Sulli Deal केस: पुलिस ने कथित मास्टरमाइंड को इंदौर से गिरफ्तार किया, पूछताछ में क्या पता चला?
आरोपी के पिता ने कहा- बेटे को फंसाया गया है.
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Sulli Deal केस में एक आरोपी को गिरफ़्तार किया गया है. दिल्ली पुलिस के इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रेटेजिक ऑपरेशंस (IFSO) ने शनिवार, 8 जनवरी को, मध्य प्रदेश के इंदौर के राजेन्द्र नगर इलाक़े से ओंकारेश्वर ठाकुर को हिरासत में लिया, जिसने कथित तौर पर 'सुल्ली डील्स' ऐप बनाया था. ये 'सुल्ली डील्स' मामले में पहली गिरफ़्तारी है.
इससे पहले हाल ही में सामने आए बुल्ली बाई केस में पुलिस ने 3 लोगों को गिरफ़्तार किया था.
Aumkareshwar Thakur, #SulliDeals
— ANI (@ANI) January 9, 2022
app creator and mastermind arrested from Indore. He was the member of Trad-Group on Twitter made to troll Muslim women: DCP KPS Malhotra, Intelligence Fusion and Strategic Operations (IFSO), Delhi Police Special Cell pic.twitter.com/Eb55Kqrwai
Sulli deal केस क्या है?
क़रीब 6 महीने पहले, GitHub पर सुल्ली डील्सनाम का एप्लिकेशन बनाया गया था. पत्रकारों और ऐक्टिविस्ट्स समेत सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं और लड़कियों की फोटो डालकर उनकी ऑनलाइन बोली लगाई जा रही थी. जुलाई, 2021 में कई महिलाओं ने दिल्ली और नोएडा पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. जिसके बाद ऐप को गिटहब से हटा लिया गया, लेकिन कोई गिरफ़्तारी नहीं हुई.
हाल ही में बुल्ली बाई
नाम से भी एक ऐसा ही ऐप बनाया गया था. 6 महीनों के अंदर ये ऐसी दूसरी घटना थी, जब मुस्लिम महिलाओं की अनुमति के बिना उनकी तस्वीरें अपलोड हुईं, उनके बारे में अभद्र कमेंट्स किए गए और उनकी बोली लगाई गई. बुल्ली बाई मामले के सामने आने के बाद जमकर बवाल हुआ. इसके बाद दिल्ली से लेकर मुंबई पुलिस ने केस दर्ज किया और 3 लोगों को गिरफ़्तार किया. बुल्ली बाई केस में गिरफ़्तारियों के बाद अब 6 महीने पुराने सुल्ली ऐप केस में पहली गिरफ़्तारी हुई है.
साइबर सेल के डीसीपी केपीएस मल्होत्रा ने कहा,
“हमने सुल्ली डील मामले में इंदौर से ओंकारेश्वर ठाकुर को गिरफ़्तार किया है. पूछताछ के दौरान उसने स्वीकार किया कि वह ट्विटर पर एक समूह (ट्रेड महासभा) में शामिल हुआ था और इसका मकसद मुस्लिम महिलाओं को बदनाम करना और उन्हें ट्रोल करना था."पुलिस ने बताया है कि हाल ही में बुल्ली बाई मामला सामने आने के बाद आरोपी ने अपने सभी सोशल मीडिया अकाउंट डिलीट कर दिए थे.
ओंकारेश्वर BCA का स्टूडेंट है. कथित तौर पर उसे ही Sulli Deal ऐप का मेन क्रिएटर बताया जा रहा है. आजतक के श्रेया चटर्जी की रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपी ने पूछताछ में बताया कि इस मामले में उसके अलावा दूसरे लोग भी शामिल हैं. जिन्होंने इसमें छोटी-छोटी भूमिकाएं निभाई थीं.
सुल्ली डील ऐप के होमपेज के स्क्रीनशॉट
Bulli deals ऐप के मास्टरमाइंड बताए जा रहे नीरज बिश्नोई ने जांच के दौरान जानकारी दी कि वह ओंकारेश्वर ठाकुर के संपर्क में है. इसके बाद पुलिस ने ओंकारेश्वर को गिरफ़्तार किया.
शुरुआती जांच में आरोपी ओंकारेश्वर ठाकुर ने कबूल किया है कि वह ट्विटर पर एक ट्रैड ग्रुप (TRAD group) का हिस्सा था जहां विशेष समुदाय को निशाना बनाया जाता था और बदनाम किया जाता था. आरोपी जनवरी 2020 में ट्विटर हैंडल @gangescion का इस्तेमाल कर ट्रैड ग्रुप में शामिल हुआ था.
पुलिस ने बताया कि समूह के सदस्य अक्सर चर्चा करते थे कि मुस्लिम महिलाओं को कैसे ट्रोल किया जाए. 'सुली डील्स' ऐप्लिकेशन बनने के बाद, इस ट्विटर ग्रुप के सदस्यों ने कथित तौर पर कई मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें अपलोड कीं, जिनमें प्रमुख हस्तियां भी शामिल थीं.
आरोपी के पिता क्या बोले?
आरोपी ओंकारेश्वर ठाकुर के पिता अखिलेश ठाकुर ने आज तक से आज बातचीत में बताया कि उनका बेटा आईटी बैकग्राउंड से है और वह ऐप बनाने का काम भी फ्रीलांसिंग पर करता है. लेकिन वो निर्दोष है और उसे फंसाया गया है. उन्होंने कहा,"कल दोपहर (8 दिसंबर) को क्राइम ब्रांच की टीम आई थी. मेरे बेटे को लैपटॉप और मोबाइल के साथ ले गई. मेरा बेटा आईटी एक्सपर्ट है. फ्रीलांसिंग पर काम करता है. ऐप बनाने में लोगों गाइड करता है. लेकिन इस तरह की कोई बात नहीं है. उसे फंसाया जा रहा है. हो सकता है गाइड करने में उसने किसी को कुछ बताया हो, ऐसे में उसका नाम बता दिया गया."
उनका कहना है कि आज सुबह उनके बेटे से उनकी बात कराई गई और वह आज शाम की फ्लाइट से दिल्ली जाएंगे. परिजन बार-बार दावा कर रहे हैं कि यह पूरी तरह झूठ है और उसे फंसाया गया है.