एक लड़का और लड़की ऑनलाइन मिलते हैं. चंद मुलाकातों के बाद दोनों शादी करने का फैसला करते हैं. परिवारवालों की रज़ामंदी से शादी भी हो जाती है. लेकिन शादी के तीन महीने बाद पता चलता है कि लड़का गे है. लड़की लड़के के खिलाफ़ धोखाधड़ी का केस करती है. धोखाधड़ी सिर्फ़ अपनी सेक्शुअलिटी छिपाने की नहीं बल्कि पैसों की ठगी के लिए भी. घटना महाराष्ट्र के ठाणे की है. यहां एक सेशन कोर्ट ने आरोपी लड़के की अग्रिम ज़मानत की याचिका खारिज कर दी है.
हनीमून के दौरान पता चली दूल्हे के गे होने की बात
आयुष और प्रिया (बदले हुए नाम) एक ऑनलाइन पोर्टल पर मिले. मिलने के कुछ वक्त बाद ही दोनों ने 20 नवंबर, 2021 को शादी कर ली. शादी के तीन महीने बाद से ही वो अलग रहने लगे. प्रिया ने बताया कि शादी के बाद जब वो और आयुष हनीमून पर गए तब आयुष कुछ बीमारियों का बहाना बनाकर शारीरिक संबंध बनाने से बचने लगा. साथ रहते हुए प्रिया ने आयुष के फोन में कुछ मेसेजेस देखे, जिनसे पता चल रहा था कि आयुष पुरुषों के साथ फोन सेक्स करता है.
इसके बाद प्रिया अलग रहने लगी. उसने आयुष के खिलाफ ठाणे के रबाले पुलिस थाने में केस दर्ज कराया. पुलिस ने आयुष का फोन ज़ब्त कर लिया था. फोन में आयुष और उसके मेल फ्रेंड्स के चैट्स मिले. चैट्स से आयुष के गे होने के साथ-साथ ये भी पता चला कि उसे पेरिआनल वार्ट्स नाम की बीमारी है. पेरिआनल वार्ट्स एनस के करीब स्किन के बढ़ने से होता है. ये HPV से होने वाली बीमारी है. HPV यौन रोगों का एक प्रकार है.

ठाणे के सेशन कोर्ट में प्रिया के वकील वी.ए. कुलकर्णी ने कहा,
“आरोपी ने शादी से पहले अपने बारे में बहुत सी बातें छिपाई. जैसे कि वो गे है. आरोपी ने याचिकाकर्ता के साथ फ्रॉड किया है. आरोपी कभी भी ऑपोज़िट जेंडर में इंटरेस्टेड नहीं था. उसने याचिकाकर्ता की ज़िंदगी खराब कर दी.”
आयुष ने शादी के पहले प्रिया को इंप्रेस करने के लिए अच्छी नौकरी होने की बात कही थी. केस के इंवेस्टिगेटिंग ऑफिसर ने कोर्ट को बताया कि आयुष ने शादी से पहले एक अच्छी नौकरी का नकली ऑफर लेटर भी प्रिया को दिखाया था. प्रिया ने आरोप लगाए हैं कि आयुष ने दहेज के लालच में उससे शादी की. उसका कहना है कि इस शादी से उसके परिवार का लाखों का नुकसान हुआ. प्रिया ने कहा,
” शादी में लड़की वालों को दिए जाने वाले सोने के गहनों को मिलाकर कुल 18 लाख 90 हज़ार का खर्च हुआ. “
इस तरह से यह मामला दहेज लेने का भी बनता है जो कि कानूनन अपराध है.
ठाणे सेशन कोर्ट ने क्या कहा?
एडिशनल सेशन के जज राजेश गुप्ता ने केस की सुनवाई की. उन्होंने कहा,
“सबसे पहले तो, यह मामला शादी के पहले अपने व्यक्तिगत जीवन के बारे में ज़रूरी बातें छिपाने का है. यह धोखाधड़ी का मामला है. आरोपी ने लड़की की ज़िंदगी खराब कर दी. “
कोर्ट ने ये माना कि आयुष ने फ्रॉड की नीयत से शादी की थी. आयुष की जमानत की अग्रिम याचिका भी कोर्ट ने खारिज कर दी है.
इस केस के ज़रिए दो बातें सामने आती हैं. पहला, शादी में दहेज के नाम पर लड़की वालों की तरफ़ से लाखों – करोड़ों खर्च करना. दूसरा, अपनी सेक्शुअल ओरिएंटेशन को छुपाकर इतना बड़ा धोखा करना.
ये सच है कि हमारे कल्चर में किसी भी समलैंगिक व्यक्ति के लिए अपना सच ज़ाहिर करना एक लंबी लड़ाई हो सकती है. लेकिन उसे छुपाकर किसी दूसरे का जीवन बर्बाद करना भी कोई सिंपथी नहीं जगाता है. ये केस ये साबित करता है कि शादियां लोग इसलिए नहीं करते कि खुद के लिए एक अच्छा जीवनसाथी चुन सकें. बल्कि इसलिए करते हैं कि मोटा दहेज पहले मिल जाए, बाद में तो पति-पत्नी समाज के प्रेशर में निभा ही लेंगे.
म्याऊं: लैवेंडर मैरेज पर ‘बधाई दो’ फिल्म के ट्रेलर के बाद से चर्चा