म्यांमार में तख्तापलट के खिलाफ ब्यूटी क्वीन ने क्या कहते हुए हथियार उठा लिए हैं?
2013 में थाईलैंड में हुए पहले मिस ग्रैंड इंटरनेशनल में म्यांमार को रिप्रज़ेंट कर चुकी हैं.
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फरवरी 2021 में हुए तख़्तापलट के बाद से म्यांमार में हालात ठीक नहीं हैं. जनता भी वहां सैन्य शासन के ख़िलाफ लामबंद होती दिख रही है. इस बीच टा टे टे (Htar Htet Htet) जिन्होंने 2013 में थाईलैंड में हुए पहले मिस ग्रैंड इंटरनेशनल में म्यांमार को रिप्रज़ेंट किया था, देश में जारी उथल-पुथल के बीच हथियार उठा लिए हैं. वो पिछले काफी समय से म्यांमार में सैन्य शासन और हिंसा को लेकर ट्वीट कर रही थीं. 11 मई को उन्होंने चे ग्वेरा की एक बात को कोट करते हुए ट्वीट किया –
“क्रांति कोई सेब नहीं, जो जब पक जाएगा तो नीचे आ ही जाएगा. इसे गिराने के लिए आपको प्रयत्न करने पड़ते हैं”
साथ ही उन्होंने बंदूक थामे हुए कुछ तस्वीरें पोस्ट कीं. फेसबुक पर 32 साल की टा टे टे ने लिखा कि इस क्रांति को सफल बनाने में हर किसी को अपना योगदान देना चाहिए. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक- उन्होंने कहा है कि वो तब तक लड़ती रहेंगी, जब तक लड़ सकेंगी. उन्हें जान की कोई परवाह नहीं है. उनका कहना है कि एक बार फिर से लड़ने का समय वापस आ गया है. चाहे आप एक हथियार, कलम, कीबोर्ड रखें या लोकतंत्र समर्थक आंदोलन के लिए पैसे दान करें. हर किसी को सफल होने की कोशिश करते रहना चाहिए. माना जा रहा है कि उनकी अपील के बाद सेना के खिलाफ लड़ाई में काफी लोग स्थानीय समूहों से जुड़ सकते हैं. म्यांमार के हालात 31 जनवरी 2021 को भारत के पड़ोसी देश म्यांमार में तख़्तापलट हुआ था. वहां की सर्वोच्च नेता आंग सान सू की और राष्ट्रपति विन म्यिंट को हिरासत में ले लिया गया. देश में एक साल के लिए इमरजेंसी का ऐलान कर दिया गया. ये तख़्तापलट किया वहां पर सेना के कमांडर इन चीफ मिन आंग ह्लाइंग ने. उन्होंने सत्ता पर अधिकार जमा लिया है और कोई इस का विरोध न कर सके, इसके लिए देश के अलग-अलग हिस्सों में सेना की तैनाती कर दी. दरअसल म्यांमार में लंबे वक्त तक सेना का ही शासन रहा है. साल 1962 से लेकर 2011 तक देश में सैनिक शासन रहा है. इस बीच 2010 में यहां चुनाव हुए और 2011 में लोकतांत्रिक सरकार बनी. लेकिन इसके बाद भी असली ताकत सेना के पास ही रही. रविवार 31 जनवरी 2021 को जो कुछ भी हुआ, उसे सैनिक शासन की वापसी माना जा रहा है. म्यांमार की राजधानी नेपीटाव और मुख्य शहरों में सेना तैनात है, इंटरनेट बंद कर दिया गया है और टेलीफोन सेवाएं भी स्थगित कर दी गई हैं. म्यांमार में फिलहाल गृहयुद्ध सरीखे हालात बन चुके हैं. 10 मई तक देश में करीब 780 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं. देश की जनता लगातार सैन्य दमन से त्रस्त है और अब लोग क्रांति के लिए लामबंद हो रहे हैं.The revolution is not an apple that falls when it is ripe. You have to make it fall. (Che Guevara) We must Win 💪💪💪 pic.twitter.com/iHEDhF314p
— Htar Htet Htet (@HtarHtetHtet2) May 11, 2021