छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की राजधानी रायपुर. यहां पर कुछ विधवा महिलाओं ने आत्मदाह की कोशिश की. ये महिलाएं अपनी अन्य साथियों के साथ बीते 51 दिनों से प्रदर्शन कर रही थीं. खुद को पंचायत शिक्षकों की विधवा बताने वालीं इन महिलाओं की मांग है कि राज्य सरकार उन्हें अनुकंपा पर नौकरी दे. उनका यह भी कहना है कि कांग्रेस ने चुनाव से पहले सरकार में आने पर उन्हें नौकरी देने का वादा किया था. दूसरी तरफ, सरकार का कहना है कि वर्तमान नियमों के हिसाब से इन महिलाओं को नौकरी नहीं दी जा सकती.
13 साल से एक ही मांग
न्यूज 18 की रिपोर्ट के मुताबिक, कल यानी 8 सितंबर को रायपुर में प्रदर्शन कर रहीं दो महिलाएं धरना स्थल पर अग्नि सामाधि लेने का प्रयास करने लगीं. इस दौरान पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की. पुलिस और दूसरी महिला प्रदर्शनकारियों के बीच खींचतान भी हुई. आखिर में पुलिस की तरफ से पानी डालकर आग को बुझा दिया गया. किसी भी तरह की अनहोनी नहीं हुई.
स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, ये महिलाएं बीते 13 साल से अनुकंपा पर नौकरी की मांग कर रही हैं. लेकिन ना तो पिछली बीजेपी सरकारों ने और ना ही वर्तमान की कांग्रेस सरकार ने उनकी मांग पूरी की है. इन महिलाओं पर उनके बच्चों के पालन-पोषण की ज़िम्मेदारी है. नौकरी ना मिलने की वजह से ये महिलाएं घर छोड़कर राजधानी रायपुर में विरोध प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हैं. सरकार की तरफ से मांग ना पूरी किए जाने की वजह से ये महिलाएं इतनी हतोत्साहित हो गई हैं कि अब धराना स्थल पर ही आत्मदाह की कोशिश करने लगी हैं.
‘बहाना बनाती है सरकार’
ताज़ा मामले में ये महिलाएं पिछले 51 दिनों से विरोध प्रदर्शन पर हैं. इन प्रदर्शनकारी महिलाओं ने क्रमिक भूख हड़ताल भी शुरू की है. दो हफ्ते पहले पंचायत दिवंगत अनुकंपा नियुक्ति संघ प्रदेश अध्यक्ष माधुरी मिर्गे ने स्थानीय मीडिया को बताया,
“राज्य सरकार महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान को लेकर बड़े-बड़े दावे करती है. लेकिन सच्चाई यही है कि महिलाओं की सुनवाई नहीं होती. इस सरकार ने चुनाव के पहले वादा किया था कि सरकार में आते ही हम लोगों को अनुकंपा पर नौकरी दी जाएगी. कई महिलाओं की आर्थिक हालत बहुत बिगड़ चुकी है. बच्चे दाने-दाने के लिए मोहताज़ हो गए हैं. वो अपनी मां से पूछते हैं कि घर कब आओगी. मां कहती है कि धरने से सीधे नियुक्ति पत्र लेकर ही आएंगे नहीं तो वहीं प्राण त्याग देंगे.”
दो महिला प्रदर्शनकारियों द्वारा आत्मदाह की कोशिश के बाद इन महिलाओं ने फिर से सरकार से अनुकंपा पर नौकरी देने की मांग की. इन महिलाओं का कहना है कि सरकार बार-बार तरह-तरह के बहाने बनाकर उनकी मांग टाल देती है. लेकिन इस बार प्रदर्शनकारियों ने ठाना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, तब तक वो यहां से हिलेंगी नहीं.
इस बीच छत्तीसगढ़ के पंचायत मंत्री टीएस सिंह देव की भी प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा है कि नियमित कर्मचारी के आश्रितों को ही अनुकंपा पर नौकरी मिलती है. जो महिलाएं विरोध प्रदर्शन कर रही हैं, उनके पतियों की नियुक्ति नियमित नहीं थी. इन्हें नौकरी देने का कोई प्रावधान नहीं है. टीएस सिंह देव ने आगे कहा कि इन महिलाओं की मांगें आगे बढ़ाई गई हैं. शासन की तरफ से अनुमति मिलने पर इन्हें अनुकंपा पर नौकरी दी जाएगी.
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