रेप के एक आरोपी को 12 फरवरी को दिल्ली हाईकोर्ट से ज़मानत मिल गई. आरोपी के वकील ने कोर्ट के सामने कहा कि आरोपी 23 जून 2020 से न्यायिक हिरासत में है, जबकि उसके ख़िलाफ लगे आरोप ग़लत हैं. वकील ने कहा कि शिकायत करने वाली महिला शादीशुदा है और आरोपी के साथ सहमति से रिलेशन में थी. बाद में जब बात बिगड़ी तो दुष्कर्म का आरोप लगा दिया. अपनी इस दलील के पीछे वकील ने सबूत के तौर पर महिला के हाथ पर बने एक टैटू का ज़िक्र किया. टैटू, जिसमें आरोपी व्यक्ति का नाम लिखा है. आरोपी के वकील ने कहा कि महिला भी आरोपी से प्यार करती थी, जिसका सबूत ये टैटू है.
इस पर शिकायतकर्ता महिला ने कहा कि ये टैटू उसके हाथ पर जबरन बनवाया गया है. कहा कि आरोपी ने उसे पिछले साल 25 जनवरी से 15 अप्रैल तक अपने घर में कैद करके रखा था. इसी दौरान जबरन उनके हाथ पर टैटू बनवाया. इस पर कोर्ट ने बड़ी टिप्पणी की. कहा –
“सामने वाले की रज़ामंदी के बगैर टैटू बनाना कोई आसान काम नहीं है. हमारी (कोर्ट की) राय में टैटू बनाना एक कला है और उसे बनाने के लिए एक विशेष प्रकार की मशीन की ज़रूरत होती है. शिकायतकर्ता के हाथ पर जहां ये टैटू बनाया गया है, वहां बनाना आसान नहीं. वो भी तब, जब उसने इस बात का विरोध किया हो. टैटू बनाना हर किसी का काम तो है नहीं, आरोपी का भी नहीं है और न उसका कोई टैटू बनाने का व्यवसाय है.”
ये टिप्पणी करते हुए कोर्ट ने आरोपी को ज़मानत दे दी. बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, शिकायतकर्ता महिला का आरोप है कि आरोपी उसे न्यूड फोटो और वीडियो के जरिए ब्लैकमेल करता था और फिजिकल रिलेशन बनाने के लिए फोर्स करता था. इसी के चलते दोनों के बीच 2016 से 2019 तक फिजिकल रिलेशन रहे थे.
आरोपी ने कोर्ट में क्या दावा किया?
आरोपी ने कोर्ट में कहा कि वह और महिला सहमति से इस रिलेशन में थे. जब उसने (आरोपी ने) रिलेशन को जारी रखने से मना कर दिया, तो महिला ने FIR दर्ज करवा दी और रेप का आरोप लगा दिया.
आरोपी ने कोर्ट में अपनी बात साबित करने के लिए महिला के हाथ पर बने अपने नाम के टैटू के साथ-साथ कुछ फोटो भी दिखाईं. इन फोटोज़ में दोनों एक-दूसरे को माला पहना रहे हैं, साथ में त्योहार मना रहे हैं. फेसबुक पर आई महिला की फ्रेंड रिक्वेस्ट का स्क्रीनशॉट भी दिखाया. आरोपी ने कोर्ट में ये भी कहा कि करीब तीन साल के रिलेशन के बारे में महिला ने कभी अपने पति से शिकायत नहीं की.
कोर्ट ने क्या कहा?
कोर्ट ने सभी दलीलों को सुनते हुए महिला के टैटू की बात पर तो गौर किया ही. साथ ही उन्होंने इस बात का भी ज़िक्र किया कि दायर याचिका के मुताबिक, महिला को जिस घर में कथित तौर पर कैद करके रखा गया था, वो महिला द्वारा खुद किराए पर लिया गया था. मकान मालिक के मुताबिक, महिला वहां अकेली रहती थी.
इतना ही नहीं, जब आरोपी को अरेस्ट किया गया था, तो उसका मोबाइल भी जब्त हुआ था, जिसमें से कोई भी न्यूड फोटो (जैसा महिला ने जिक्र किया था) नहीं मिली. और ना ही कोई वीडियो मिले. इन सब के बाद कोर्ट ने आरोपी को 25 हजार रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि के एक अन्य मुचलके पर जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया.
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