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बड़ी कार कंपनी के ऐड में लोगों ने क्या 'ओछापन' देख लिया कि बवाल काट दिया?

ऐसी भद्द पिटी कि हर जगह से ऐड हटाना पड़ गया.

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Citroen के उस ऐड का स्क्रीनशॉट जिस पर विवाद हुआ.
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31 दिसंबर 2021 (Updated: 31 दिसंबर 2021, 15:52 IST)
Updated: 31 दिसंबर 2021 15:52 IST
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सिट्रॉन. फ्रांस की कार मेकिंग कंपनी है. इंडिया समेत कई देशों में इसकी कारें काफी फेमस हैं. दिसंबर में मिस्र में कार कंपनी ने एक ऐड लॉन्च किया. ऐड पर यौन शोषण को बढ़ावा देने के आरोप लगे. इतना विवाद हुआ कि कंपनी को विज्ञापन हटाना पड़ गया. क्या था उस ऐड में? ऐड में फीचर कर रहे थे मिस्र के सिंगर आमरो दिआब. विज्ञापन कार के कैमरा के बारे में था. इसमें आमरो दिआब कार के कैमरा से गाड़ी के पास से गुज़र रही महिला की फोटो खींचते दिखते हैं. और फिर फोटो सीधे उनके फोन में आ जाती है. फोटो देखकर वो मुस्कुराते हैं और साथ में लिखा आता है- हर खूबसूरत लम्हे को कैप्चर करें. इसके बाद दिआब उस लड़की को अपनी कार में इनवाइट करते हैं और दोनों कार के अंदर साथ में हंसते दिखते हैं. न्यूज़ एजेंसी AFP की रिपोर्ट के मुताबिक, मिस्र के सोशल मीडिया में इस विज्ञापन पर विवाद छिड़ गया. लोगों का कहना है कि ये ऐड यौन शोषण को बढ़ावा देने वाला है. इसमें कहीं पर भी ये नहीं दिखता है कि फोटो लेने से पहले महिला का कंसेंट लिया गया हो. ये एक बड़ा सिक्योरिटी कंसर्न है.
एक यूजर ने लिखा - ऐसा लग रहा है कि इसमें शोषण और प्राइवेसी ब्रीच को बढ़ावा दिया जा रहा है.
एक यूज़र ने लिखा- बड़ी दिक्कत ये है कि इस विज्ञापन के बनने से लेकर इसके प्रसारित होने तक, इससे जुड़ी टीम के एक भी शख्स के मन में ये सवाल नहीं आया कि क्या ये अप्रोप्रिएट है या फिर क्या इसमें कुछ गलत है?
विवाद बढ़ा तो सिट्रॉन ने 30 नवंबर को ये विज्ञापन हटा लिया. साथ में इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए जानकारी दी कि कंपनी किसी भी तरह के हरासमेंट को बर्दाश्त नहीं करती है. लिखा कि कार में दिया गया इनबिल्ट सेफ्टी कैमरा ट्रैवल के मोमेंट्स को कैप्चर करने के लिए है और आपकी सुरक्षा को बढ़ाने के लिए. हमें खेद है और हम समझते हैं कि फिल्म के इस हिस्से का नकारात्मक मतलब निकलकर आया. हमने सिट्रॉन के सभी प्लैटफॉर्म्स से इस विज्ञापन को हटाने का फैसला लिया है.

आमरो दिआब ने भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स से ये ऐड हटा लिया है.
अरब बैरोमीटर रिसर्च नेटवर्क के एक सर्वे के मुताबिक
, साल 2018-19 में मिस्र की 17 से 28 आयुवर्ग की 90 प्रतिशत लड़कियों के साथ सार्वजनिक जगहों में यौन शोषण हुआ था. वहीं, 29 से 40 आयुवर्ग की 85 प्रतिशत महिलाओं ने खुद के साथ यौन शोषण होने की बात स्वीकार की थी.

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