हाथरस कथित गैंगरेप मामला. 19 बरस की पीड़ित लड़की ने 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ा. रात में उसके शव को अंतिम संस्कार के लिए उसके गांव लाया गया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस ने रात में ही शव का अंतिम संस्कार भी कर दिया, वो भी परिवार वालों की मर्ज़ी और मौजूदगी के बिना.
परिवार वालों का कहना है कि वो लगातार पुलिस से ये कहते रहे कि एक बार शव को घर ले जाने दिया जाए, लेकिन पुलिस ने उनकी एक न सुनी. अंतिम संस्कार 30 सितंबर की रात करीब 2:45 और 3 बजे के आस-पास हुआ.
‘इंडिया टुडे’ की रिपोर्टर तनुश्री पांडे और कैमरा पर्सन वकार पूरी घटना के वक्त विक्टिम के गांव में ही थे. उनकी रिपोर्ट के मुताबिक, लड़की के भाई का कहना है,
“पुलिस ने हमें जबरदस्ती अंतिम संस्कार करने को कहा. हमें अंतिम दर्शन भी नहीं करने दिए. हम पार्थिव शरीर को सुबह तक अंतिम दर्शन के लिए रखना चाहते थे. हमारी मांग थी कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी आएं और हमारी सुनवाई हो. हम दरवाजे बंद कर बैठे थे क्योंकि पुलिस हमें जबरदस्ती श्मशान घाट ले जाना चाहती थी.”
वहीं ‘इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के मुताबिक, लड़की के भाई ने कहा,
“ऐसा लगता है कि मेरी बहन का दाह संस्कार हो गया. पुलिस हमें कुछ नहीं बता रही है. हमने यही कहा कि आखिरी बार उसके शव को उसके घर के अंदर लाने दिया जाए, लेकिन हमारी नहीं सुनी गई.”
‘इंडिया टुडे’ की रिपोर्टर तनुश्री पांडे 30 सितंबर की रात उस गांव में ही मौजूद थीं. लगातार उन्होंने अपडेट दिया. उनकी रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस की गाड़ी रात करीब 12 बजकर 45 मिनट के आस-पास गांव पहुंची. पुलिस चाह रही थी कि तुरंत के तुरंत ही शव का अंतिम संस्कार कर दिया जाए. इसलिए गाड़ी सीधे श्मशान घाट पहुंची. पीड़ित परिवार चाहता था कि आखिरी बार लड़की के शव को घर ले जाया जाए, लेकिन रिपोर्ट्स के मुताबिक पुलिस कुछ नहीं सुन रही थी. घरवाले और पड़ोसी अंतिम संस्कार की प्रक्रिया को रोकने के लिए एंबुलेंस के सामने भी खड़े हुए. सबने कहा,
“हम जबरन हमारी लड़की का अंतिम संस्कार आपको नहीं करने देंगे”
लड़की की मां कहती रही कि एक बार, बस एक बार वो अपनी बेटी के शव को घर ले जाना चाहती हैं. लेकिन पुलिस ने कथित तौर पर उनकी बात नहीं सुनी. पुलिस ने रात :45 के करीब दाह संस्कार कर दिया. रिपोर्टर तनुश्री पांडे ने जब एक अधिकारी से पूछा कि क्या जल रहा है सामने, तो अधिकारी ने कोई जवाब नहीं दिया. वो बस ये कहते रहे कि वो यहां केवल कानून व्यवस्था देखने के लिए हैं, किसी को जवाब देने के लिए नहीं. अधिकारी का नाम संजीव कुमार शर्मा है. उन्होंने कहा,
“मैं, क्राइम ब्रांच में इंस्पेक्टर हूं. ऑफिस में अटैच हूं. थाने में नहीं हूं. मेरी ड्यूटी लॉ एंड ऑर्डर में लगाई गई है. ये देखने के लिए कि यहां कोई कानून व्यवस्था खराब न हो. आपके सवालों के जवाब देने के लिए ड्यूटी नहीं है मेरी.”
ABSOLUTELY UNBELIEVABLE – Right behind me is the body of #HathrasCase victim burning. Police barricaded the family inside their home and burnt the body without letting anybody know. When we questioned the police, this is what they did. pic.twitter.com/0VgfQGjjfb
— Tanushree Pandey (@TanushreePande) September 29, 2020
वहीं कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, घरवालों ने पुलिस के डर से खुद को घर में बंद कर लिया था.
इसी दौरान हाथरस के जॉइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा ने समाचार एजेंसी ANI से कहा,
“विक्टिम का अंतिम संस्कार कर दिया गया है. पुलिस और प्रशासन ये आश्वासन देती है कि अपराधियों को सज़ा मिलेगी.”
ये सब जानने के बाद ये भी जान लीजिए कि रात 2 बजकर 18 मिनट पर हाथरस पुलिस ने एक ट्वीट किया था. लिखा था,
“मृतका का शव गांव पहुंच गया है और परिवारवालों के अनुसार अंतिम संस्कार किया जाएगा.”
क्या है पूरा मामला?
14 सितंबर की सुबह लड़की अपनी मां और भाई के साथ खेत गई थी, काम करने के लिए. उसके भाई को मां ने दूसरी तरफ भेज दिया, और वो अपनी बेटी के साथ काम करने लगी. कुछ देर बाद मां ने पीछे पलटकर देखा, तो बेटी उन्हें नहीं दिखी. उन्होंने सोचा कि हो सकता है कि वो घर चली गई होगी, लेकिन फिर उन्हें लड़की की गुलाबी रंग की चप्पल दिखी. उसे खोजा गया. करीब 100 मीटर की दूरी पर, खेतों में एक पेड़ के पास लड़की मिली. खून से लथपथ. बुरी तरह घायल. घरवाले उसे तुरंत ई-रिक्शा में अस्पताल लेकर गए. सफदरगंज में भी इलाज हुआ, लेकिन घटना के 15 दिन बाद लड़की की मौत हो गई.
घटना के बाद लड़की की रीढ़ की हड्डी टूटने, जीभ कटने और गैंगरेप होने की बात सामने आई थी, जिसे 29 सितंबर को पुलिस ने खारिज कर दिया. हाथरस के एसपी विक्रांत वीर ने कहा है कि न तो हाथरस के, न ही अलीगढ़ के डॉक्टर ने इस बात की पुष्टि की है कि मृतका के साथ सेक्सुअल असॉल्ट हुआ है. इस पूरे मामले की जांच डॉक्टरों और फॉरेंसिक टीम से कराई जाएगी. एसपी ने यह भी कहा है कि प्राइवेट पार्ट में चोट लगने की बात भी गलत है.
एसपी का कहना है कि जीभ काटने की बात सरासर झूठी है. उन्होंने कहा कि पीड़िता के बयान रिकॉर्ड किए हैं. कई जगह इस तरह की बातें भी रिपोर्ट की जा रही हैं कि पीड़िता की रीढ़ की हड्डी टूटी है. ये बात भी पूरी तरह से गलत है. पीड़िता को गला घोंटकर मारा गया है, इसकी वजह से उसके गले पर चोट के निशान आए हैं. उन्होंने कहा कि यही वजह है कि मामला इतना बिगड़ गया.
वीडियो देखें: हाथरस: UP पुलिस ने केस की सबसे भयानक बातों पर दो बड़े दावे किए हैं