाया. हमने उन्हें इग्नोर किया. संदीप शराबी था, जो औरतों को परेशान करता था, लेकिन कभी किसी ने उसके खिलाफ शिकायत नहीं दर्ज कराई.”
घटना के बाद कुछ देर के लिए जब लड़की को होश आया था, तब उसने पुलिस को बयान दिया था. आरोप लगाया कि चार लड़कों ने उसका गैंगरेप किया. बयान दर्ज करने के बाद पुलिस ने संदीप, उसके अंकल रवि (35 बरस) और एक दोस्त लव-कुश को गिरफ्तार कर लिया. 26 सितंबर को चौथे आरोपी रामू की भी गिरफ्तारी कर ली गई.
लड़की की मां का कहना है कि घटना के बाद लड़की ने उन्हें बताया कि संदीप और रवि ने उसे पहले ही धमकी दी थी. मां ने रोते हुए कहा,
“उसने पुलिस को बताया कि वो इस डर से घर से बाहर निकलने से कतराती थी कि संदीप परेशान करेगा. काश मैं ये बात जानती. अब बहुत देरी हो गई है. उस दिन भी मैं 100 मीटर दूर ही थी उससे. मैं उसे बचा सकती थी. काश मुझे सुनने में दिक्कत नहीं होती, तो मैं उसकी आवाज़ सुन सकती थी.”
पुलिस का कहना है कि चारों आरोपियों के खिलाफ गैंगरेप और हत्या की कोशिश का केस दर्ज करके जांच हो रही है. जल्द से जल्द चार्जशीट फाइल कर दी जाएगी. SP विक्रांत वीर का कहना है कि पुलिस चाहती है कि परिवार को न्याय मिले. इसलिए वो सारे दस्तावेज़ फास्ट-ट्रैक कोर्ट में सौंपने वाले हैं, ताकि जल्दी एक्शन लिया जाए.
वहीं सोशल मीडिया पर ये मुद्दा हाथरस गैंगरेप मामले के नाम से चल रहा है. लोग लगातार आरोपियों को फांसी पर लटकाने की मांग कर रहे हैं.
वीडियो देखें: रेप का झूठा आरोप लगने पर उससे लड़ने के लिए भारतीय कानून क्या रास्ते दिखाता है?